प्रमोशन/स्थानांतरण/समायोजन: बेसिक में पदोन्नति/स्थानांतरण हेतु 13 जनवरी 2023 को विभागीय बड़ी बैठक आहूत किये जाने के सम्बंध में, देखें आदेश

🔴 बेसिक में पदोन्नति/स्थानांतरण हेतु 13 जनवरी 2023 को विभागीय बड़ी बैठक आहूत किये जाने के सम्बंध में, देखें आदेश

🔴 नए शैक्षिक सत्र से पहले प्रमोशन हो जाने की पूरी उम्मीद

UP सरकार का निर्देश, स्कूल शुरू होने के 15 मिनट पहले और बंद होने के 30 मिनट बाद तक स्कूल में रुकेंगे शिक्षक

UP सरकार का निर्देश, स्कूल शुरू होने के 15 मिनट पहले और बंद होने के 30 मिनट बाद तक स्कूल में रुकेंगे शिक्षक

छात्रों की पढ़ाई को लेकर सजग योगी सरकार का निर्देश, शिक्षण अवधि में स्कूल में ही रहेंगे शिक्षक।

UP News यूपी के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय प्रांगण से बाहर नहीं रहेगा। शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में उपस्थित होंगे एवं शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे। साथ ही, साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। यदि शैक्षिक कैलेंडर में निर्धारित समय सारिणी का अनुपालन नहीं सुनिश्चित किया जा सका है तो इसकी प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था की जाएगी।

गोष्ठी, संगोष्ठी नहीं सिर्फ पढ़ाएं शिक्षक

इसके अलावा, शैक्षणिक कार्य अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और गोष्ठी का आयोजन नहीं होगा। छात्रों के पठन पाठन को लेकर सजग मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है। ऐसे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जिलों में इनका अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

20 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट

डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है। इसी तरह निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण का कार्य विद्यालय अवधि के बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

शैक्षणिक कार्य के दौरान नहीं होगी रैली-गोष्ठी

पत्र में ये भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन भी नहीं हो सकेगा। इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा। विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा। शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा। जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निशुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण शिक्षण अवधि के बाद ही किया जाएगा। परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा।

सप्ताह में एक बार प्रधानाचार्य के साथ हो बैठक

विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों हेतु ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। अतः बैंकिंग एवं अन्य कार्यों यथा पासबुक में एंट्री कराया जाना, ग्राम प्रधान से वार्ता व एमडीएम संबंधी आवश्यकताओं एवं समन्वय आदि हेतु शिक्षण अवधि में शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। शिक्षकों के वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित समस्त कार्यों के ऑनलाइन निष्पादन हेतु मानव संपदा पोर्टल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अतः अधिष्ठान संबंधी किसी कार्य के लिए शिक्षकों द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाएगा। सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक आहूत की जाएगी। इस बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।

पढ़ाई का न हो नुकसान

टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में 14 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी किया गया था। शासनादेश में कहा गया था कि शैक्षणिक समय के अंतर्गत उल्लिखित समयानुसार प्रार्थना सभा, योगान्यास अवश्य कराया जाए। जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा। विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएं। साथ ही यह भी अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी ऐसी गतिविधि या क्रियाकलाप का आयोजन न किया जाए जिससे कि पठन-पाठन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो।

DC : संविदा पर (आउट सोर्सिंग के माध्यम से) जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा), जिला समन्वयक (निर्माण), जिला समन्वयक (एम०आई०एस० ) एवं ईएमआईएस इंचार्ज के रिक्त पदों पर चयन के सम्बन्ध में शासनादेश जारी।

DC : संविदा पर (आउट सोर्सिंग के माध्यम से) जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा), जिला समन्वयक (निर्माण), जिला समन्वयक (एम०आई०एस० ) एवं ईएमआईएस इंचार्ज के रिक्त पदों पर चयन के सम्बन्ध में शासनादेश जारी।

परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र का आधा साल बीता, त्रैमासिक परीक्षा का पता नहीं

परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र का आधा साल बीता, त्रैमासिक परीक्षा का पता नहीं

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू हुए सात माह बीत गए लेकिन त्रैमासिक परीक्षा का कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं हुआ है।

परीक्षा सितम्बर में प्रस्तावित थी। अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा का कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। परिषदीय स्कूलों के दो लाख से अधिक बच्चे व शिक्षक परीक्षा के इंतजार में हैं। लखनऊ में परिषदीय स्कूलों की संख्या 1619 है। इसमें 1148 प्राइमरी, 268 जूनियर और 203 कॉम्पोजित स्कूल हैं। दो लाख आठ हजार बच्चे पंजीकृत हैं। शिक्षक त्रैमासिक परीक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करा चुके हैं। बीएसए कार्यालय की ओर से प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को त्रैमासिक परीक्षाएं सितम्बर में कराने के लिए कहा गया था। विभाग के जिम्मेदारों को कुछ पता नहीं है। त्रैमासिक परीक्षा न होने से छमाही परीक्षा पर संकट गहराया गया है। बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि त्रैमासिक परीक्षा होनी है लेकिन अभी तक विभाग की ओर से तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। त्रैमासिक पाठ्यक्रम पूरा है।

प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए, निलंबित

प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए, निलंबित

मैनपुरी। परियोजना निदेशक की रिपोर्ट पर प्रधानाध्यापिका और शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। परियोजना निदेशक ने 12 अक्तूबर को विकास खंड जागीर के प्राथमिक विद्यालय भारापुर का निरीक्षण किया था। इस दौरान विद्यालय में तैनात शिक्षिका कीर्ति, शिक्षामित्र शैलेंद्र सागर और साधना अनुपस्थित मिली थीं। परियोजना निदेशक ने पाया कि प्रधानाध्यापिका ने अनुपस्थित शिक्षिका और शिक्षामित्रों के फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। परियोजना निदेशक को एमडीएम उपस्थिति में भी फर्जीवाड़ा मिला। 61 छात्र उपस्थित थे। एमडीएम रजिस्टर में 110 दर्शाए गए थे।

परियोजना निदेशक केके सिंह ने 12 अक्तूबर को जागीर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भारापुर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के समय यहां तैनात शिक्षिका कीर्ति और शिक्षामित्र शैलेंद्र सागर व साधना अनुपस्थित थीं। अनुपस्थित शिक्षकों के पंजिका पर हस्ताक्षर थे। परियोजना निदेशक ने पिछले हस्ताक्षरों से मिलान किया तो पाया कि प्रधानाध्यापिका ने ही ये फर्जी तरीके से किए हैं। निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक को 61 छात्र उपस्थित मिले। एमडीएम रजिस्टर में भोजन वितरण 110 छात्रों को दिखाया गया। परियोजना निदेशक ने पाया कि 49 छात्रों को फर्जी एमडीएम वितरण दिखाया गया है। परियोजना निदेशक ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को भेज दी। बीएसए दीपिका गुप्ता ने परियोजना निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाध्यापिका रीता और कीर्ति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

रीता को जागीर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय हविलिया चौहानपुर से संबद्ध करते हुए बीईओ किशनी सुनील कुमार दुबे को जांच अधिकारी बनाया गया है। कीर्ति को प्राथमिक विद्यालय कीरतपुर से संबद्ध करते हुए बीईओ सुल्तानगंज अनुपम शुक्ला को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया है।

शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सपा का सदन से वॉकआउट,कहा- अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को राहत दे प्रदेश सरकार

शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सपा का सदन से वॉकआउट,कहा- अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को राहत दे प्रदेश सरकार

लखनऊ। सपा सदस्यों ने शिक्षामित्रों के मुद्दे पर बुधवार को विधान परिषद से वॉकआउट किया। उनका कहना था कि सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करे। समान कार्य के लिए समान वेतन दे। वहीं शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि भाजपा शासन में शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। शिक्षामित्रों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने मानदेय भी 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया।

कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये सपा सदस्य मुकुल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय कुशल श्रमिक के मानदेय से काफी कम है। शिक्षामित्रों के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट की जानकारी दी जानी चाहिए। शिक्षामित्रों के पक्ष में अध्यादेश लाकर उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। टीईटी पास करने की बाध्यता से छूट दी जानी चाहिए । नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, शिक्षा मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र हैं। पिछड़े वर्ग से होने के कारण सपा सदस्य उन्हें बोलने नहीं देना चाहते हैं। सपा के लाल बिहारी यादव ने कहा कि इसमें पिछड़ों की बात कहां से आ गई। इसके बाद हंगामा बढ़ गया और सपा सदस्य वॉक आउट कर गए।

सीतापुर जिले में परिषदीय विद्यालयों के 07:45 AM से 02:30PM तक संचालन हेतु आदेश जारी, देखे.

सीतापुर जिले में परिषदीय विद्यालयों के 07:45 AM से 02:30PM तक संचालन हेतु आदेश जारी, देखे आदेश

शिक्षिका से छेड़खानी पांच शिक्षकों पर केस

शिक्षिका से छेड़खानी पांच शिक्षकों पर केस

कुंडा इलाके के एक गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रयागराज इलाके की युवती शिक्षिका है, इसी विद्यालय में इलाके का एक युवक भी शिक्षक है। वह सहकर्मी शिक्षिका से शादी करना चाहता था लेकिन युवती की शादी कहीं और तय हो गई। इससे भन्नाए शिक्षक ने युवती के मंगेतर को फोन करके उससे कहा कि शिक्षिका से उसके पहले से रिश्ते हैं और वह उससे शादी करना चाहता है। इससे शिक्षिका की शादी टूट गई।

शादी तोड़वाने के लिए शिक्षक की करतूत पता चलने से नाराज शिक्षिका अपने भाई के साथ मंगलवार को थाने पहुंची और शिक्षक व उसके सहयोगियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस शिक्षक को तलब किया तो उसके बचाव में शिक्षक संघ के कई पदाधिकारी कोतवाली पहुंच गए। घंटो तक चली पंचायत के बाद भी बात नहीं बनी। पुलिस ने शिक्षिका की तहरीर पर श्रीकांत पाल, अजय सोनकर, बेदी मौर्या, गगन मौर्या, जयंती शुक्ल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है.

प्रधानाध्यापिका को लाठी-डण्डों से पीटकर किया घायल, ग्राम प्रधान पर लगाए यह आरोप

प्रधानाध्यापिका को लाठी-डण्डों से पीटकर किया घायल, ग्राम प्रधान पर लगाए यह आरोप.

सादर अवगत कराना है कि संविलियन विद्यालय मुडारी सिधारपुर विनं सहसवान मेकार्यरत प्रधान अध्यापिका श्रीमती कामिनी कौशल के द्वारा आज दिनांक 15-08-2022 को विभागीय निर्देशों के अनुरूप प्रातः 06:30 बजे आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में छात्रों एवं विद्यालय परिवार के सदस्यों के साथ संलग्न थी तभी लगभग 09:30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान श्री दिनेश पुत्र श्री मोरपाल अपने कुछ साथियों, श्री प्रमोद एवं श्री रामौतार के साथ लाठी-डण्डों से लैस होकर आये और प्रधानाध्यापिका को विद्यालय प्रांगण में ही गन्दी गन्दी गाली देने लगे। मना किये जाने पर अध्यापिका को लाठी-डण्डों से पीटकर घायल कर दिया गया। विद्यालय के कार्यालय कक्ष में घुसकर सरकारी रजिस्टर फाड डाले और सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुँचायी और हमलावरों ने अध्यापिका से कहा कि यदि उनका हिस्सा उन्हें नहीं मिलेगा तो अध्यापिका को नौकरी नहीं करने देंगे व उन्हें जान से मार डालेंगे। हमलावरों के द्वारा किये गये हमले से अध्यापिका के हाथ व सिर में गम्भीर चोट आयी है।