प्रयागराज : एक समय था जब दादा कहानी सुनाते थे और बच्चे सुनते थे। अब बच्चे कहानी पढ़ेंगे और दादा जी व परिवार के अन्य सदस्य सुनेंगे। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के निपुण भारत अभियान के तहत देखने को मिलेगा। जनवरी, 2022 से 100 दिन का रीडिंग कैंपेन शुरू किया गया है। इसके तहत परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विद्यार्थी शिक्षकों, प्रेरणा साथी एवं प्रेरणा सारथी के माध्यम से अभिभावकों के वाट्सएप ग्रुप पर भेजी गई पाठ्य सामग्री को पढ़ेंगे।
100 Day’s Reading Campaigns Program की जानकारी के लिए क्लिक करें
इनमें रोचक लेख के साथ संख्या ज्ञान देने वाली कहानी, कविता आदि शामिल होगा। इसे पढ़ने के बाद वह परिवार के बड़े बुजुर्गों को सुनाएंगे। समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि निपुण भारत अभियान के तहत रीडिंग कैंपेन पूरे उत्तर प्रदेश में चलाया जा रहा है। इसकी निगरानी सभी शिक्षक, सीनियर रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी), अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी), बीईओ, बीएसए, डायट के प्राचार्य अपने स्तर से करेंगे। विद्यार्थी जो गतिविधि कर रहे हैं, उससे संबंधित तस्वीर भी उच्चाधिकारियों को साझा की जाएगी। इस गतिविधि के लिए शिक्षक अभिभावकों से फोन पर संपर्क कर उन्हें विद्यार्थियों के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित भी करते रहेंगे। प्रेरणा साथी व प्रेरणा सारथी खेल गतिविधि भी संचालित कराएंगे।
रचनात्मक व आलोचनात्मक चिंतन विकसित करने का लक्ष्य : बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि पढ़ना सीखने का मुख्य आधार है। यह अभियान बच्चों को स्वतंत्र रूप से पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। उनमें रचनात्मक व आलोचनात्मक चिंतन भी विकसित होगा। वह अपने परिवेश व वास्तविक जीवन को भली प्रकार समझ सकेंगे। 22 फरवरी को मातृ भाषा में पढ़ेंगे : अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 22 फरवरी को मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दिन देशभर के विद्यार्थी अपनी मातृ भाषा में कहानियों को पढ़ेंगे। इसके लिए स्कूलों में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। रीडिंग कैंपेन के तहत दीक्षा पोर्टल, प्रेरणा पोर्टल, एससीईआरटी की वेबसाइट पर भी पाठ्य सामग्री उपलब्ध है।