डीएलएड 2021 प्रथम सेमेस्टर में 63% प्रशिक्षु फेल

डीएलएड 2021 प्रथम सेमेस्टर में 63% प्रशिक्षु फेल
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने गुरुवार को डीएलएड के विभिन्न सत्रों की सेमेस्टर परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया। सर्वाधिक 124319 प्रशिक्षु…

प्रयागराज। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने गुरुवार को डीएलएड के विभिन्न सत्रों की सेमेस्टर परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया। सर्वाधिक 124319 प्रशिक्षु डीएलएड 2021 प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के लिए पंजीकृत थे। इनमें से परीक्षा में उपस्थित 120852 प्रशिक्षुओं में से 75956 (62.85%) फेल हो गए। 44681 (36.97%) प्रशिक्षु पास हो सके। 3467 अनुपस्थित रहे और 199 का परिणाम अपूर्ण है।

डीएलएड 2019 तृतीय सेमेस्टर में पंजीकृत 51866 प्रशिक्षुओं में से 50148 उपस्थित हुए। इनमें से 15434 (30.77%) पास हो सके और 34621 (66.75%) फेल हो गए। डीएलएड 2019 द्वितीय सेमेस्टर परीक्षा के लिए पंजीकृत 29375 प्रशिक्षुओं में से 25771 उपस्थित हुए। इनमें से 12344 (47.89%) पास हो सके और 13415 (52.05%) फेल हो गए।

डीएलएड 2018 चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा के लिए पंजीकृत 11605 प्रशिक्षुओं में से 11365 उपस्थित हुए। इनमें से 3869 (34.04%) पास जबकि 7485 (65.86%) फेल हो गए। डीएलएड 2018 तृतीय सेमेस्टर परीक्षा में पंजीकृत 9654 प्रशिक्षुओं में से 9558 उपस्थित हुए। इनमें से 3431 (35.89%) पास और 6112 (63.94%) फेल हैं।

डीएलएड 2018 द्वितीय सेमेस्टर परीक्षा में शामिल 5372 प्रशिक्षुओं में से 1931 (35.94%) पास और 3441 (64.05%) फेल हैं। डीएलएड 2017 चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा में समिलित 2634 प्रशिक्षुओं में से 2066 (78.43%) पास और (21.48%) फेल हैं।

फतेहपुर – Online Varification के लिए पीएनपी का फतेहपुर बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश

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यूपी के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों का अनुपात का आकलन आया सामने,देखें विस्तृत में👇

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बेसिक शिक्षक भर्ती : बीएड-डीएलएड प्रशिक्षु अब आमने-सामने

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🛑 भर्ती से बीएड को बाहर करने पर अड़े डीएलएड वाले
🛑 2018 में बीएड को शिक्षक भर्ती में किया था मान्य

प्रयागराज । प्राथमिक स्तर की टीईटी 2021 के प्रमाणपत्र जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक एक अदद सरकारी नौकरी पाने की लड़ाई का परिणाम है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून 2018 को बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच तक) की शिक्षक भर्ती के लिए मान्य कर दिया था। जिसके बाद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में हजारों बीएड डिग्रीधारी शिक्षक पद पर चयनित हो गए।


उसी के बाद से डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) करने वाले बेरोजगारों में असंतोष था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बीएड डिग्रीधारी बेरोजगारों की संख्या तकरीबन 12 लाख और डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों की संख्या छह से सात लाख के आसपास बताई जा रही है। डीएलएड प्रशिक्षुओं का तर्क है कि बीएड का कोर्स माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए तैयार किया गया है।


चूंकि पहले उत्तर प्रदेश में डीएलएड (बीटीसी) प्रशिक्षुओं की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं थी इसलिए बीएड डिग्रीधारियों को एक जनवरी 2012 तक प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए छूट दी गई थी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में विवाद के कारण समयसीमा बीतने पर बीएड वालों को 31 मार्च 2014 तक नियुक्ति में छूट बढ़ानी पड़ी थी।


उसके बाद बीएड वाले प्राथमिक स्कूलों की भर्ती से बाहर हो गए थे। हालांकि एनसीटीई ने 28 जून 2018 को फिर से बीएड करने वालों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर लिया। जिसके चलते डीएलएड करने वालों की शिक्षक भर्ती में चयन की संभावना कम हो गई।

पंचायत चुनाव की वजह से UPTET और डीएलएड परीक्षा में हो सकती है देरी

लखनऊ: कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में टाली गई यूपी टीईटी और डीएलएड परीक्षा के आयोजन में अभी देरी हो सकती है. हालांकि दोनों परीक्षाओं के लिए शासन को दो बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. शासन से मंजूरी के बाद ही परीक्षा का आयोजन कराया जा सकेगा.

दरअसल ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अप्रैल महीने में पंचायत चुनाव के बाद 2020 में टाली गई टीईटी और डीएलएड की परीक्षा अप्रैल के बाद के महीनों में आयोजित कराई जा सकती है. इसके अलावा ये भी कयास लगाया जा रहा है कि यूपी में 12 मई तक होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं की वजह से भी टीईटी और डीएलएड एग्जाम में विलंब हो रहा है.

टीईटी-2020 और डीएलएड-2020 के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से अब तक दो बार शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. दिसंबर महीने में भेजे गए प्रस्ताव में 28 फरवरी 2021 को परीक्षा आयोजित कराए जाने की योजना थी, लेकिन ये परीक्षा नहीं कराई जा सकी.



इसके बाद शासन, एनआईसी और परीक्षा संस्था के बीच हुई बैठक में 7 मार्च 2021 को परीक्षा के आयोजन का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन इस पर भी कोई बात नहीं बन सकी. बहरहाल अब पंचायत चुनाव और बोर्ड परीक्षा के बाद ही टीईटी और डीएलएड एग्जाम की तारीख निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे छात्रों को कुछ दिन और इंतज़ार करना होगा.

स्‍कूल टीचर बनने के लिए जरूरी होगा TET एग्‍जाम, NCTE ने लिया फैसला

नई शिक्षा नीति-2020 में श‍िक्षा व्यवस्था में व्‍यवस्‍था की गई है कि आने वाले कुछ सालों में श‍िक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को सबसे मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए बीएड प्रोग्राम में बड़े बदलाव की बात कही गई है. इसके लिए श‍िक्षा नीति में वर्ष 2022 तक नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनसीटीई) को टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने को कहा गया था.

अब NEP 2020 के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने यह फैसला किया है कि किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए उम्‍मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा TET यानी Teachers Eligibility Test पास करना जरूरी किया जाएगा. एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमिटी गठित कर दी है.

एनईपी में प्रावधान क‍िया गया है क‍ि ये पैरामीटर नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स कहलाएंगे. काउंसिल यह कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी. अब तक टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ क्लास 1 से 8वीं तक के लिए थी. 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) के लिए इसकी जरूरत नहीं होती थी. अब किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना जरूरी किया जाएगा.

एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमेटी गठित कर दी है. स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए एनसीटीई यह तैयारी कर रहा है. नई श‍िक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के लिए अगले दो साल के भीतर न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से चार साल की होगी. ये एमए के बाद एक साल और इंटरमीडिएट के बाद चार साल की होगी.

बीएड के लिए कुछ इस तरह से व्यवस्था की जाएगी क‍ि बीएड की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिले जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो. चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी, लेकिन इसके जरिये विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे.

बता दें कि नई श‍िक्षा नीति में ये कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए. इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा. इसके अलावा टीच‍िंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.

कमेटी की उन सिफारिशों को भी मान लिया गया है जिसमें स्तरहीन शिक्षक-शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बात कही गई थी. अब सभी शिक्षण तैयारी/ शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्थानांतरित करके शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 4-वर्षीय एकीकृत चरण वाले विशिष्ट बी.एड. कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को अंततः न्यूनतम डिग्री की योग्यता प्राप्त हो सकेगी.

TET CERTIFICATE : दस महीने बाद जिलों में पहुंचे टीटी के प्रमाण पत्र

दस महीने बाद जिलों में पहुंचे टीटी के प्रमाण पत्र

🔴 कोरोना काल में छपाई बाधित होने के कारण हुई देरी

🔴 7 फरवरी को घोषित हुआ था परीक्षा का पपरिणाम

UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम

UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम

प्रदेश सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को फरवरी-मार्च में टीईटी कराने की मंजूरी दी है। प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चुतर्वेदी ने बताया कि टीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। एनसाईसी की ओर से उसका साफ्टवेयर तैयार करने के साथ आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। एनआईसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। एनआईसी की हरी झंडी के बाद टीईटी में आवेदन पत्र जमा करने और परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी।

69000 अवशेष चयन काउंसलिंग हेतु जनपदवार विज्ञप्तियां जारी

69000 अवशेष चयन काउंसलिंग हेतु जनपदवार विज्ञप्तियां जारी

36590 पदों की काउंसलिंग में कुछ जिलों में पदों की भरमार, और कुछ में काउंसलिंग ही नहीं, देखें विस्तार से

36590 पदों की काउंसलिंग में कुछ जिलों में पदों की भरमार, और कुछ में काउंसलिंग ही नहीं, देखें विस्तार से

इन जिलों में पदों की भरमार

परिषद सचिव ने बताया कि जिला आवंटन सूची के अनुसार सीतापुर में 2014, कुशीनगर में 1935, आगरा में 130, लखीमपुर खीरी में 1716, महराजगंज में 1328, अलीगढ़ 643, अमेठी 523, बलिया 909, बलरामपुर 350, बरेली 490, बस्ती 920, बिजनौर 231, इटावा 234, गोरखपुर 647 का आवंटन हुआ।

यहां दूसरे चरण की काउंसिलिंग नहीं

जिलावार आवंटन में लखनऊ, मऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और बागपत के सारे पद पहले चरण में ही भर चुके हैं। यहां दूसरे चरण की काउंसिलिंग नहीं होगी।

इन जिलों में बहुत कम चयनित

उन्नाव 145, अयोध्या 123, अंबेडकर नगर 62, कानपुर देहात 41, प्रयागराज में महज तीन को आवंटित हुआ है।

सचिव ने बताया कि प्रयागराज में पहले चरण में ही 936 सीटों पर काउंसलिंग हुई थी, ऐसे में अब यहां मात्र तीन सीट पर काउंसलिंग होगी। इसके अतिरिक्त आगरा में 123, अलीगढ़ में 643, आंबेडकरनगर में 62, अमेठी में 523, बलिया में 909, बलरामपुर में 350, बरेली में 490, बस्ती में 920, बिजनौर में 231, इटावा में 234, गोरखपुर में 647, कुशीनगर में 1935, महाराजगंज में 1328, सीतापुर में 2014, उन्नाव में 145, अयोध्या में 123, कानपुर देहात में 41, महराजगंज में 1328, लखीमपुर खीरी में 1716 पदों के लिए काउंसलिंग होगी।