68500 Shikshak bharti पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ऐसे बदलें अपना मोबाइल नंबर
Month: February 2019
Fatehpur : अब उच्च प्राथमिक विद्यालय से मिलेगी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा, शासन ने 15 साधन संसाधन युक्त स्कूलों की सूची मांगी
डीएलएड 2019 में प्रवेश का प्रस्ताव भेजा, मई माह से ही ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी, देखें पूरी खबर
बिना संसाधन गांव-गांव अंग्रेजी की दीक्षा, अगले सत्र में उच्च प्राथमिक व नए प्राथमिक स्कूलों में होगी पढ़ाई, 10 चक्रों में 14 किताबों में हर पाठ के लिए पाठ सामग्री तैयार
स्कूल न आने वाले 5 शिक्षक बर्खास्त
68500 shikshak bharti पुनर्मूल्यांकन के उपरान्त अर्ह पाये गए 4733 अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन पत्र स्वीकार करने का शासनादेश हुआ जारी, 1 मार्च से 5 मार्च तक स्वीकार किये जायेंगें आवेदन, देखें पूरा आदेश
FATEHPUR : कला ,क्राफ्ट एवं पपेट्री के माध्यम से शिक्षण संबंधी परिणाम (लर्निंग आउटकम) की संप्रात्ति से संबंधित प्रतियोगिता के संबंध में आदेश जारी।
शिक्षा विभाग : कला क्राफ्ट एवं पपेट्री के माध्यम से शिक्षण संबंधी परिणाम (लर्निंग आउटकम) की संपत्ति से संबंधित प्रतियोगिता के संबंध में जारी आदेश👇
रचनात्मकता को बढ़ाने में शिक्षकों की अहम भूमिका
शिक्षा मनुष्य को देवत्व प्रदान करती है। -विवेकानंद
“गांधीजी ने ‘हिन्द स्वराज’ (पुस्तिका) में लिखा था- ‘अंग्रेजी शिक्षा लेकर हमने अपने राष्ट्र को गुलाम बनाया है। जो लोग अंग्रेजी पढ़े हुए हैं, उनकी संतानों को नीति ज्ञान, मातृभाषा सिखानी चाहिए और हिन्दुस्तान की दूसरी भाषाएं सिखानी चाहिए’। अन्य प्राचीन धर्मों की तरह वैदिक दर्शन की भी यह मान्यता है कि प्रकृति प्राणधारा से स्पंदित है।”
बालक की शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिसे वह अपने स्वतंत्र व्यक्तित्व को विकसित करते हुए अपनी योग्यताओं तथा क्षमताओं के अनुसार स्वतंत्र नागरिक के रूप में राष्ट्र की सेवा कर सके। चूंकि भारतवर्ष अब एक जनतंत्रात्मक समाजवादी राष्ट्र है इसलिए अब हमारी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सच्चे, ईमानदार तथा कर्मठ नागरिक उत्पन्न करना है।
अध्यापक एक ऐसा सामाजिक प्राणी है, जो बेड़ियों में जकड़ा है लेकिन उससे स्वतंत्र सोच वाले नागरिक बनाने की उम्मीद की जाती है। अध्यापक शैक्षिक प्रशासन के ‘भययुक्त वातावरण’ में जीता है और स्कूल में बच्चों के लिए ‘भयमुक्त माहौल’ बनाने का रचनात्मक काम करता है। बच्चों को सवाल पूछने और जवाब देने के लिए प्रेरित करता है। इससे अध्यापकों के सामने मौजूद विरोधाभास विचारों के टकराव को समझा जा सकता है। इसके कारण अध्यापकों को वैचारिक अंतरविरोध का सामना करना पड़ता है।
रेखा यादव (सहायक अध्यापक)
प्राथमिक विद्यालय ईटगांव
शिक्षा क्षेत्र ऐरायां फतेहपुर