Basic Shiksha Vibhag – पदोन्नति की कार्यवाही 8 नवम्बर तक पूर्ण किए जाने के सम्बंध में

सुप्रभात☕🌞🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 ओम् सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते। या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आप सभी को महानवमी की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं

🌹🌞☕सुप्रभात☕🌞🌹

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ओम् सर्वमंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते।
या देवी सर्वभूतेषु
मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
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🌹📚दिनेश चन्द्र स•अ•📚🌹

राजकीय विद्यालयों में दस हजार शिक्षकों की भर्ती फंसी

पांच साल से नहीं हुई एलटी भर्ती, अर्हता का शासनादेश जारी नहीं 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के 2332 राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता का मामला सुलझ नहीं सका है। शैक्षिक अर्हता तय करने के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने विषयवार पदों पर चयन के लिए मई में ही निर्धारित शैक्षिक और समकक्ष अर्हता पर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। लेकिन पांच महीने बाद भी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिल सकी है। जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अर्हता निर्धारित न होने के कारण विज्ञापन जारी नहीं कर रहा है। इसके चलते राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 10322 पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही है।इससे पहले राजकीय विद्यालयों में 10768 पदों पर एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए 15 मार्च 2018 को विज्ञापन आया था। उसमें ढाई हजार से अधिक पद रिक्त रह गए थे और प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया अब तक चल रही है। वहीं प्रवक्ता के 1473 पदों पर भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2020 को विज्ञापन आया था। एलटी भर्ती में हिन्दी समेत कुछ विषयों की अर्हता को लेकर विवाद होने पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यही कारण है कि आयोग ने इस बार विज्ञापन जारी करने से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से समकक्षता स्पष्ट करने को कहा है ताकि बाद में कोई विवाद न हो।

स्टाफ नर्स के एक पद पर 40 दावेदार

प्रयागराज। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत स्टाफ नर्स (पुरुष) के 171 पदों और स्टाफ नर्स (महिला) के 2069 कुल 2240 पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 90 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस प्रकार प्रत्येक पद पर औसतन 40 अभ्यर्थी मैदान में हैं। स्टाफ नर्स (पुरुष/महिला) परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 21 अगस्त को विज्ञापन जारी किया था।प्रांरभिक परीक्षा में रिक्त पदों के 15 गुना अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे। 85 अंकों की प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के 170 प्रश्न होंगे। दो घंटे की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 30, सामान्य हिंदी के 20 और मुख्य विषय नर्सिंग के 120 प्रश्न होंगे। तीन घंटे की मुख्य परीक्षा में 85 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। अंतिम चयन मेरिट के अनुसार होगा।

एक्स पर विवादित पोस्ट कर फंसे इविवि शिक्षक

देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर केस

विहिप के जिला संयोजक ने कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई एफआईआर

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में विहिप ने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। रविवार को मुकदमा दर्ज करने के बाद कर्नलगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी। आईटी एक्ट के मामले में पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी।विहिप के जिला संयोजक शुभम ने इविवि के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए व 295ए और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत कर्नलगंज थाने में रविवार शाम एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर के मुताबिक, डॉ. विक्रम कुमार ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट पर देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। डॉ. विक्रम ने देवता को जेल भेजने की बात लिखी है।आरोप है कि इस टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। समाज में रोष बढ़ रहा है। शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनके एक्स पर लिखे मैसेज का स्क्रीन शॉट भी पुलिस को सौंपा गया है। इस दौरान विहिप से जुड़े अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने तत्काल आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है।

कुलपति एवं विजिटर नॉमिनी को लिखा पत्र

इविवि के छात्र नेता हरिओम त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति संगीता श्रीवास्तव तथा विजिटर नामिनी डॉ. दीपाली पंत जोशी को पत्र लिखा है। कहा कि कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इनके आचरण से परिसर में तनाव है।

मैंने बच्चों में विज्ञान की तार्किकता बढ़ाने के लिए यह बात कही। इससे यदि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। -डॉ. विक्रम , असिस्टेंट प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

परीक्षार्थियों के लिए चलाई जाएंगी100 अतिरिक्त बसें 

28 और 29 अक्तूबर को होगा पीईटी,रोडवेज के अफसर करेंगे निगरानी

प्रयागराज, संवाददाता। इस माह के अंत में होने वाले पीईटी(प्रारंभिक पात्रता परीक्षा) में परीक्षार्थियों के सुगम आवागमन के लिए प्रयागराज से रोडवेज की 100 अतिरिक्त बसे चलेंगी। 28 और 29 अक्तूबर को परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के शहर में आने और जाने के लिए बसें चलाई जाएंगी।मुख्यालय के आदेश पर सिविल लाइंस, जीरो रोड, प्रयाग, लीडररोड डिपो से कानपुर, बांदा, गोरखपुर, उन्नाव, सुल्तानपुर, वाराणसी समेत अन्य शहरों के लिए अतिरिक्त बसें चलाने की तैयारी है। क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि इसके लिए सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ पांच सौ कर्मचारियों की डयूटी भी लगाई जा रही है। सभी को निर्देशित किया गया है बसों के फुल होते ही रवाना किया जाए और बस अड्डों पर भीड़ न जमा होने पाए इसकी निगरानी नोडल अफसर करेंगे। परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है इसके लिए 50 बसों को रिजर्व में रखा जाएगा।

कॉलेजों के परास्नातक कोर्स की होगी समीक्षा

सात साल पहले शुरू हुए थे पीजी कोर्स

समीक्षा के लिए कमेटी गठित की जाएगी

प्रयागराज। संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में चल रहे परास्नातक पाठ्यक्रमों की समीक्षा होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने के लिए कमेठी गठित करने का निर्णय लिया है। कमेटी कॉलेजों में चल रहे विषयों में छात्रों की रुचि, लैब, फैकल्टी और बुनियादी ढांचे की जांच करेगी। इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी।विदित हो कि तत्कालीन कुलपति प्रो. आरएल हांगलू ने वर्ष 2016 में कॉलेजों में परास्नातक पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्रदान की थी। शैक्षिक सत्र 2016-17 में अधिकतर कॉलेजों में कई विषयों में परास्नातक का संचालन सेल्फ फाइनेंस मोड में शुरू हो गया। इसके बाद शैक्षिक सत्र 2018-19 से पीएचडी भी शुरू हुआ।कॉलेजों में सात साल से पीजी चल रहा है। अब तक चार बैच निकल चुके हैं। जानकारों की मानें तो कई ऐसे कॉलेज हैं जिसमें सीट के बराबर भी प्रवेश नहीं हो रहे हैं। पीजी पाठ्यक्रमों की गुणत्तवा में सुधार के लिए समीक्षा होगी। पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा कि इविवि से संबद्ध कॉलेजों में संचालित हो रहे पीजी पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए कुलपति एक कमेटी गठित करेंगी।

रेडियो फ्रीक्वेंसी सर्किट व प्लेट बनाना सीखेंगे छात्र

पीसीबी डिजाइन, नेटवर्क वेक्टर पर विद्यार्थी करेंगे विस्तृत अध्ययन

अब तक परीक्षण को बीएचयू, आईआईटी दिल्ली-कानपुर जाते थे छात्र

अनिकेत यादव प्रयागराज। पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र, शोधार्थी अब इलेक्ट्रानिक उपकरणों में प्रयोग होने प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, माइक्रोबेस एंटीना और आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी प्रिंटेड) सर्किट व ट्रांसमिशन प्लेट्स बनाना सीख सकेंगे। इविवि के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग में 50 गीगा हर्ट्स की अत्याधुनिक माइक्रोवेव एंटीना परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई है।इंस्टीट्यूट के डॉ. आशीष कुमार सिंह ने बताया कि इस लैब से विश्वविद्यालय में पीसीबी डिजाइन, आरएफ सर्किट और माइक्रोवेव एंटीना डिजाइन कर स़केंगे। माइक्रोवेव एंटीना का उपयोग उच्च-फ़्रीक्वेंसी की रेडियो तरंगों के प्रसारण करने के लिए किया जाता है। प्रसारण के अलावा एंटीना का उपयोग रडार, रेडियो खगोल विज्ञान और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में भी किया जाता है। इन क्षेत्रों में अब गहन अध्ययन हो सकेगा। इसके परीक्षण के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शोधार्थियों को बाहर जाने की जरूररत नहीं होगी। इसमें पीसीबी डिजाइन, नेटवर्क वेक्टर एनालाइजर समेत कई मशीने हैं।वेक्टर नेटवर्क एनालाइज़र, एक माप उपकरण है जिसका उपयोग पैसिव उपकरणों जैसे केबल, एटेन्यूएटर और फिल्टर, साथ ही एम्पलीफायरों और कन्वर्टर्स जैसे ऐक्टिव उपकरणों को परीक्षण और विश्लेषण करें करने के लिए किया जाता है। इस लैब के लिए डीएसटी ने 1.62 करोड़ रुपये प्रदान किया है। लैब की क्षमता 50 गीगा हर्ट्स है।

परीक्षण के लिए नहीं जाना होगा बाहर

माइक्रोवेव एंटीना के परीक्षण के लिए अब तक शोधार्थी और छात्रों को बीएचयू, आईटी दिल्ली, आईटी कानपुर, आईटी और अन्य संस्थानों में जाना पड़ता था। इविवि में अत्याधुनिक लैब स्थापति होने से उन्हें परीक्षण के लिए बाहर नहीं जाना होगा। इस लैब में एंटीना माइक्रोवेव को डिजाइन, कार्यान्वित और परीक्षण कर सकते हैं।

नेपाल में भूकंप के तेज झटके

काठमांडू। राजधानी काठमांडू में रविवार को तेज भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, सुबह सात बजकर 39 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र धाडिंग जिले में था। भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। भूकंप के झटके बागमती और गंडकी प्रांतों में भी महसूस किए गए। काठमांडू से 90 किलोमीटर पश्चिम में धाडिंग जिले के ज्वालामुखी ग्रामीण नगर पालिका 5 कुमालटारी में 20 मकान नष्ट हो गए और 75 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्तूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था।

स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के शिक्षकों का ब्योरा मांगा

लखनऊ। प्रदेश के 331 अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अनुमोदित शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी है।

एपीएस के संदीप पाल को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार

लखनऊ, संवाददाता। सेना के मध्य कमान के तहत संचालित सैनिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों की बैठक में शैक्षिक सहयोग, नवाचार और प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई। एलबीएस मार्ग स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत फ्रांसीसी स्वागत गीत और ‘पृथ्वी का सम्मान करें, स्थिरता को अपनाएं’ थीम पर आधारित नृत्य से की गई। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, मेजर जनरल आरके रैना (सेवानिवृत्त) और मेजर जनरल गौतम महाजन के दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।मध्य कमान में ‘ओवर ऑल बेस्ट स्कूल ट्रॉफी’ क्रमश बड़े, मध्यम और छोटे वर्ग में एपीएस एलबीएस मार्ग लखनऊ, एपीएस रानीखेत और जबलपुर नंबर-दो ने हासिल की। एपीएस एलबीएस मार्ग के संदीप पाल पीआरटी (पीईटी) को मध्य कमान में ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ब्रिगेडियर (आरवीसी) और एपीएस के अध्यक्ष एसएस बालाजे ने सभी का स्वागत किया। मेजबान एपीएस लखनऊ की प्रधानाचार्या मीनाक्षी जायसवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग और प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता जताई।


देश के सभी अस्पतालों में कैशलेस सुविधा शुरू करने की तैयारी

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में नई सुविधा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत पॉलिसीधारक किसी भी अस्पताल में पूरी तरह कैशलेस इलाज करा पाएंगे।कोई अस्पताल तकनीकी या अन्य कारणों का हवाला देते हुए मना नहीं कर पाएगा। इसके लिए इरडा बीमा कंपनियों के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।अस्पतालों का नेटवर्क तैयार होगा बताया जा रहा है कि नकदी रहित प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इरडा देशभर में अस्पतालों का राष्ट्रीय नेटवर्क तैयार करने की प्रक्रिया में जुटा है। इसके लिए बीमा परिषद के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। पहले चरण में परिषद के माध्यम से एक केंद्रीकृत नेटवर्क का निर्माण होगा, जिस पर अस्पतालों और सभी बीमा कंपनियों में उद्योग स्तर पर समझौता होगा। परिषद के सदस्य इस समझौते का हिस्सा होंगे।

यह होगा फायदा

इस पहल के लागू होने के बाद प्रत्येक बीमा कंपनी के ग्राहक के पास कैशलेस अस्पतालों के नेटवर्क तक पहुंच होगी और उनके दावों का निपटान भी आसानी से होगा। इसे सुनिश्चित करने का काम बीमा उद्योग के प्रतिनिधि करेंगे। इससे होने वाला खर्च बहुत कम हो जाएगा और किसी भी तरह के फर्जीवाड़ पर रोक लगेगी।

क्या है कैशलेस व्यवस्था

कैशलेस दावा निपटान के मामले में बीमा कंपनी ही सीधे अस्पताल को भुगतान करती है। जहां यह सुविधा नहीं होती है, वहां पॉलिसी धारक को पहले खुद से अस्पताल के बिल चुकाना होता है। बाद में बीमा कंपनी धारक को भुगतान करती है। इस व्यवस्था में कंपनियां कई बार पैसा काटकर देती हैं। इस पर कई बार पॉलिसीधारक और कंपनियों में विवाद के मामले भी आते हैं।

*अभी यह होती है दिक्कत*

विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कई अस्पताल पॉलिसीधारक पर इलाज के लिए भर्ती होने के दौरान कुछ रकम जमा करने का दबाव बनाते हैं। साथ ही ज्यादातर अस्पताल कैशलेस सुविधा वाले मरीजों को भर्ती ही नहीं करते हैं। वहीं, बीमा कंपनियां उपभोग्य सामग्रियों और अन्य मदों के नाम पर कुल बिल से10 प्रतिशत या उससे अधिक की कटौती करती हैं। क्लेम के मामले भी लंबित रहते हैं। वर्तमान में अधिकांश बीमा कंपनियों के लिए कैशलेस दावा निपटान लगभग 65 से 70 फीसदी है।

शिक्षकों के खाते में सीधा भुगतान होगा

लखनऊ। निपुण भारत मिशन के तहत प्रत्येक वर्ष आयोजित किए जाने वाले शिक्षक प्रशिक्षण से संबंधित भुगतान अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर के जरिये सभी शिक्षकों के खाते में दिया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत विकासखंड स्तर पर चार दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बताया कि इस प्रशिक्षण के गुणवत्तापूर्ण आयोजन के लिए इस वर्ष उत्तर प्रदेश में पहली बार सभी शिक्षकों के आधार सीडेड खाते में प्रशिक्षण संबंधी भुगतान दिया जाएगा।

पिछले वर्ष साढ़े आठ हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के आर्थिक स्रोतों की कराई गई थी पड़ताल,मदरसों की सर्वे रिपोर्ट अब तक ठंडे बस्ते में

लखनऊ, विशेष संवाददाता। प्रदेश में पिछले साल मदरसों की मान्यता, उनके आर्थिक स्रोत आदि के बारे में सर्वे करवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट रविवार तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। इस लेटलतीफी को लेकर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तेखार जावेद खासे नाराज हैं।रविवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने कहा कि उक्त सर्वे को हुए 11 महीने गुजर चुके हैं और अभी तक शासन स्तर पर इस सर्वे की समीक्षा ही हो रही है। सर्वे में 8,449 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। चेयरमैन का कहना है कि इन साढ़े आठ हजार मदरसों के 7.5 लाख बच्चों का भविष्य अधर में है। सोचा यह गया था कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में से मानकों को पूरा करने वाले मदरसों को मान्यता दी जाएगी ताकि इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के बाद जो प्रमाण पत्र जारी हो उससे उनका भला हो सके।उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले 95 प्रतिशत बच्चे पसमांदा समाज से आते हैं, इसके बावजूद इनके भविष्य पर फैसला नहीं हो पा रहा है।प्रदेश में 560 अनुदानित और 16 हजार से कुछ अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। अगर इन साढ़े आठ हजार मदरसों को जोड़ दिया जाए तो राज्य में मदरसों की कुल तादाद 25 हजार के आसपास बैठती है। जहां तक मदरसों की फण्डिंग का सवाल है तो इस बारे में आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान ने कहा कि पहले भी नेपाल की तराई से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में स्थित मदरसों की फण्डिंग की जांच करवाई जा चुकी है, मगर कहीं भी कुछ गलत नहीं निकला। उनकी दलील है कि मदरसे आम जनता खासतौर पर मुसलमानों के चन्दे यानि जकात से संचालित होते हैं। जिन मदरसों को विदेशों से फण्ड मिलता है, उन्होंने एफसीआरए का प्रावधान करवा रखा है।

तबादला न होने से शिक्षकों में आक्रोश

प्रयागराज। जिले के अंदर सात साल से ओपन ट्रांसफर न होने से परिषदीय शिक्षकों में आक्रोश है। इसे लेकर शिक्षकों की बैठक आज़ाद पार्क में चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा के सामने मंगलवार सुबह 10 बजे से रखी गई है। शिक्षकों का कहना है कि सत्र 2023-24 में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया गर्मी में पूरी कर ली गई। विभिन्न जिलों में गैर जनपद से शिक्षकों को नगर क्षेत्र के आसपास स्कूलों में तैनाती दे दी गई। जबकि जिला कैडर का पद होने के बावजूद जिले के शिक्षकों का तबादला नहीं हो रहा।

1570 स्कूलों में किया जाएगा अचीवमेंट सर्वे 

प्रयागराज। एनसीईआरटी नई दिल्ली की ओर से तीन नवंबर को स्टेट एजुकेशनल अचीवमेंट सर्वे 2023 कराया जाएगा। सर्वे के तहत जिले के 1570 स्कूलों में कक्षा तीन, छह और नौ के विद्यार्थियों का भाषा एवं गणित विषय का आकलन होगा। इसके लिए ब्लॉक लेवल पर ब्लॉक लेवल कोऑर्डिनेटर (बीएलसी) की नियुक्ति की जाएगी जो ब्लॉक स्तर पर सर्वे से संबंधित कार्यों को समन्वित, संचालित एवं निर्देशित करेगा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप ने सभी ब्लॉक से एक खंड शिक्षा अधिकारी एवं तीन एआरपी, जबकि नगर क्षेत्र से नगर शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ चार एआरपी की सूचना मांगी है। विद्यालयों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है कि वहां पठन-पाठन चल रहा है या नहीं।

जांच में कम हाजिरी तो होगी कार्रवाई

प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की 45 प्रतिशत या कम उपस्थिति पर 470 स्कूलों के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का सात अक्तूबर को रोका गया वेतन बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने जारी कर दिया है। 21 अक्तूबर के आदेश में बीएसए ने शर्त रखी है कि अक्तूबर के अंत में पुन आईवीआरएस प्रणाली के माध्यम से मिड-डे-मील ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या और छात्र उपस्थिति का परीक्षण होगा। 65 फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों के सभी कार्मिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। विद्यालयों में दैनिक छात्र उपस्थिति की समीक्षा मुख्यमंत्री कार्यालय व जिला प्रशासन के स्तर पर दर्पण डैशबोर्ड के माध्यम से की जा रही है।

*सर्वर हुआ डाउन ओटीआर न होने से छात्र परेशान 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का सर्वर डाउन होने के कारण समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती के आवेदक परेशान हैं। आयोग ने आरओ के 334 व एआरओ के 77 कुल 411 पदों पर नौ नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।उत्तर प्रदेश सचिवालय में आरओ के 322 पद, लोक सेवा आयोग में नौ और राजस्व परिषद में तीन कुल 334 पदों के लिए केवल स्नातक पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद आने से प्रतियोगी छात्र उत्साहित हैं। आयोग ने विज्ञापन में ही साफ कर दिया था कि आवेदन करने से पूर्व अभ्यर्थियों को एकल अवसरीय पंजीकरण (ओटीआर) कर ओटीआर नंबर प्राप्त करना अनिवार्य है। हालांकि पिछले कई दिनों से सर्वर डाउन होने के कारण अभ्यर्थी ओटीआर नहीं करा पा रहे हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में बच्चे करें पढ़ाई, तभी अच्छे से रहेगा याद

प्रयागराज। केएन काटजू इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को कथावाचक पं. देवकीनंदन ठाकुर ने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डाला। कहा कि संत के बिना भगवान की प्राप्ति नहीं होती। ब्राह्मण की और गौहत्या को शास्त्रत्तें में सबसे बड़ा अधर्म माना गया है।ठाकुर ने कहा कि बच्चों को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ा हुआ हमेशा याद रहता है। सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए और न ही पढ़ाई करनी चाहिए। किसी सोये हुए मनुष्य को उठाना पाप है। लेकिन माता-पिता अपने बच्चों को, गुरु अपने शिष्य को उठा सकते हैं। साधु-संतों से ब्राह्मण और भक्तों से हमेशा धर्म का संचार और प्रचार होता है। जो धर्म को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं वही कहते हैं कि मंदिर की क्या जरूरत है

नियमितीकरण व मानदेय वृद्धि को लेकर अनुदेशकों का सत्याग्रह आंदोलन

 बस्ती।नियमतीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर अनुदेशकों ने रविवार को शास्त्री चौक पर सत्याग्रह आंदोलन किया। जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय के नेतृत्व में एकत्र अनुदेशकों ने मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन के बैनर तले चल रहे आंदोलन को संबोधित करते प्रदेश उपाध्यक्ष पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं कर रही है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि अनुदेशकों को सत्रह हजार रुपये मानदेय भुगतान किया जाए। जनपदीय मंत्री रमाकांत चौधरी ने कहा कि सरकार अनुदेशकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। फैक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। सनोज कन्नौजिया, दीनानाथ निषाद, सुशील वर्मा, चंन्द्रमुखी वर्मा, कृपा शंकर दूबे, गिरजेश पांडेय अलकारानी,इंदु, दिव्या, सुनीता, बृजेश मिश्रा, मोनिका वर्मा, रूबीना, संजू, जितेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।

परिषदीय स्कूलों में निरीक्षण में गायब मिले प्रदेश के नौ हजार शिक्षक, नोटिस जारी

लखनऊ।परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता जांचने के लिए चलाए गए विशेष निरीक्षण अभियान में नौ हजार शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। अब इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इनका वेतन भी काटा जाएगा।महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन काटे जाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।सभी विकासखंडों में एक सितंबर से 20 अक्टूबर तक प्रदेश भर में 30 हजार स्कूलों का निरीक्षण खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा किया गया। सभी को न्यूनतम 40-40 विद्यालयों का निरीक्षण करना अनिवार्य था। सबसे ज्यादा बलिया व आजमगढ़ में ढाई-ढाई सौ से अधिक शिक्षक इस अभियान में अनुपस्थित मिले। विद्यालयों के निरीक्षण में छात्रों की वलिया व आजमगढ़ में ढाई-ढाई सौ से अधिक शिक्षक इस अभियान में अनुपस्थित मिले उपस्थिति, कायाकल्प अभियान और निपुण भारत मिशन की प्रगति की जांच की गई। परिषदीय स्कूलों की जांच के लिए गठित की गई जिला टास्क फोर्स और ब्लाक टास्क फोर्स के संयुक्त अभियान में अनुपस्थित पाए गए इन शिक्षकों ने अवकाश के लिए निर्धारित समय तक आनलाइन आवेदन भी नहीं किया था। यही नहीं तमाम शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हाजिरी लगाकर गायब थे। फिलहाल स्कूलों में आगे और सख्ती बढ़ाई जाएगी। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

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*गृह राज्यमंत्री ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा पत्र, बेसिक के शिक्षकों के आवश्यक निर्देश को कहा*

लखनऊ। बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए जनप्रतिनिधियों से भी मिल रहे हैं। इसी क्रम में हाल में शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा से मिला था। उन्होंने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक शिक्षकों ने गृह राज्यमंत्री को अवगत कराया कि का शासनादेश 20 जनवरी को जारी हुआ। इसके अनुसार गर्मी की छुट्टियों में ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना था। किंतु आठ महीने बीतने के बाद भी विभागीय उदासीनता से यह प्रक्रिया अब तक लंबित है। शिक्षकों के आवेदन, वेरीफिकेशन, पेयरिंग सभी हो चुकी है। अब सिर्फ रिलीविंग और ज्वाइनिंग होना है। यह प्रक्रिया आसानी से एक दिन में पूरी हो सकती है। इसी तरह पदोन्नति की प्रक्रिया भी चल रही है। यदि शिक्षकों की पदोन्नति तबादले से पहले कर दी जाती है तो उनकी पेयरिंग टूट जाएगी। इसलिए इस प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसी क्रम में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को शिक्षकों का प्रार्थना पत्र भेजते हुए सहानुभूतिपूर्वक आवश्यक निर्देश देने को कहा है। ब्यूरो

नोट:

समाचार स्रोत: उपरोक्त समाचार राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक अमर उजाला,हिन्दुस्तान,दैनिक जागरण से लिए गए हैं।

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले: अभी भी नहीं सुलझ सका मुद्दा, चुनाव से खटाई में पड़ सकती है प्रक्रिया

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले: अभी भी नहीं सुलझ सका मुद्दा, चुनाव से खटाई में पड़ सकती है प्रक्रिया

अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा।

शिक्षक संगठन 25 अक्तूबर की बैठक में यह मुद्दा उठाएंगे।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों का जिले के अंदर और बाहर परस्पर तबादले का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इधर, लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। शिक्षकों को डर है कि इस चुनाव की वजह से उनका तबादला फंस सकता है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के निदेशालय पर धरने के बाद अब 25 अक्तूबर को प्रस्तावित वार्ता में इसका मुद्दा उठेगा।

विभाग में एक से दूसरे जिले में और जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया कई महीने से चल रही है। विभाग ने पहले इसकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई बार तिथि बढ़ाई और जब प्रक्रिया पूरी हो गई तो यह कहा कि तबादले शासनादेश के अनुसार गर्मी व जाड़े की छुट्टियों में किए जाएंगे। इससे नाराज शिक्षकों ने कई बार बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया।

अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा। वहीं, अगर चुनाव आचार संहिता लग गई तो जाड़े की जगह गर्मी की छुट्टियों तक उनका मामला टल जाएगा। इसे लेकर वे काफी परेशान हैं। इसी तरह फरवरी से चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया भी नहीं पूरी हो पाई है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि विभाग को इन सारी समस्याओं को देखते हुए जिले के अंदर और बाहर के परस्पर तबादले जल्द से जल्द करने चाहिए। जिले के अंदर तबादला प्रक्रिया पूरी करने में सिर्फ एक दिन का समय लगना है। पर विभाग मौन साधे हुए है।

अब तक पूरी नहीं हुई प्रक्रिया
शासन में पहले 16 और अब 25 अक्तूबर को वार्ता प्रस्तावित है। इसमें परस्पर तबादले का मामला उठाएंगे। फरवरी से शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हुई। इस देरी के लिए एक भी बीएसए पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर शिक्षक से कोई गलती होती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। -डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष, उप्र शिक्षक महासंघ

राज्य स्तरीय ICT प्रतियोगिता में चयनित शिक्षकों की सूची

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Download suvhiy👉Oct 19, 2023 3-57 PM

KVS PRT का स्कोर कार्ड देखने हेतु नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करें👇🏻

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शैक्षिक सत्र 2023-24 हेतु परिषदीय अध्यापकों के अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण के संबंध में

शैक्षिक सत्र 2023-24 हेतु परिषदीय अध्यापकों के अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण के संबंध में

महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ0प्र0 लखनऊ द्वारा शासन को प्रेषित प्रस्ताव एवं शासन द्वारा पत्र द्वारा की गयी पृच्छा के सम्बन्ध में अवगत कराया गया है कि अध्यापको के स्थानान्तरण के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1901 (अन संशोधित) के नियम 21 में निम्न प्रावधान किये गये है..

21- स्थानान्तरण: किसी अध्यापक का स्थानान्तरण ग्रामीण स्थानीय क्षेत्र से नगर स्थानीय क्षेत्र में या इसके विपरीत या किसी एक नगर स्थानीय क्षेत्र से उसी जिले के किसी अन्य नगर स्थानीय क्षेत्र में या एक जिले के स्थानीय क्षेत्र से किसी अन्य जिले के स्थानीय क्षेत्र को सिवाय अध्यापक के अनुरोध पर या उसकी सहमति से और दोनों ही दशा में परिषद् के अनुमोदन के नहीं किया जायेगा।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन संशोधित नियम 21 में दिये गये प्रावधानुसार शिक्षक का पदस्थापन/प्रशासनिक दृष्टिकोण से अन्य विद्यालय में स्थानान्तरण / पदस्थापन किये जाने हेतु जनपद स्तर पर गठित समिति का प्रस्ताव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध

Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict

BSA को बिना विभागीय जांच और जांच में दोषी पाए जाने से पहले किसी भी शिक्षक का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं है – हाइकोर्ट

उपरोक्त आदेश को सुरक्षित कर लें आपके काम आएगा।।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्नाव द्वारा शिक्षिका प्रभा सविता का वेतन रोकने का आदेश यह कहते हुए रोक दिया कि वह अपने कार्य में इंट्रेस्ट नही लेती है और मनमानी करती हैं ।इस आदेश को शिक्षिका ने उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी , न्यायालय द्वारा उभय पक्षों को सुनकर BSA उन्नाव के वेतन बाधित आदेश रद्द कर दिया साथ ही यह भी अवधारित किया कि बिना विभागीय जांच और जांच में दोषी पाए जाने से पहले कर्मचारी का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict
Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict

 

Save the above order as it will be useful to you. District Basic Education Officer Unnao stopped the order of withholding the salary of teacher Prabha Savita saying that she does not take interest in her work and acts arbitrarily. The teacher challenged this order in the Lucknow High Court bench, the court gave relief to both the parties. Hearing this, BSA Unnao canceled the salary withholding order and also held that without departmental inquiry and investigation, the employee has no right to withhold salary before he is found guilty.

निपुण भारत मिशनसप्ताह-16 दिवस 2(05-10-2023)भाषा-कार्य योजना: आधारशिला शिक्षक संदर्शिका 2023-24 से

📚निपुण भारत मिशन📚
🎯सप्ताह-16 दिवस 2(05-10-2023)
🔴कक्षा 1
📘भाषा-कार्य योजना: आधारशिला शिक्षक संदर्शिका 2023-24 से
https://youtu.be/Zq9wifQtADY
🎯कालांश 1:मौखिक भाषा विकास(40 मिनट)
कलरव पाठ 3 तालाब पर कार्य
लेखन कार्य- चर्चा से जुड़ा चित्र बनाना व बातचीत
🎯कालांश 2:कार्यपुस्तिका पर कार्य(40 मिनट)
चयनित वर्ण ह की पहचान,ब्लेंडिंग,शब्द पठन व वाक्यांश पठन
https://youtu.be/XlQ8VuN2XmU
कार्यपुस्तिका पाठ 17 पर कार्य
🎯कालांश 3:पठन अभ्यास
https://youtu.be/LkRCzDJkceg
पठन अभ्यास 3 पर कार्य
रेमेडियल कार्य- पिछले सप्ताह के अवलोकन के आधार पर
कविता https://youtu.be/V2e3AOUDrAE
🎯गणित-आधारशिला शिक्षकसंदर्शिका2023-24
https://youtu.be/wMev3snVkbY
🎯कालांश1-शिक्षण योजना 2- एक अंकीय संख्याओं के साथ वस्तुओं और चित्रों को मिला कर बताना https://youtu.be/HduCffzCEfE
🎯कालांश 2-कार्यपुस्तिका सप्ताह16 अभ्यास 2
🎯कालांश 3-गणित खेल-2 https://youtu.be/V2e3AOUDrAE

📚निपुण भारत मिशन📚
🎯सप्ताह-16दिवस 2(05-10-2023)
🔴कक्षा 2
📘भाषा-कार्य योजना: आधारशिला शिक्षक संदर्शिका 2023-24 से
🎯कालांश 1:पाठ्यपुस्तक किसलय पर कार्य(40 मिनट)- पाठ 13 किसान की चतुराई से चयनित पाठ्यांश “किसान अपना खेत…..तुम्हारी रहेगी” तक पर मार्गदर्शित पठन अभ्यास https://youtu.be/fekgSB-rwlA
पाठ को पढ़ कर सुनाना व समृद्ध चर्चा शब्दावली व विकास
लेखन कार्य- पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 53अभ्यास गतिविधि 2 पर कार्य
🎯कालांश2: कार्यपुस्तिका भाग 1 पर कार्य
पाठ 13 पर समृद्ध समझ व लेखन कार्य । कार्यपुस्तिका पृष्ठ 41पर कार्य
कविता https://youtu.be/_HlEn1H9y0U
🎯कालांश 3-कार्यपुस्तिका भाग 2 पर कार्य
कविता https://youtu.be/WBVDwcVDfIU
प्रवाहपूर्ण पठन अभ्यास 27 क्रम 2 https://youtu.be/LkRCzDJkceg
पिछले सप्ताह के आकलन के आधार पर रेमेडियल व स्वतन्त्र कार्य
🎯गणित-आधारशिला शिक्षकसंदर्शिका2023-24
https://youtu.be/wMev3snVkbY
🎯कालांश 1-शिक्षण योजना 2:दो अंकीय संख्याओं (वस्तु और चित्र के साथ) का घटाव (बिना पुनर्समूहन) करना(40 मिनट) पृष्ठ 94 https://youtu.be/dmtXmRyCf8Y
🎯कालांश 2:कार्यपुस्तिका सप्ताह 16 अभ्यास 2
🎯कालांश 3:गणित खेल 2पृष्ठ 96 https://youtu.be/Cjep4g9-r7I

📚निपुण भारत मिशन📚
🎯सप्ताह-16दिवस 2(05-10-2023)
🔴कक्षा 3
📘भाषा-कार्य योजना: आधारशिला शिक्षक संदर्शिका 2023-24 से
🎯कालांश 1:पाठ्यपुस्तक पंखुड़ी पर कार्य(40 मिनट)- पाठ 12 चाँद का कुर्ता से चयनित पाठ्यांश”हठ… भाड़े का”तक मार्गदर्शित पठन अभ्यास https://youtu.be/cIoek5DfSV4
पाठ का आदर्श वाचन व समृध्द चर्चा तथा शब्दावली विकास
लेखन कार्य- पाठ की गतिविधि 4 पृष्ठ 48
🎯कालांश2: कार्यपुस्तिका भाग 1 पर कार्य
पाठ पर समृद्ध समझ व लेखन कार्य
कार्यपुस्तिका पृष्ठ 95 पर कार्य। https://youtu.be/XlQ8VuN2XmU
🎯कालांश 3-कार्यपुस्तिका भाग 2 पर कार्य
प्रवाहपूर्ण पठन अभ्यास 22 क्रम 2 पृष्ठ 176
https://youtu.be/LkRCzDJkceg
पिछले सप्ताह के आकलन के आधार पर रेमेडियल कार्य
कविता https://youtu.be/c4BGTkZnZKU
🎯गणित-आधारशिला शिक्षकसंदर्शिका2023-24
https://youtu.be/wMev3snVkbY
🎯कालांश 1-शिक्षण योजना 2:तीन अंकीय संख्याओं का जोड़(पुनर्समूहन द्वारा योग 999 से कम)लम्बवत रूप से करना(40 मिनट) https://youtu.be/3is9BAaNUnU
🎯कालांश 2:सप्ताह 16 कार्यपत्रक 2
🎯कालांश 3:गणित खेल 2 https://youtu.be/o4APY4lLmMo

Nps vs Ops पुरानी पेंशन नई पेंशन में अंतर

1 अक्टूबर की महारैली ने बदला माहौल पुरानी पेंशन पर डैमेज कन्ट्रोल की तैयारी में सरकार

केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, ‘पुरानी पेंशन’ पर अब निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं कर्मचारी संगठनों ने सरका कि उन्हें बिना गारंटी वाली ‘एनपीएस’ योजना को खत्म करने और परिभाषित एवं गारंटी वाली ‘पुरानी पेंशन योजना’ की बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
है। कांग्रेस पार्टी शासित प्रदेशों में ओपीएस लागू की जा रही है रामलीला मैदान में रविवार को ओपीएस की मांग को लेकर हुई रैली के बाद कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों ने इसके समर्थन में ट्वीट किए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कर्मियों का पक्ष लिया कांग्रेस सांसदों ने भी कर्मियों की मांग को उचित ठहराया। आप सांसद संजय सिंह भी रामलीला मैदान में पहुंच गए थे।
सियासत के मोर्चे पर करेंगे चोट
नई दिल्ली में 20 सितंबर को हुई राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक के एजेंडे में ‘ओपीएस’ का मुद्दा टॉप पर रहा था कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा था, हमने सरकार के समक्ष एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। एनपीएस को खत्म किया जाए और पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द बहाल करें।
अगर सरकार नहीं मानती है तो देश में कलम छोड़ हड़ताल होगी, रेल के पहिये रोक दिए जाएंगे दूसरे चरण में सरकार को सियासत के मोर्चे पर चोट की जाएगी केंद्र एवं राज्यों के सरकारी कर्मियों और उनके परिजनों व रिश्तेदारों को मिलाकर वह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जब यही संख्या वोट में बदलेगी तो केंद्र सरकार को कर्मियों की ताकत का अहसास होगा।
इन विकल्पों पर हो रहा विचार
केंद्र सरकार के सूत्र बताते हैं कि ओपीएस पर लगातार चर्चा हो रही है। यह गुणा भाग लगाया जा रहा है कि पुरानी पेंशन को अगर पहले वाले स्वरूप में लागू करते हैं, तो सरकारी खजाने पर कितना भार पड़ेगा रिटायरमेंट के समय बेसिक सेलरी का पचास फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर देते हैं तो कितनी राशि खर्च होगी अगर इसमें बेसिक सेलरी का तीस से चालीस फीसदी हिस्सा, पेंशन के तौर पर देते हैं तो कितना आर्थिक भार पड़ेगा इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि एक तय पेंशन दे दी जाए, लेकिन उसमें किसी तरह की बढ़ोतरी का प्रावधान हो। यानी महंगाई राहत व दूसरे भत्ते, पेंशन में शामिल नहीं होंगे।
सूत्रों का कहना कि सरकार फिलहाल ओपीएस देने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन पुरानी पेंशन से मिलते-जुलते फायदे एनपीएस में ही दे सकती है सरकार ने वित्त मंत्रालय की जो कमेटी गठित की है, उसमें ओपीएस का ज़िक्र ही नहीं है उसमें एनपीएस में सुधार की बात कही गई है कांग्रेस पार्टी शासित प्रदेशों में ओपीएस लागू की जा रही है।
रामलीला मैदान में रविवार को ओपीएस की मांग को लेकर हुई रैली के बाद कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों ने इसके समर्थन में ट्वीट किए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कर्मियों का पक्ष लिया कांग्रेस सांसदों ने भी कर्मियों की मांग को उचित ठहराया। आप सांसद संजय सिंह भी रामलीला मैदान में पहुंच गए थे।
भारत बंद जैसे कई कठोर कदम
श्रीकुमार के मुताबिक, जेसीएम की बैठक में बताया गया है कि केंद्र सरकार में 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी एनपीएस में हैं 10 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान एक विशाल रैली आयोजित की गई थी इसमें केंद्र और राज्य सरकार के लाखों कर्मियों ने हिस्सा लिया था कर्मचारियों ने बिना गारंटी वाली एनपीएस योजना को खत्म करने की मांग की थी इसके बाद कर्मचारी पक्ष ने जेसीएम की बैठक में अब एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए।
सरकार, पुरानी पेंशन लागू नहीं करती है, तो ‘भारत बंद’ जैसे कई कठोर कदम उठाए जाएंगे। पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारी संगठन, राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं इसके लिए 20 और 21 नवंबर को देशभर में स्ट्राइक बैलेट होगा कर्मचारियों की राय ली जाएगी अगर बहुमत हड़ताल के पक्ष में होता है, तो केंद्र एवं राज्यों में सरकारी कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उस अवस्था में रेल थम जाएंगी तो वहीं केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी ‘कलम’ छोड़ देंगे।
अनिश्चितकालीन हड़ताल एक मात्र विकल्प
सी. श्रीकुमार के मुताबिक, पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी एक साथ आ गए हैं लगभग देश के सभी कर्मचारी संगठन इस मुद्दे पर एकमत हैं। केंद्र और राज्यों के विभिन्न निगमों और स्वायत्तता प्राप्त संगठनों ने भी ओपीएस की लड़ाई में शामिल होने की बात कही है कर्मचारियों ने हर तरीके से सरकार के समक्ष पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगाई है, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई अब उनके पास अनिश्चितकालीन हड़ताल ही एक मात्र विकल्प बचता है।
दस अगस्त और एक अक्तूबर की रैली में देशभर से आए लाखों कर्मियों ने ‘ओपीएस’ को लेकर हुंकार भरी थी। कर्मचारियों ने दो टूक शब्दों में कहा था कि वे हर सूरत में पुरानी पेंशन बहाल कराकर ही दम लेंगे। सरकार को अपनी जिद्द छोड़नी पड़ेगी।
कर्मचारियों ने कहा था कि वे सरकार को वह फार्मला बताने को तैयार हैं, जिसमें सरकार को ओपीएस लागू करने से कोई नुकसान नहीं होगा अगर इसके बाद भी सरकार, पुरानी पेंशन लागू नहीं करती है तो ‘भारत बंद’ जैसे कई कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीडी चंद्रचूड, जस्टिस बीडी तुलजापुरकर, जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी एवं जस्टिस बहारुल इस्लाम शामिल थे, के द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत रिट पिटीशन संख्या 5939 से 5941, जिसको डीएस नाकरा एवं अन्य बनाम भारत गणराज्य के नाम से जाना जाता है, में दिनांक 17 दिसंबर 1981 को दिए गए प्रसिद्ध निर्णय का उल्लेख करना आवश्यक है। इसके पैरा 31 में कहा गया है, चर्चा से तीन बातें सामने आती हैं।
एक, पेंशन न तो एक इनाम है और न ही अनुग्रह की बात है जो कि नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर हो। यह 1972 के नियमों के अधीन, एक निहित अधिकार है जो प्रकृति में वैधानिक है, क्योंकि उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड ’50’ का प्रयोग करते हुए अधिनियमित किया गया है।
पेंशन, अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं है, बल्कि यह पूर्व सेवा के लिए भुगतान है। यह उन लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक न्याय प्रदान करने वाला एक सामाजिक कल्याणकारी उपाय है, जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में, नियोक्ता के इस आश्वासन पर लगातार कड़ी मेहनत की है कि उनके बुढ़ापे में उन्हें ठोकरें खाने के लिए नहीं छोड़ दिया जाएगा।
एनपीएस में रिटायर्ड कर्मियों को मिली इतनी पेंशन
एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ावा पेंशन ही है एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 4900 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते।
एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस फीसदी शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है। इस शेयर को 14 या 24 फीसदी तक बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा। एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, एनपीएस में पुरानी पेंशन व्यवस्था की तरह महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है।
जो कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं, उन्हें महंगाई राहत के तौर पर आर्थिक फायदा मिलता है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी नहीं रही। रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मियों को जानबूझकर कष्टों में धकेला जा रहा है।