बीएलएड प्रशिक्षु ने की TET में आवेदन का मौका देने की मांग, अंतिम वर्ष के प्रशिक्षुओं को भी मिले मौका

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UPTET में NIOS से DElEd करने वालों को भी मौका

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टीईटी में एनआईओएस से डीएलएड वालों को भी मौका
अक्तूबर से आवेदन संभव

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) में एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी शामिल करने की तैयारी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने पूर्व में जो प्रस्ताव भेजा था उसमें एनआईओएस डीएलएड का जिक्र नहीं था।

पटना हाईकोर्ट के जनवरी 2020 में फैसले के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को टीईटी और शिक्षक भर्ती में मान्य किया था। केंद्र सरकार ने निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए एनआईओएस की ओर से डीएलएड प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी। यूपी में डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने डीएलएड किया है।


28 नवंबर को टीईटी कराने का प्रस्ताव भेजा है। अक्तूबर के पहले सप्ताह से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो सकते हैं। इससे पहले 2019 की टीईटी 8 जनवरी 2020 को कराई गई थी जिसमें 15 लाख अभ्यर्थी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक परीक्षा में शामिल हुए थे।

यूपीटीईटी 2020 के भेजे प्रस्ताव के अनुसार में NIOS से DELEd करने वालों को UPTET में नहीं मिलेगा मौका, क्या PNP इनको शामिल करने का दोबारा भेजेगी प्रस्ताव

UPTET : मार्च में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी ) 2020 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शामिल नहीं किया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में मान्य किया है। लेकिन यूपी-टीईटी में यह कोर्स मान्य नहीं है। यूपी-टीईटी के लिए न्यूनतम दो वर्ष का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करने वाले अर्ह हैं। जबकि एनआईओएस का डीएलएड 18 महीने का पत्राचार कोर्स है।

वहीं डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का तर्क है कि वे पहले से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। 6 महीने स्कूल में शिक्षण नहीं कराने के कारण उन्हें 18 महीने का कोर्स कराया गया है। यदि पहले से कोई निजी स्कूल में पढ़ा रहा था और उसने एनआईओएस से डीएलएड कर लिया है तो क्या सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं बन सकता। इन अभ्यर्थियों को टीईटी से बाहर करना नाइंसाफी है। यूपी में तकरीबन 1.50 लाख अभ्यर्थियों ने एनआईओएस से डीएलएड किया है।

टीईटी में झटका
– परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टीईटी के प्रस्ताव में नहीं किया शामिल
– 18 महीने का कोर्स होने के कारण डीएलएड को नहीं किया मान्य
– टीईटी में न्यूनतम दो साल के पाठ्यक्रम करने वालों को देते हैं मौका
– यूपी में तकरीबन डेढ़ लाख ने किया है एनआईओएस से डीएलएड

पंकज यादव (एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी) ने कहा, एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को टीईटी में शामिल करने का अनुरोध हमने सरकार और परीक्षा संस्था से किया है। यदि हमारी मांग नहीं मानी जाती तो कोर्ट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

NIOS से D.El.Ed डिप्लोमा धारक अब स्कूल के शिक्षक के पद के लिए कर सकेंगे आवेदन, न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए NCTE ने इस फैसले को किया स्वीकार, जारी किया पत्र

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वसूली करने वाले डीएलएड कॉलेजों की संबद्धता छिनेगी ,परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने आश्वासन दिया

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शिक्षक भर्ती में मान्य होना चाहिए एनआईओएस का डीएलएड कोर्स

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पूर्व अधिकारी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्र्कूंलग (एनआईओएस) की ओर से कराए गए डीएलएड कार्यक्रम को शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य करार देने के राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण परिषद (एनसीटीई) के फैसले को गलत करार दे रहे हैं। इन पूर्व अधिकारियों का कहना है कि यह शिक्षण प्रशिक्षण का कोर्स मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर कराया गया था, ऐसे में यह शिक्षक भर्ती के लिए अपने आप में पर्याप्त अर्हता है।
एनआईओएस के डीएलएड कार्यक्रम के समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूल शिक्षा सचिव रहे आईएएस अधिकारी अनिल स्वरूप ने इस मुद्दे पर हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि अब मैं सरकार से बाहर हूं, इसलिए मेरा इस मुद्दे पर टिप्पणी करना ठीक नहीं रहेगा। फिर भी मेरा मानना है कि यह कोर्स मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कहने पर शुरू किया गया था, इसलिए यह कोर्स शिक्षक भर्ती की जरूरी शर्तों को पूरा करने के योग्य है।

उठे सवाल
एचआरडी मंत्रालय के पूर्व अधिकारियों ने एनसीटीई के फैसले पर उठाए सवाल
कोर्स करने वाले 13 लाख शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार

अधिकारी ने कहा, एनसीटीई की गलती
एक अधिकारी ने कहा कि पूरे कार्यक्रम के दौरान इस बात जिक्र तो किया गया था कि यह सेवारत शिक्षकों के लिए है, लेकिन इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया था कि इस कोर्स को करने के बाद शिक्षक दूसरे स्कूलों में आवेदन नहीं कर पाएंगे। अधिकारी ने कहा कि यह एनसीटीई की गलती है।

कोर्स को अमान्य बताया
हाल ही में बिहार के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों ने जब सरकारी भर्ती के लिए आवेदन किया तो बिहार सरकार ने एनआईओएस के डीएलएड के बारे में राय मांगी कि क्या यह योग्यता शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह है? इसके जवाब में एनसीटीई ने 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को अमान्य करार दे दिया। इससे 13 लाख शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक गई है।
18 महीने का कोर्स
डीएलएड कोर्स 18 महीने का है। यह उन 15 लाख शिक्षकों के लिए था, जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। एनआईओएस ने करीब 13 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था।

अबकी बार डीएड और बीएलएड प्रशिक्षित भी UPTET 2019 में कर सकेंगे आवेदन

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कैबिनेट में उठा DELED का मुद्दा, प्रधानमंत्री ने जताई मामले के लंबा खिंचने पर चिंता

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की ओर से आयोजित विशेष DELED को बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए मान्यता न देने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट में प्रधानमंत्री ने इस मामले पर चिंता जताई और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस मामले में जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया।next
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री से निर्देश मिलने के बाद निशंक ने अधिकारियों से इस बारे में सभी पक्ष सामने लाने को कहा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण संस्थान (NCTE) ने एचआरडी मंत्री को मान्यता न देने के अपने फैसले के पीछे अतिरिक्त महाधिवक्ता की राय को आधार बताया है। वहीं, एनआईओएस चेयरमैन प्रो. सीबी शर्मा ने अपना पक्ष रखने के लिए HRD मंत्री से समय मांगा है।


मालूम हो कि 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन 15 लाख शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। एनआईओएस ने करीब 13 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था। इसके लिए संसद में कानून पारित कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी। हालांकि, यह कोर्स करने के बाद जब बिहार के निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों ने सरकारी भर्ती के लिए आवेदन किया तो बिहार सरकार ने NCTE से इस बारे में राय मांगी कि क्या ये शिक्षक भर्ती के लिए योग्य हैं? इसके जवाब में NCTE ने 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को अमान्य करार दे दिया। एनसीटीई के इस फैसले से इन 13 लाख शिक्षकों पर तलवार लटक गई है।next

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