स्कूल ड्रॉपआउट रोकेगा नीदरलैण्ड का अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, इस प्रणाली को समझने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की टीम मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री जी के नेतृत्व में पहुंची नीदरलैण्ड।

स्कूल ड्रॉपआउट रोकेगा नीदरलैण्ड का अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, इस प्रणाली को समझने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की टीम मा0 बेसिक शिक्षा मंत्री  जी के नेतृत्व में पहुंची नीदरलैण्ड।

प्रमोशन/स्थानांतरण/समायोजन: बेसिक में पदोन्नति/स्थानांतरण हेतु 13 जनवरी 2023 को विभागीय बड़ी बैठक आहूत किये जाने के सम्बंध में, देखें आदेश

🔴 बेसिक में पदोन्नति/स्थानांतरण हेतु 13 जनवरी 2023 को विभागीय बड़ी बैठक आहूत किये जाने के सम्बंध में, देखें आदेश

🔴 नए शैक्षिक सत्र से पहले प्रमोशन हो जाने की पूरी उम्मीद

बेसिक शिक्षा विभाग – कैशलेस चिकित्सा हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

https://basiceducation.up.gov.in/en

 

कैशलेश चिकित्सा हेतु आवेदन के लिए उपरोक्त वेबसाइट को खोलने पर लेटेस्ट अपडेट्स के सामने लिंक लिख कर चलता हुआ नजर आएगा उसको क्लिक करने पर गूगल फॉर्म खुलेगा वही भरना है।

 

वेबसाइट नही गूगल फॉर्म गजब हो रहा है मास्टरों के साथ…..😢

 

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeTfr0gwtqZ2f0NVeDTpnZsQCO98aDCE-vTOgzqjUgLgEdAHQ/viewform

 

👆🏻कैशलैस चिकित्सा हेतु भरा जाने वाला बेसिक विभाग का गूगल फॉर्म

 

 

Every दें इस फॉर्म में लिखकर आ रहा है कि मैंने यह आवेदन स्वेच्छा से किया है ।न कोई ढंग की वेबसाइट न आवेदन का ढंग से विवरण बस गूगल फॉर्म भरिए चार सेट में जमा करिए बीआरसी पर , अभी तक कौन से हॉस्पिटल कवर हैं आदि आदि इस सब का कोई विस्तृत जानकारी भी नहीं उपलब्ध है साइट पर , प्रीमियम भी काफी महंगा है।

साभार

आदित्य त्रिवेदी

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MDM रसोईया मानदेय में खेल : कौशांबी जिले के मिड-डे-मील जिला समन्वयक समेत सात की संविदा समाप्त, FIR दर्ज, 6 BEO के खिलाफ कार्यवाही हेतु संस्तुति

MDM रसोईया मानदेय में खेल : कौशांबी जिले के मिड-डे-मील जिला समन्वयक समेत सात की संविदा समाप्त, FIR दर्ज, 6 BEO के खिलाफ कार्यवाही हेतु संस्तुति

🔴 लाखो रुपए गबन के आरोप में 5 शिक्षा कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश

🔴 छह खण्ड शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के लिए महानिदेशक को भेजा पत्र

🔴 लाखो रुपए के शिक्षा विभाग में गबन के आरोप में सात संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त




कौशाम्बी : जिले के विभिन्न विकास खण्ड के विद्यालयों में रसोइयां के रूप कार्यरत न होने के बावजूद सुनियोजित तरीके से स्वयं तथा अपने सगे सम्बन्धियों जान पहचान के व्यक्तियों के खाते में प्रथमद्ष्ट्या लाखो रुपए मानदेय के प्रेषण करके शासकीय धनराशि के व्यपहरण का मामला प्रकाश में आया है।


मामले की जांच जिलाधिकारी ने कराई थी जॉंच में दोषी पाये गये पंकज कुमार, जिला समन्वयक-एम0डी0एम0 विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 पटल प्रभारी सिराथू सम्प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास खण्ड सरसवां राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 पटल प्रभारी-मूरतगंज सम्प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास खण्ड-कड़ा मो0 नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिण्डरा/एम0डी0एम0 पटल प्रभारी विकास खण्ड मंझनपुर नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर एम0डी0एम0 के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जिला अधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को दिये है।


उपरोक्त पॉंचोें कर्मचारियों एवं 02 अन्य कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदीप सिंह, सरसवां एवं आलेप कुमार, सिराथू कुल 07 संविदा कर्मचारियों की सेवायें तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कौशाम्बी को दिये गये

पर्यवेक्षणीय कार्यों में शिथिलता बरतने के लिए दोषी बताये गये खण्ड शिक्षाधिकारियों राजेश कुमार, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सिराथू सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी जनपद चित्रकूट जवाहर लाल यादव, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सिराथू सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी मुख्यालय कौशाम्बी चन्द्रमोहन सिंह, खण्ड शिक्षाधिकारी मंझनपुर श्रीमती किरन पाण्डेय, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी मूरतगंज सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी कड़ा मुकेश नारायण मिश्र तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी मूरतगंज सम्प्रति निलम्बित खण्ड शिक्षाधिकारी सम्बद्ध जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंझनपुर मिथिलेश कुमार, तत्कालीन खण्ड शिक्षाधिकारी सरसवां सम्प्रति खण्ड शिक्षाधिकारी जनपद चित्रकूट के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के लिए महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, उत्तर प्रदेश लखनऊ को जिलाधिकारी द्वारा रिपोर्ट प्रेषित की गयी है



कौशांबी : मिड-डे-मील योजना में एक बड़े फर्जीबाड़े का खुलासा हुआ है। बीएसए कार्यालय में तैनात एमडीएम के जिला समन्वयक समेत सात कर्मचारी फर्जी रसोइयां बन खुद व रिश्तेदारों के खाते में मानदेय का 7.42 लाख रुपया भेजकर खा गए। जांच में खुलासा होने के बाद डीएम सुजीत कुमार ने सातों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के साथ ही पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके अलावा पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले छह खंड शिक्षाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा को संस्तुति कर दी गई। एकमुश्त इतनी बड़ी कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली है।

पिछले दिनों रसोइयों को मानदेय मुहैया कराने के लिए शासन से बजट आवंटित हुआ तो बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। खंड शिक्षाधिकारी सिराथू सुरेंद्र पटेल ने हाजिरी सत्यापन कराने के लिए रसोइयों की सूची व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर स्कूलों के प्रधानाचार्यों से जानकारी मांगी। इस दौरान कुछ विद्यालयों से जानकारी मिली कि सूची में दर्ज रसोइयां उनके यहां नियुक्ति ही नहीं हैं।




बीएसए की जांच में हुआ खुलासा

एबीएसए ने इसकी जानकारी बीएसए प्रकाश सिंह को दी। मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने बीएसए के साथ ही वित्त एवं लेखाधिकारी विनय प्रजापति की दो सदस्यीय टीम गठित कर प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया। अफसरों ने अभिलेखों को खंगाला तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।


बीएसए ने बताया कि वर्ष 2019 से 22 के बीच 45 फर्जी रसोइयों के नाम से कार्यालय में तैनात जिला समन्वयक एमडीएम पंकज जायसवाल समेत पांच कर्मचारी अपने व अपने रिश्तेदारों के खाते में मानदेय भेज रहे थे।


अब तक इन लोगों ने 7.42 लाख रुपये की धनराशि का गबन किया है। इस कार्यालय में दो अन्य कर्मचारी भी सहयोग करते थे। इसके अलावा संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों ने भी पर्यवेक्षण में लापरवाही की।


जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बुधवार को सभी सातों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करते हुए जिन पांच कर्मचारियों के खाते में धनराशि जा रही थी उनके खिलाफ एफआईआर कराने का निर्देश दिया। इंस्पेक्टर विनोद सिंह ने बताया कि देर रात सभी पांचों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।


इनकी हुई संविदा समाप्त

पंकज कुमार जायसवाल-जिला समन्वयक एमडीएम

विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी सिराथू (वर्तमान तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां ब्लॉक)

राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी मूरतगंज (वर्तनाम तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर कड़ा ब्लॉक)

मो. नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिंडरा/एमडीएमपटल प्रभारी मंझनपुर ब्लॉक

नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर-एमडीएम

प्रदीप सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां

आलेप कुमार कंप्यूटर आपरेटर सिराथू

इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को भेजा गया पत्र

राजेश कुमार, तत्कालीन एबीएस सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)

जवाहर लाल यादव, तत्कालीन एबीएसए सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए मुख्यालय कौशाम्बी)

चंद्रमोहन सिंह, एबीएसए मंझनपुर

किरन पांडेय, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान तैनाती एबीएसए कड़ा)

मुकेश नारायण मिश्र, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान निलम्बित एबीएसए सम्बद्ध डायट मंझनपुर)

मिथिलेश कुमार, तत्कालीन एबीएसए सरसवां (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)




फर्जी रसोइयों के नाम पर मानदेय आहरित करने के आरोप में सात कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के साथ ही एमडीएम समन्वयक समेत पांच के खिलाफ एफआई दर्ज करा दी गई है। साथ ही पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले छह खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए महानिदेशक को संस्तुति की गई है।
सुजीत कुमार, जिलाधिकारी कौशांबी

UP सरकार का निर्देश, स्कूल शुरू होने के 15 मिनट पहले और बंद होने के 30 मिनट बाद तक स्कूल में रुकेंगे शिक्षक

UP सरकार का निर्देश, स्कूल शुरू होने के 15 मिनट पहले और बंद होने के 30 मिनट बाद तक स्कूल में रुकेंगे शिक्षक

छात्रों की पढ़ाई को लेकर सजग योगी सरकार का निर्देश, शिक्षण अवधि में स्कूल में ही रहेंगे शिक्षक।

UP News यूपी के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय प्रांगण से बाहर नहीं रहेगा। शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में उपस्थित होंगे एवं शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे। साथ ही, साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। यदि शैक्षिक कैलेंडर में निर्धारित समय सारिणी का अनुपालन नहीं सुनिश्चित किया जा सका है तो इसकी प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था की जाएगी।

गोष्ठी, संगोष्ठी नहीं सिर्फ पढ़ाएं शिक्षक

इसके अलावा, शैक्षणिक कार्य अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और गोष्ठी का आयोजन नहीं होगा। छात्रों के पठन पाठन को लेकर सजग मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है। ऐसे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जिलों में इनका अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

20 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट

डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है। इसी तरह निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण का कार्य विद्यालय अवधि के बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

शैक्षणिक कार्य के दौरान नहीं होगी रैली-गोष्ठी

पत्र में ये भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन भी नहीं हो सकेगा। इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा। विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा। शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा। जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निशुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण शिक्षण अवधि के बाद ही किया जाएगा। परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा।

सप्ताह में एक बार प्रधानाचार्य के साथ हो बैठक

विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों हेतु ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। अतः बैंकिंग एवं अन्य कार्यों यथा पासबुक में एंट्री कराया जाना, ग्राम प्रधान से वार्ता व एमडीएम संबंधी आवश्यकताओं एवं समन्वय आदि हेतु शिक्षण अवधि में शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। शिक्षकों के वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित समस्त कार्यों के ऑनलाइन निष्पादन हेतु मानव संपदा पोर्टल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अतः अधिष्ठान संबंधी किसी कार्य के लिए शिक्षकों द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाएगा। सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक आहूत की जाएगी। इस बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।

पढ़ाई का न हो नुकसान

टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में 14 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी किया गया था। शासनादेश में कहा गया था कि शैक्षणिक समय के अंतर्गत उल्लिखित समयानुसार प्रार्थना सभा, योगान्यास अवश्य कराया जाए। जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा। विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएं। साथ ही यह भी अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी ऐसी गतिविधि या क्रियाकलाप का आयोजन न किया जाए जिससे कि पठन-पाठन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो।

DC : संविदा पर (आउट सोर्सिंग के माध्यम से) जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा), जिला समन्वयक (निर्माण), जिला समन्वयक (एम०आई०एस० ) एवं ईएमआईएस इंचार्ज के रिक्त पदों पर चयन के सम्बन्ध में शासनादेश जारी।

DC : संविदा पर (आउट सोर्सिंग के माध्यम से) जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा), जिला समन्वयक (निर्माण), जिला समन्वयक (एम०आई०एस० ) एवं ईएमआईएस इंचार्ज के रिक्त पदों पर चयन के सम्बन्ध में शासनादेश जारी।

परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र का आधा साल बीता, त्रैमासिक परीक्षा का पता नहीं

परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र का आधा साल बीता, त्रैमासिक परीक्षा का पता नहीं

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू हुए सात माह बीत गए लेकिन त्रैमासिक परीक्षा का कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं हुआ है।

परीक्षा सितम्बर में प्रस्तावित थी। अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा का कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। परिषदीय स्कूलों के दो लाख से अधिक बच्चे व शिक्षक परीक्षा के इंतजार में हैं। लखनऊ में परिषदीय स्कूलों की संख्या 1619 है। इसमें 1148 प्राइमरी, 268 जूनियर और 203 कॉम्पोजित स्कूल हैं। दो लाख आठ हजार बच्चे पंजीकृत हैं। शिक्षक त्रैमासिक परीक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करा चुके हैं। बीएसए कार्यालय की ओर से प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को त्रैमासिक परीक्षाएं सितम्बर में कराने के लिए कहा गया था। विभाग के जिम्मेदारों को कुछ पता नहीं है। त्रैमासिक परीक्षा न होने से छमाही परीक्षा पर संकट गहराया गया है। बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि त्रैमासिक परीक्षा होनी है लेकिन अभी तक विभाग की ओर से तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। त्रैमासिक पाठ्यक्रम पूरा है।

प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए, निलंबित

प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए, निलंबित

मैनपुरी। परियोजना निदेशक की रिपोर्ट पर प्रधानाध्यापिका और शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। परियोजना निदेशक ने 12 अक्तूबर को विकास खंड जागीर के प्राथमिक विद्यालय भारापुर का निरीक्षण किया था। इस दौरान विद्यालय में तैनात शिक्षिका कीर्ति, शिक्षामित्र शैलेंद्र सागर और साधना अनुपस्थित मिली थीं। परियोजना निदेशक ने पाया कि प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। परियोजना निदेशक को एमडीएम उपस्थिति में भी फर्जीवाड़ा मिला। 61 छात्र उपस्थित थे। एमडीएम रजिस्टर में 110 दर्शाए गए थे।

परियोजना निदेशक केके सिंह ने 12 अक्तूबर को जागीर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भारापुर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के समय यहां तैनात शिक्षिका कीर्ति और शिक्षामित्र शैलेंद्र सागर व साधना अनुपस्थित थीं। अनुपस्थित शिक्षकों के पंजिका पर हस्ताक्षर थे। परियोजना निदेशक ने पिछले हस्ताक्षरों से मिलान किया तो पाया कि प्रधानाध्यापिका ने ही ये फर्जी तरीके से किए हैं। निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक को 61 छात्र उपस्थित मिले। एमडीएम रजिस्टर में भोजन वितरण 110 छात्रों को दिखाया गया। परियोजना निदेशक ने पाया कि 49 छात्रों को फर्जी एमडीएम वितरण दिखाया गया है। परियोजना निदेशक ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को भेज दी। बीएसए दीपिका गुप्ता ने परियोजना निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाध्यापिका रीता और कीर्ति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

रीता को जागीर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय हविलिया चौहानपुर से संबद्ध करते हुए बीईओ किशनी सुनील कुमार दुबे को जांच अधिकारी बनाया गया है। कीर्ति को प्राथमिक विद्यालय कीरतपुर से संबद्ध करते हुए बीईओ सुल्तानगंज अनुपम शुक्ला को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्री विजय किरन आनंद जी से मुलाकात कर शिक्षको का जनपद के स्थानांतरण/समायोजन/ पारस्पारिक स्थानांतरण, शिक्षको के प्रमोशन,मध्यान भोजन कांवर्जन कास्ट बढ़ाए जाने सहित अन्य बिंदुओं को लेकर मुलाकात

एक बार पुनः महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्री विजय किरन आनंद जी से मुलाकात कर शिक्षको का जनपद के स्थानांतरण/समायोजन/ पारस्पारिक स्थानांतरण, शिक्षको के प्रमोशन,मध्यान भोजन कांवर्जन कास्ट बढ़ाए जाने सहित अन्य बिंदुओं को लेकर मुलाकात कर समस्याओं का निस्तारित करने का अनुरोध किया।