कोरोना से मृत सभी कर्मियों के परिजनों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, लेकिन NPS आच्छादित नहीं पा सकेंगे फंड
प्रयागराज। कोविड संक्रमण की वजह मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के परिजनों को भी यह लाभ मिलेगा। हालांकि एनपीएस में जमा राशि सरकार के खाते में चली जाएगी। यानी, परिजनों को फंड नहीं मिलेगा।
जिले में विगत एक महीने में ही कोविड संक्रमण की वजह से 90 से अधिक केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों की मौत हो गई। इनमें से 74 तो चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए। इनमें से कई शिक्षकों और कर्मचारियों को 2005 के बाद नियुक्ति मिली है। यानी ये लोग एनपीएस के दायरे में आते हैं लेकिन 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों की तरह इन्हें भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
शिक्षक नेता अनुज पांडेय का कहना है कि सर्विस में रहते हुए निधन पर एनपीएस में भी पुरानी पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सर्विस मैटर एवं पेंशन के जानकार एजी ऑफिस से रिटायर हरिशंकर तिवारी का कहना है कि परिवार को पहले 10 वर्ष तक पूरी पेंशन यानी, वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिलेगी। इसके बाद 33 फीसदी पेंशन मिलेगी। पेशन में नियमित तौर पर महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा लेकिन इसके एवज में एनपीएस में जमा कुल राशि सरकार के खाते में चली जाएगी।
असाधारण पेंशन की शुरु हुई मांग
कोविड से मरने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवार के लिए असाधारण पेंशन की मांग शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के जिला संयोजक अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इलाज के खर्च के भुगतान के साथ एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की गई है।