यूपी पंचायत चुनाव 2021: इस तारीख को जारी होगी अंतिम आरक्षण की सूची

🔴 अंतिम दिन प्रधानों के आरक्षण पर आईं 122 आपत्तियां
🔴 पिनाहट और अकोला क्षेत्र प्रमुख पद के लिए भी आपत्तियां आई
🔴 25 मार्च तक होगा आपत्तियों का निस्तारण, 26 मार्च को अंतिम सूची

प्रधान पदों के लिए 214 आपत्तियां
पिछले दिनों में सबसे ज्यादा प्रधान पदों के लिए 214 आपत्तियां आई हैं। इनमें वर्तमान में आरक्षित प्रधान के पद को अन्य वर्ग हेतु आरक्षित करने की मांग की गई है। जिला पंचायत सदस्यों के वार्डों में आरक्षण परिवर्तन के लिए मंगलवार को 20 आपत्तियां आईं। सोमवार को छह आई थीं। कुल 26 आपत्तियों की जांच होगी। 

क्षेत्र पंचायत सदस्य बीडीसी के लिए मात्र 13 आपत्ति हैं जबकि दो आपत्ति क्षेत्र प्रमुख पद के आरक्षण के विरोध में प्राप्त हुई हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी सुजाता प्रकाश के मुताबिक कुल आपत्तियों का निर्धारण बुधवार को होगा। 25 मार्च तक आपत्तियों का निस्तारण होगा। 26 मार्च को अंतिम आरक्षण सूची प्रकाशित की जाएगी।

जनसंख्या के अनुपात में नहीं आरक्षण
बिचपुरी की बल्हेरा पंचायत से मनोहर सिंह ने महिला के लिए आरक्षित पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करने की मांग करते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का आवंटन नहीं किया। गांव में एससी आबादी अधिक है, लेकिन सीट महिला के लिए आरक्षित की गई है।

सामान्य में नहीं हुए ज्यादा बदलाव
उप जिला निर्वाचन अधिकारी जे रीभा ने बताया कि शासन से एससी, ओबीसी व महिला के लिए जितने पद निर्धारित हुए थे उनमें आबादी और वर्ष 2015 के आधार पर आवंटन किया है। बाकी पदों को सामान्य वर्ग के लिए रखा है। एससी, ओबीसी का आवंटन पूर्ण होने के बाद सामान्य वर्ग के आरक्षण में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया।

आगरा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नए आरक्षण के बाद आपत्तियों का अंबार लग रहा है। मंगलवार को अंतिम दिन सबसे ज्यादा प्रधान पदों के आरक्षण में परिवर्तन के लिए 122 आपत्तियां दर्ज हुई हैं। इनके अलावा पहली बार पिनाहट और अकोला क्षेत्र प्रमुख पद के लिए भी आपत्तियां आई हैं। जिला पंचायत सदस्यों के वार्डों को लेकर 29 और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए 13 आपत्तियां दर्ज हुई हैं।


मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक विकास भवन स्थित पंचायत राज कार्यालय में आपत्तियां दर्ज कराने के लिए ग्रामीणों की लाइन लगी रही। रात नौ बजे तक आपत्तियों का संकलन हुआ। ब्लॉक, तहसील, पंचायत राज कार्यालय और जिलाधिकारी कार्यालय में सभी आपत्तियां दर्ज हुई हैं।

यूपी पंचायत चुनाव: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव मामले की सुनवाई में लखनऊ हाईकोर्ट ने दिये दिशा निर्देश, 30 अप्रैल तक प्रधानी के चुनाव कराने निर्देश

हाईकोर्ट लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव मामला

हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए :

🟠17 मार्च तक आरक्षण कार्य पूरा हो, 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव कराएं जाएं…

🟠15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराए जाएं – HC लखनऊ

🟠15 मई तक ब्लॉक प्रमुख

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण फार्मूले के चार प्रस्ताव तैयार, जानें कब तक फैसला ले सकती है यूपी सरकार, अप्रैल मई में ही में हो सकेगा चुनाव

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण फार्मूले के चार प्रस्ताव तैयार, जानें कब तक फैसला ले सकती है यूपी सरकार, अप्रैल मई में ही में हो सकेगा चुनाव

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का नया फार्मूला लागू होगा। हालांकि यह फार्मूला चक्रानुक्रम पर ही आधारित होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायतीराज विभाग ने प्रदेश सरकार को चार फार्मूलों का एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा है, इसमें से किसी एक फार्मूले पर सरकार को निर्णय लेना है।

फिलहाल यह तय हो गया है कि इस नये फार्मूले से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष यानि यह सभी छह पद प्रभावित होंगे। बताते चलें कि वर्ष 2015 में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार ने ग्राम पंचायतों के सदस्य व ग्राम प्रधान की सीटों का आरक्षण शून्य घोषित कर उसे नये चक्रानुक्रम के हिसाब से करवाया गया था। मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा और प्रदेश सरकार दोनों का ही यह मानना है कि पिछले चुनाव में पंचायत चुनाव का आरक्षण तत्कालीन प्रदेश सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से तय करवाया था इसलिए इस बार चक्रानुक्रम का पुराना फार्मूला नहीं चलेगा।

20 फरवरी के बाद सार्वजनिक होगा फार्मूला
यह भी जानकारी में आया है कि आरक्षण का यह नया फार्मूला आगामी 20 फरवरी के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा क्योंकि प्रदेश सरकार ने अब पंचायत चुनाव अप्रैल व मई के महीनों में करवाने का मन बना लिया है। अब यह तय किया गया है कि होली के ठीक पहले यानि 26 मार्च के बाद किसी भी दिन पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी और अप्रैल व मई के महीनों में त्रि-स्तरीय चुनाव की पूरी प्रक्रिया सम्पन्न करवायी जाएगी।

चार चरणों में ही होगा चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रदेश में चार चरणों में ही चुनाव होगा। एक जिले के सभी विकास खंडों को चार हिस्सों में विभाजित करके एक-एक हिस्से के नामांकन दाखिले और मतदान की तारीखें तय की जाएगी। एक हिस्से के मतदान से दूसरे हिस्से के मतदान में तीन दिन का अंतर होना चाहिए।

यूपी पंचायत चुनाव : 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में खत्म हुआ प्रधानों का कार्यकाल, जानें क्या है नई व्यवस्था

यूपी पंचायत चुनाव : 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में खत्म हुआ प्रधानों का कार्यकाल, जानें क्या है नई व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की आधी रात के बाद 58 हजार ग्राम पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। गौतमबुद्ध नगर जिले के 88 और गोंडा के दस गांवों में प्रधान अपने पदों पर फिलहाल बने रहेंगे। प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद राज्य में पंचायत होने तक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव होने तक गांवों में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी एडीओ की तैनाती की जाएगी। इसके लिए जिला अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आधी रात के बाद प्रधानों से डोंगल वापस लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट अनरजिस्टर्ड कर दिए जाएंगे। 

22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची तैयार करने का अल्टीमेटमयूपी में 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। इस बार यूपी में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने हैं। जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं। यूपी में कुल 58758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। चुनाव आयोग ने इसको लेकर 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम भी अधिकारियों को दे दिया है।
2015 में एक लाख 80 हजार मतदान स्थल पर बने थे मतदान स्थल2015 के यूपी पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग के निर्देश पर एक लाख 80 हजार मतदान स्थल बनाए गए थे। एक मतदान स्थल पर लगभग एक हजार मतदाता की संख्या रखी गई थी। इस बार यह संख्या घटा दी गई है। अबकी से यह संख्या घटकर 800 ही रह जाएगी। मतदान केन्द्रों की संख्या करीब दो लाख है। चुनाव आयोग के मुताबिक यूपी में मतदान स्थलों की संख्या के ढाई गुना के हिसाब से लगभग पांच लाख से ऊपर मतपेटियों की जरूरत पड़ सकती है।
पुलिस ने भी शुरू की तैयारी, गांव-गांव में नेटवर्क बनाने पर जोर एडीजी प्रयागराज जोन प्रेमप्रकाश ने मातहतों को निर्देश दिए कि जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं। पेशबंदी को लेकर विवाद उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस पर नजर रखने के लिए गांवों में सूचनातंत्र को मजबूत रखें। इलाके हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाए। इनामी अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाएं। अवैध तरीके से बिक रहे शराब व गांजे पर रोक लगाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाही करने वाले जिम्मेदारों को पुलिस लाइन में संबद्ध किया जाए। वहीं  आईजी जोन लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में पुलिस के अधिकारियों के साथ कानून और व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। यहां उन्होंने अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने, महिला अपराधों पर सख्ती से निपटने को लेकर समीक्षा की। आईजी ने यहां पर पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के दिशा निर्देश भी जारी किए। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर भी मदद अफसरों से कहा कि गांव-गांव नेटवर्क तैयार करें।  पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियों के विषय में आईजी ने बताया कि पुलिस के अधिकारियों को गांव-गांव में आमद बढ़ाने लोगों से संवाद स्थापित करने के साथ ही गांव में नेटवर्क विकसित करने के लिए भी कहा गया है। जिससे पंचायत चुनावों पर पूरा खाका तैयार किया जाए। शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्राथमिकता है।