यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण फार्मूले के चार प्रस्ताव तैयार, जानें कब तक फैसला ले सकती है यूपी सरकार, अप्रैल मई में ही में हो सकेगा चुनाव

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण फार्मूले के चार प्रस्ताव तैयार, जानें कब तक फैसला ले सकती है यूपी सरकार, अप्रैल मई में ही में हो सकेगा चुनाव

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का नया फार्मूला लागू होगा। हालांकि यह फार्मूला चक्रानुक्रम पर ही आधारित होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायतीराज विभाग ने प्रदेश सरकार को चार फार्मूलों का एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा है, इसमें से किसी एक फार्मूले पर सरकार को निर्णय लेना है।

फिलहाल यह तय हो गया है कि इस नये फार्मूले से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष यानि यह सभी छह पद प्रभावित होंगे। बताते चलें कि वर्ष 2015 में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार ने ग्राम पंचायतों के सदस्य व ग्राम प्रधान की सीटों का आरक्षण शून्य घोषित कर उसे नये चक्रानुक्रम के हिसाब से करवाया गया था। मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा और प्रदेश सरकार दोनों का ही यह मानना है कि पिछले चुनाव में पंचायत चुनाव का आरक्षण तत्कालीन प्रदेश सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से तय करवाया था इसलिए इस बार चक्रानुक्रम का पुराना फार्मूला नहीं चलेगा।

20 फरवरी के बाद सार्वजनिक होगा फार्मूला
यह भी जानकारी में आया है कि आरक्षण का यह नया फार्मूला आगामी 20 फरवरी के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा क्योंकि प्रदेश सरकार ने अब पंचायत चुनाव अप्रैल व मई के महीनों में करवाने का मन बना लिया है। अब यह तय किया गया है कि होली के ठीक पहले यानि 26 मार्च के बाद किसी भी दिन पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी और अप्रैल व मई के महीनों में त्रि-स्तरीय चुनाव की पूरी प्रक्रिया सम्पन्न करवायी जाएगी।

चार चरणों में ही होगा चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रदेश में चार चरणों में ही चुनाव होगा। एक जिले के सभी विकास खंडों को चार हिस्सों में विभाजित करके एक-एक हिस्से के नामांकन दाखिले और मतदान की तारीखें तय की जाएगी। एक हिस्से के मतदान से दूसरे हिस्से के मतदान में तीन दिन का अंतर होना चाहिए।

31 मार्च तक पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार, सीएम के निर्देश के बाद हलचल तेज

राज्य सरकार यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना चाहती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के  निर्देश के बाद पंचायतीराज विभाग में हलचल तेज हो गई है। 

मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि वे 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी करें। उम्मीद है कि ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों केवार्डों के आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पर भी जल्द फैसला हो जाएगा।ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। उसी दिन आधी रात से ग्राम पंचायतें भंग हो जाएंगी। उनमें प्रशासकों की तैनाती कर दी जाएगी। राज्य सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द पंचायत चुनाव करा लिए जाएं, ताकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां न पिछड़ें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिन पहले उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कहा था कि तैयारियां इस तरह की जाएं कि 31 मार्च तक पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। इस बैठक में कोविड -19, किसान आंदोलन और यूपी बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव कराने पर विचार हुआ। बैठक में मुख्य सचिव के साथ ही पंचायतीराज, नगर विकास और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी मौजूद थे। 49 जिलों में चल रहा पंचायतों का आंशिक परिसीमन, आरक्षण प्रक्रिया पर फैसला जल्दबैठक में अधिकारियों ने सीएम को पंचायत चुनाव की तैयारियों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण, चार जिलों में पंचायतों के पूर्ण परिसीमन और 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की कार्यवाही चल रही है।
इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायतों का वार्ड निर्धारण और वार्डों का आरक्षण किया जाएगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन व मतपत्रों की छपाई का कार्य भी होना है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंचायतों के चुनावों तक नगरीय निकायों के सीमा विस्तार की प्रक्रिया को रोक दिया जाए।
त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण के लिए पिछले चुनाव के चक्रानुक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा या इसे शून्य घोषित करके नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा, इस संबंध में जल्द फैसला ले लिया जाएगा।प्रशासनिक तैयारियां पिछड़ींमुख्यमंत्री का जोर इसी पर रहा है कि जल्द चुनाव कराए जाएं। भाजपा संगठन भी मार्च में चुनाव चाहता है। बोर्ड परीक्षा इस बार एक माह देरी से अप्रैल माह में होने की संभावना है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासनिक तैयारियां थोड़ी पिछड़ी हुई है।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की थी, लेकिन अभी कोई डेडलाइन तय नहीं है। चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। तैयारियां पूरी होते ही चुनाव कराएं जाएंगे।