ELECTION 2019: वीवीपैट और ईवीएम के फोटो का मिलान करने के लिए भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी

CBSE : सीबीएसई ने सोशल मीडिया और यूट्यूब पर बोर्ड परीक्षा संबंधी जारी किए जा रहे फर्जी पोस्ट ओं से छात्रों को सावधान रहने को कहा

UP Board Result 2019: यूपी बोर्ड की कॉपियों ने शिक्षकों को किया मालामाल

UP Board 10th Result  यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में नकल पर सख्ती हुई तो छात्र-छात्राओं ने कॉपियों में इस उम्मीद में नोट नत्थी करना शुरू कर दिया कि दया खाकर शिक्षक पास होने लायक नंबर तो दे ही देंगे। मूल्यांकन के दौरान जिले के सभी सात केंद्रों पर कॉपियों से नोट निकल रहे हैं। भारत स्काउट एवं गाइड इंटर कॉलेज में पश्चिमी यूपी से आईं हाईस्कूल की कॉपियों से जमकर नोट निकल रहे हैं। पिछले दिनों गणित की कॉपियों के हर पन्ने से 100, 200 और 500 रुपय के नोट निकले। एक शिक्षक को तो एक दिन में ही 8600 रुपये मिल गए। अन्य शिक्षकों को भी कॉपियों से हजारों रुपये मिले।

कॉपियों से नोट मिलने की जानकारी होने पर उपप्रधान परीक्षक शिक्षकों को कॉपी देने से पहले खुद ही नोट निकालने लगे। हालांकि शिक्षकों ने किसी को कुछ नहीं बताया। धीरे से नोट पॉकेट में रखकर आगे मूल्यांकन में व्यस्त हो गए।

– एक दिन में एक शिक्षिका को कॉपियों से मिले 8600 रुपये 
– अन्य शिक्षकों को भी हजारों रुपये मिले, पर कॉपियां हैं सादी

होलिका के दिन भी केंद्रों में जांची गईं कॉपियां
बुधवार को होलिका के दिन भी कॉपियां जांची गईं। हालांकि शिक्षकों की उपस्थिति न के बराबर रही। कोई भी शिक्षिका कॉपी जांचने नहीं पहुंची थी। केपी इंटर कॉलेज में सुबह 8 से लेकर 2 बजे तक कॉपियां जांची गई। हालांकि कुल 444 कॉपियां ही कोठार से जारी हुई थी।

जिले के सात मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों ने दस दिन में पौने दस लाख कॉपियां जांच दी है। राजकीय इंटर कॉलेज में इंटर की 16665, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की 2078, भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की 19204, अग्रसेन इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की 5500, क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में हाईस्कूल की 11017 कॉपियां जांची गई। केएन काटजू इंटर कॉलेज में इंटर की 5625 और केपी इंटर कॉलेज में 10109 कॉपियों का मूल्यांकन हुआ। कुल 70198 कॉपियां मंगलवार को जांची गई। दस दिन में कुल 973963 कॉपियां जांची गई है। जिले में आवंटित 1411113 कॉपियों में से 437150 कॉपियां बची है

जनवरी में 8.96 लाख रोजगार बने, 17 महीने में 76.48 लाख लोगों को मिली नौकरी: EPFO

संगठित क्षेत्र में शुद्ध रूप से जनवरी महीने में कुल 8.96 लाख लोगों को रोजगार मिला। यह 17 महीने का उच्च स्तर है। ईपीएफओ के कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या और उन्हें दिये जाने वाले वेतन (पेरोल) के आंकड़े से यह पता चला है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अप्रैल, 2018 से ‘पेरोल’ आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 के आंकड़े को लिया गया था।

जनवरी महीने में जो नये रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल जनवरी में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 3.87 लाख बढ़ी थी। सितंबर, 2017 में शुद्ध रूप से 2,75,609 रोजगार सृजित हुए थे। आंकड़ों के अनुसार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सितंबर, 2017 से जनवरी 2019 के दौरान करीब 76.48 लाख नये अंशधारक जुड़े। यह बताता है कि पिछले 17 महीनों में संगठित क्षेत्र में कई रोजगार सृजित हुए।

ईपीएफओ से जुड़े वाले अंशधारकों की संख्या जनवरी 2019 में 8,96,516 रही जो सितंबर, 2017 के बाद सर्वाधिक है। इस बीच, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने दिसंबर, 2018 के आंकड़ों को संशोधित किया है। संशोधित आंकड़े के अनुसार पिछले साल दिसंबर में 7.03 लाख रोजगार सृजित हुए जबकि पूर्व में इसके 7.16 लाख रोजगार सृजित होने की बात कही गयी थी।

ईपीएफओ ने सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 की अवधि के दौरान संचयी आधार पर रोजगार के आंकड़े को भी संशोधित किया है। संशोधित आंकड़े के अनुसार इस दौरान 67.52 लाख रोजगार सृजित हुए जबकि पूर्व में इसके 72.32 लाख रहने का अनुमान जताया गया था। इस साल जनवरी के दौरान 2.44 लाख रोजगार 22 से 25 साल के आयु वर्ग में सृजित हुए। उसके बाद 18 से 21 साल के आयु वर्ग में 2.24 लाख रोजगार सृजित हुए

ईपीएफओ ने यह भी कहा कि आंकड़े अस्थायी हैं क्योंकि कर्मचारियों का रिकॉर्ड अद्यतन करना एक सतत प्रक्रिया है और जरूरत के मुताबिक उसे आने वाले महीनों में संशोधन किया जाएगा। इस अनुमान में वे कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जिनका योगदान पूरे वर्ष जारी नहीं रहे। अंशधारकों का आंकड़ा आधार से जुड़ा है।

सोशल मीडिया से सियासी प्रचार पर लगाम लगाना कठिन, टिकटॉक ने बढ़ाई चिंता

सोशल मीडिया पर प्रचार सियासी दलों का भविष्य तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। चुनाव आयोग ने इसी के मद्देनजर पहली बार सोशल मीडिया प्रचार को आचार संहिता के दायरे में लाने की घोषणा की है। आइए जानें इस दिशा में उसे क्या चुनौतियां झेलनी पड़ सकती हैं…


पार्दशिता लाने की कवायद

  • राजनीतिक दलों का प्रचार करने वालों की निजी जानकारियां और लोकेशन प्रमाणित करने की व्यवस्था शुरू
  • प्रत्याशियों के सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक किए जाएंगे, प्रचार पर खर्च पैसों का ब्योरा देना भी जरूरी
  • अफवाहों और नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाने के लिए सियासी विज्ञापनों को प्रमाणित करवाना अनिवार्य 
  • आपत्तिजनक सामग्री की शिकायत के लिए व्यापक निगरानी व्यवस्था तैयार की, ताकि इन्हें तुरंत हटाया जा सके

चुनाव आयोग की चुनौतियां-

  • सोशल मीडिया पर चुनाव संबंधी सामग्री सियासी दलों के आईटी सेल की बजाय थर्ड पार्टी एजेंसियों से जारी हो रही
  • गूगल, फेसबुक, ट्विटर, शेयरचैट जैसी साइटों पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बाध्यता नहीं
  • आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बाध्यता नहीं
  • आपत्तिजनक सामग्री हटाने और संबंधित अकाउंट पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर इन साइटों पर जुर्माने का प्रावधान भी नही
  • चुनाव आयोग ने टिकटॉक, हैलो, टेलीग्राम और वीचैट जैसे छोटे सोशल मीडिया एप पर नियंत्रण संबंधी दिशा-निर्देश नहीं जारी किए
    अफवाहों के प्रचार-प्रसार का सबसे बड़ा माध्यम बने व्हॉट्सएप पर लगाम लगाने की दिशा में फेसबुक ने नहीं जताई कोई प्रतिबद्धता
    गांव-कस्बों और छोटे शहरों में राजनीतिक ध्रुवीकरण पैदा करने में मददगार हो रहे ये एप, नए दिशा-निर्देश में इन्हें भी लाने की तैयारी

RRC Group D Recruitment 2019: रेलवे ग्रुप डी शारीरिक दक्षता परीक्षा के नियम बदले

RRC Group D Recruitment 2019: रेलवे की ग्रुप डी भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा के नियमों में रेलवे ने बदलाव किया है। पिछले महीने निकाली गई ग्रुप डी भर्ती में इसे लागू किया गया है। अब शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थियों को वजन उठाकर पहले चलना होगा। इस परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को ही दौड़ परीक्षा में शामिल कराया जाएगा। इस संबंध में रेलवे भर्ती बोर्ड इलाहाबाद की ओर से जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई है।

ग्रुप डी रेलवे पदोंर् के लिए 12 मार्च से शुरू हुई भर्ती की आवेदन प्रक्रिया के बाद रेलवे ने शारीरिक दक्षता परीक्षा में बदलाव का ऐलान किया है। अभ्यर्थियों को पहले चक्र में कम्प्यूटर आधारित परीक्षा देनी होगी। इस चक्र में पास अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा रेलवे की ओर से आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में अभी तक पहले दौड़ फिर वजन उठाने की परीक्षा कराई जाती थी। संयुक्त रूप से परिणाम घोषित किया जाता था। 

– अब वजन उठाकर चलने की परीक्षा पहले होगी.
– इसमें पास अभ्यर्थी ही दौड़ परीक्षा में शामिल होंगे.