मेरिट के आधार पर होंगे BEO के स्थानांतरण, कार्य दक्षता संकेतकों का किया गया निर्धारण, 13 बिंदुओं पर किया जाएगा मूल्यांकन

मेरिट के आधार पर होंगे BEO के स्थानांतरण,

कार्य दक्षता संकेतकों का किया गया निर्धारण, 13 बिंदुओं पर किया जाएगा मूल्यांकन

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का अब मेरिट के आधार पर स्थानांतरण होगा। विभाग ने इसके लिए शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए कार्य दक्षता संकेतक (वर्क परफॉर्मेंस इंडीकेटर) निर्धारित किए हैं। इसमें उनके कामों व चल रही योजनाओं के आधार पर उनको नंबर दिए जाएंगे। इसी आधार पर उनका मूल्यांकन कर स्थानांतरण किया जाएगा। प्रदेश में लगभग 1031 बीईओ तैनात हैं।

विभाग के अनुसार नए तबादला सत्र में समूह ग के लिपिकों का उनके वर्तमान तैनाती के स्थान पर अधिकतम ठहराव व बीईओ के लिए मेरिट के आधार पर स्थानांतरण प्रस्तावित किया गया है। समूह ग के कर्मचारियों का सही विवरण मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध कराने के निर्देश अपर शिक्षा निदेशक बेसिक को दिए गए हैं। वहीं, बीईओ के कार्य दक्षता संकेतक मानव संपदा पोर्टल पर फीड कर दिए हैं।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि आख्यागत अवधि में बीईओ अगर एक से अधिक ब्लॉक में काम करते हैं तो जिस ब्लॉक में वे अधिकतम समय होंगे, उसी के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। दो से अधिक विकास खंड का प्रभार होने की स्थिति में मूल विकास खंड के अनुसार मूल्यांकन किया जाएगा।


कार्य दक्षता संकेतक से संबंधित शासनादेश जारी करने के लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रेरणा, मानव संपदा, दीक्षा पोर्टल और विद्या समीक्षा केंद्र से संकलित डाटा के आधार पर इनका उद्देश्यपरक तरीके से मूल्यांकन होगा।



मूल्यांकन के प्रमुख मानक

बीईओ के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के संतृप्तीकरण, ब्लॉक में शिक्षकों की उपस्थिति की स्थिति, कुल नामांकन के सापेक्ष ग्रेड में उल्लेखनीय प्रदर्शन वाले छात्रों की संख्या, निपुण विद्यालयों की संख्या, दिव्यांग छात्रों की उपस्थिति, आवंटित बजट के व्यय, डीवीटी से लाभांवित छात्रों की स्थिति दक्षता संकेतक के मानक होंगे। इसके आधार पर बीईओ को लक्ष्य प्राप्त करने पर निर्धारित नंबर दिए जाएंगे।



बेसिक शिक्षा के प्रयोगों पर नजर

पूर्व में कुछ विभागों ने कार्य दक्षता संकेतकों के आधार पर अपने तबादले किए थे, जिसे काफी सराहा गया। हालांकि कुछेक विभागों में बाद में ऑनलाइन तबादलों में बदलाव की बात भी सामने आई। इससे ऑनलाइन सिस्टम में सुधार किए गए हैं। अब इसे पूरी तरह फूलप्रूफ बनाकर लागू करने का प्रयास हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में इस व्यवस्था को पारदर्शी तरीके से लागू करने के प्रयासों पर नजर है।

निपुण तालिका जूनियर विद्यालय- गणित ,विज्ञान ,हिंदी ,अंग्रेजी और सामाजिक विषय की निपुण तालिका कक्षा 6 से 8 तक व कक्षा 4 – 5 हेतु विकसित भाषा एवं गणित विषय की शिक्षक निर्देशिका के प्रयोग और वितरण के संबंध में दिशा निर्देश।

निपुण तालिका जूनियर विद्यालय- गणित ,विज्ञान ,हिंदी ,अंग्रेजी और सामाजिक विषय की निपुण तालिका कक्षा 6 से 8 तक व कक्षा 4 – 5 हेतु विकसित भाषा एवं गणित विषय की शिक्षक निर्देशिका के प्रयोग और वितरण के संबंध में दिशा निर्देश।

UPBasicEducationModel- परिषदीय विद्यालयों में तैनात रसोइयों को वित्तीय वर्ष 2019-20 जो मानदेय 500 रुपए था। उसे बढ़ाकर अब 2000 रुपए महीना

परिषदीय विद्यालयों में तैनात रसोइयों को वित्तीय वर्ष 2019-20 जो मानदेय 500 रुपए था। उसे बढ़ाकर अब 2000 रुपए महीना कर दिया गया है। विद्यालयों में तैनात रसोई में करीब 93 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं।

विद्यालयों में आदर्श किचन की स्थापना किए जाने के लिए प्रदेश के 27 विद्यालयों में नये बर्तन क्रय एवं 7215 विद्यालयों में बर्तन रिप्लेसमेन्ट हेतु छात्र नामांकन के आधार पर धनराशि आवंटित की गई।

NAT 1 के परीक्षा परिणाम बाद और NAT 2 परीक्षा के पूर्व तैयारी के संबंध में निर्देश जारी

NAT 1 के परीक्षा परिणाम बाद और NAT 2 परीक्षा के पूर्व तैयारी के संबंध में निर्देश जारी

आप अवगत हैं कि विभिन्न तिथियों में समस्त जनपदों में NAT 1 परीक्षा का आयोजन किया गया है। उक्त आकलन के आधार पर परीक्षा परिणाम 6 श्रेणियों A+, A, B, C, D एवं E में जारी किया गया है। अतिशीघ्र राज्य स्तर से बच्चों के लिये रिपोर्ट कार्ड भी उपलब्ध कराया जायेगा।

उक्त के सम्बन्ध में निम्नलिखित बिंदुओं पर आपका विशेष ध्यान आकर्षण करना है :

1. संदर्शिका के माध्यम से लेसन प्लान आधारित पढ़ाई।
2. सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के माध्यम से शिक्षकों को ऑनसाइट शैक्षिक सपोर्ट।
3. शिक्षक संकुल बैठकों को क्रियाशील करते हुये अकादमिक बिंदुओं के क्रियान्वयन का सबसे सशक्त माध्यम बनाना।
4. प्रत्येक स्तर यथा – DM /CDO समीक्षा बैठक / डायट प्राचार्य की मासिक समीक्षा बैठक / BSA -BEO साप्ताहिक बैठक / BEO – HT मासिक बैठकों में डेटा आधारित समीक्षा करना तथा गैप एनालीसिस करते हुए डेटा की परिशुद्धता एवं लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित करना।


अग्रेतर अवगत कराना है कि माह मार्च 2023 में NAT – 2 का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।


अतः संलग्न निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए विद्यालय, ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर गतिविधियां सुनिश्चित की जायें , जिससे कि माह मार्च 2023 में होने वाले NAT 2 में बच्चे और आपका ब्लॉक / जनपद बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

स्कूल में दाख‍िले का नियम बदला! केंद्र सरकार के निर्देश- न्यूनतम छह साल की उम्र में हो कक्षा-1 में दाख‍िला

स्कूल में दाख‍िले का नियम बदला! केंद्र सरकार के निर्देश- न्यूनतम छह साल की उम्र में हो कक्षा-1 में दाख‍िला

मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे प्रवेश के लिए छात्र की आयु सीमा को नई श‍िक्षानीति के अनुरूप तय करें. बच्चे को छह वर्ष या उससे अधिक की आयु में कक्षा 1 में प्रवेश प्रदान करें.

नई श‍िक्षा नीति (NEP) के तहत सरकार ने प्राथम‍िक श‍िक्षा में पॉलिसी लेवल पर कई बदलावों की बात की थी. एनईपी में आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूलों का रोल स्पष्ट किया गया है. इसमें पहली कक्षा में दाख‍िले की उम्र छह साल तय करने की बात की गई है. नई श‍िक्षा नीति को देश भर में लागू करने के लिए केंद्रीय श‍िक्षा मंत्रालय समय समय पर पहल कर रहा है. 

इसी क्रम में बुधवार 22 फरवरी को शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र छह साल तय करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल के सीखने के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और 2 शामिल हैं. 

केंद्रीय श‍िक्षा मंत्रालय केएक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि श‍िक्षा नीति इस प्रकार प्री-स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देती है. यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और एनजीओ में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है.  

गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों व विद्यार्थियों के मध्य आत्मीय संबंध विकसित करने हेतु दो माह का कार्यक्रम घोषित, गतिविधियों को प्रेरणा एक्टिविटी मॉड्यूल पर अनिवार्य अपलोडिंग का भी आदेश

गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों व विद्यार्थियों के मध्य आत्मीय संबंध विकसित करने हेतु दो माह का कार्यक्रम घोषित, गतिविधियों को प्रेरणा एक्टिविटी मॉड्यूल पर अनिवार्य अपलोडिंग का भी आदेश

UP Budget 2023 Update: योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार 2.0 के दूसरे बजट में 32 हजार 721 करोड़ की नई योजनाएं…यहां पढ़ें बड़े एलान

UP Budget 2023 Live Update: योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार 2.0 के दूसरे बजट में 32 हजार 721 करोड़ की नई योजनाएं…यहां पढ़ें बड़े एलान

लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कुल 690242.43 करोड़ का बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने कहा क‍ि, ‘आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। निःसंदेह, यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला होगा।’

यूपी के लोगों को म‍िली ये सौगातें
● अन्नपूर्ति योजना हेतु 21,791 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● समस्त अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न का प्रतिमाह निशुल्क वितरण माह दिसम्बर 2022 तक कराया गया।

● उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क कुकिंग गैस सिलिण्डर के रीफिल हेतु 3047 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● खाण्डसारी शक्कर योजना हेतु 218 करोड़ 40 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजनान्तर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं / बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा रही है।

● वित्तीय वर्ष 2023 2024 हेतु इस योजनान्तर्गत 56 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं यह योजना प्रदेश के 71 जनपदों में संचालित की जा रही है।

● उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशन” के रूप में 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण कराया जा रहा है।

● प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 1 करोड़ 85 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 291 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। छः वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने, 06 माह से 59 माह तक के बच्चों में एनीमिया के स्तर में कमी लाने, और गर्भवती / छात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के लिए 455 करोड़ 52 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रारम्भिक शिक्षा के क्षेत्र में बजट में हुए बड़े ऐलान


प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकारा एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है ।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।

● कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

माध्यमिक शिक्षा परिषद सम्बन्धित बजट में सरकार ने क‍िए ये बड़े ऐलान


● वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।

● माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय व माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय के ल‍िए 50-50 करोड़


प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।

● नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● देवीपाटन मण्डल में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्रमिकों के व‍िकास के ल‍िए योगी सरकार ने बजट में की बड़ी घोषणा


● मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 को चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को रूपये 6000 एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान है ।

निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रत्येक राजस्व मण्डल में 1000 बालक / बालिकाओं के लिये कक्षा 06 से कक्षा-12 तक अध्ययन हेतु अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं । इन विद्यालयों का संचालन आगामी सत्र 2023 2024 से प्रारम्भ किया जाना है। अवशेष निर्माण कार्य हेतु 63 करोड़ रूपये तथा उपकरण आदि के क्रय हेतु लगभग 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोष्टिक आहार हेतु लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रूपये 20,000/- तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रूपये 25,000/- बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।

● जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रूपये 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किये जाने का प्रावधान है।

● “निर्माण कागमार की मृत्यु विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजनाको एकीकृत करते हुये नयी योजना निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना कर दिया गया है।

● दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 5 लाख जो 05 वर्ष तक मासिक किश्त के रूप में दिया है, सामान्य मृत्यु पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में एवं अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25,000 एकमुश्त देय है।

● पूर्ण स्थायी दिव्यांगता पर रूपये 04 लाख 34 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत से कम पर रूपये 3 लाख 03 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत से कम पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में देय है।

● अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर हुयी दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में रूपये 01 लाख एकमुश्त देय है। इस योजना के अन्तर्गत समेकित की गयी समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2022 तक 37.149 लाभार्थी है तथा लगभग 419 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी है।

● महात्मा गांधी पेंशन योजना में प्रत्येक पात्र निर्माण श्रमिक जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर एवं पूर्ववर्ती कम से कम 10 वर्षों तक लगातार लाभार्थी के रूप में सदस्य बना रहता है, को प्रतिमाह रूपये 1000 की दर से पेंशन देय है, जो उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसकी पत्नी अथवा पति को दिये जाने का प्रावधान है।

इस लिंक से चेक कर सकते हैं कि PAN आधार लिंक हैं या नही

इस लिंक से चेक कर सकते हैं कि PAN आधार लिंक हैं या नही

https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/link-aadhaar-status



इस लिंक से चेक कर सकते हैं कि PAN आधार लिंक हैं या नही