जल्द खुलेंगे नए 91 प्राथमिक स्कूल, राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद निर्देश जारी
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद निर्देश जारी, सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के लिए उन क्षेत्रों में नए विद्यालय खोले जाएंगे , जहां विद्यालयों की दूरी अधिक रही है । केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद 15 जिलों में 91 नए प्राथमिक विद्यालय खोलने के लिए निर्देश जारी कर दिया है । सबसे अधिक 33 विद्यालय बहराइच जिले में बनेंगे , दूसरे नंबर पर मीरजापुर में 22 व तीसरे नंबर सोनभद्र में 14 स्कूल बनाए जाएंगे । प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 1.33 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं इन स्कूलों में एक करोड़ 92 लाख छात्र – छात्राओं का दाखिला हो चुका है , इसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिन्हें स्कूल पहुंचने में परेशानी हो रही है । इधर कई वर्ष से पहले से संचालित विद्यालयों के भवनों का पुनर्निर्माण , कायाकल्प आदि चल रहा था । बेसिक शिक्षा विभाग की मांग पर केंद्र सरकार 91 प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत किया । इन विद्यालयों को 15 जिलों के उन क्षेत्रों में खोला जाएगा जहां से विद्यालयों की दूरी काफी अधिक है।
नए विद्यालयों में ये सुविधाएं: हर नए विद्यालय में दो कमरे , बरामदा एक प्रधानाध्यापक कक्ष आदि का निर्माण किया जाएगा । इसके अलावा स्कूल वायरिंग , शौचालय , रसोईघर , सोलर पैनल सिस्टम , मल्टीपल हैंडवाशिंग सिस्टम , सबमर्सिबल पानी की आपूर्ति और बिजली कनेक्शन निर्माण के साथ ही दिया जाएगा ।
दस वर्ष बाद मिले सूबे को मिले स्कूल: प्रदेश को नए विद्यालय पहले 2012 मिले थे । दस वर्ष बाद नए विद्यालयों स्वीकृति दी गई है । राज्य से 300 विद्यालयों का प्रस्ताव भेजा गया उनमें से 91 को मंजूरी मिली है । ज्ञात हो कि एक किलोमीटर की दूरी 500 की आबादी पर प्राथमिक विद्यालय व तीन किलोमीटर की दूरी , 800 आबादी पर नया उच्च प्राथमिक खोला जा सकता है ।
“नए विद्यालय निर्माण के लिए चिन्हित 15 जिलों को धनराशि के साथ ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं । तेजी से निर्माण कराकर जल्द ही इसे पूरा कराया जाएगा ।”- विजय किरन आनंद , महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश
एक बार पुनः महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्री विजय किरन आनंद जी से मुलाकात कर शिक्षको का जनपद के स्थानांतरण/समायोजन/ पारस्पारिक स्थानांतरण, शिक्षको के प्रमोशन,मध्यान भोजन कांवर्जन कास्ट बढ़ाए जाने सहित अन्य बिंदुओं को लेकर मुलाकात कर समस्याओं का निस्तारित करने का अनुरोध किया।
मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश आवेदन न्यून होने पर महानिदेशक द्वारा जताई गई शिक्षकों के अनियमित रहने की आशंका, ऐसे जनपदों में महानिदेशक की विशेष टीम द्वारा होगा निरीक्षण
समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी निम्न लिखित निर्देशो का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करे… १. शिक्षको के निलंबन की कार्यवाही नियमावली १९९९ के अनुसार अंतिम विकल्प के रूप में ही की जाए। छोटी छोटी गलतियों के लिए उक्त कार्यवाही कदापि न की जाए २. शिक्षको के निलंबन की दशा में #Anushanatmak जांच की कार्यवाही शासनादेश दिनाक 14/8/2020के अनुसार के एक माह में अवश्य पूरी कर ली जाए। 3.मूल विद्यालय से इतर किसी भी विद्यालय/कार्यालय में किसी भी अध्यापक को संबद्ध न किया जाय । संबद्ध सभी शिक्षको को तत्काल मूल विद्यालय में भेजा जाय ।इस संबंध में पूर्व में ही निर्देश भेजे जा चुके है। 4.उक्त निर्देशो के अनुपालन में विचलन/जॉच में उदासीनता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के जिम्मेदारी तय की जाएगी महानिदेशक स्कूल शिक्षा
हर माह हेडमास्टरों के आयोजन के क्रम में दिनांक 27 जनवरी को यूट्यूब सेेेशन आयोजित किये जाने के सम्बंध में, क्लिक कर जुड़ने का यूट्यूब लिंक देखें – Head Teacher Youtube Live
सभी डायट प्राचार्य, BSA, BEO, SRG, ARP, डायट मेंटर एवं सभी प्रधानाध्यापक कृपया ध्यान दें-
अवगत कराना है कि मिशन प्रेरणा के अंतर्गत राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रति माह Head Teacher Youtube Live का आयोजन किया जाता है। तत्क्रम में दिनांक 27 जनवरी 2020 (बुधवार) को अपरान्ह 12 बजे से अपरान्ह 1:30 बजे तक यू- ट्यूब सेशन आयोजित किया जा रहा है।
■ उक्त यू- ट्यूब बैठक का एजेंडा बिंदु संलग्न पत्र में उल्लिखित हैं।
★ दिनाँक : 27 जनवरी, 2020 ★ दिन : बुधवार ★ समय : अपरान्ह 12 बजे से अपरान्ह 1:30 बजे; ★ मीटिंग लिंक : https://youtu.be/FkK0JQL1N-8
अतः सभी BSA, BEO, SRG, डायट मेन्टर एवं ARP स्वयं के साथ साथ अपने जनपद/ब्लॉक के सभी प्रधानाध्यापकों (प्रा0/उ0प्रा0) की प्रतिभागिता सुनिश्चित करायें।
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश सरकार के ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद द्वारा जारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के आदेश को लेकर शिक्षकों में आक्रोश और रोष व्याप्त हो गया है सुबे के लाखों शिक्षकों में इस आदेश को लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाएं हैं तो वहीं इस आदेश को लेकर के लोगों में इस कदर आक्रोश है लोगों ने इस आदेश के खिलाफ माननीय न्यायालय at शरण लेने का भी मन बना लिया है। स्कूली शिक्षा मह्मननिदेशक विजय किरण आनंद के आदेश के अनुसार शिक्षकों की वार्षिक मूल्यांकन आख्या ऑनलाइन भरी जानी है जिसमें शिक्षकों द्वारा अपना स्वयं का मूल्यांकन करना है और प्रतिवेदक अधिकारी ध्खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मूल्यांकन किया जाना है और उनके अंक निर्धारित कियें गए है लेकिन महानिदेशक के आदेश के कुछ बिंदुओं को लेकर शिक्षकों में गहरा आक्रोश है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता ने शिक्षकों को बैठक आयोजित करके बताया की आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत जारी आदेश के मुताबिक विद्यालय में मूल भूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया था जिसको लेकर शासन द्वारा भी आदेश जारी करते हुए जिला अधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी को आदेश पारित किया गया कि ग्राम निधि के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा स्कूलों को 14 मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त किया जाए इसके लिए बकायदा फंड की व्यवस्था भी शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई थी। एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्कूलों के बंद होने के बावजूद द ज्यादातर ग्रामो में ग्राम प्रधान पंचायत सचिव की लापरबाही की बजह से स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं हो पाई, लेकिन महानिदेशक के ताजा आदेश के अनुसार ग्राम प्रधान द्वारा कराए जा रहे कार्यों को लेकर भी शिक्षकों को जिम्मेदारी तय कर दी गई जिसके लिए ना तो उनको कोई फंड की व्यवस्था की गई ना थी न ही इसको पूरा कराने को लेकर उनको कोई आदेश शासन द्वारा दिया गया। डीजी के इस आदेश की बजह से शिक्षकों का कहना है कि करे कोई भरे कोई अर्थात मूलभूत सुधार की जिम्मेदारी के लिए जिनको जिम्मेदारी दी गई थी उनके द्वारा काम न किए जाने को लेकर के उन पर तो कोई कार्यवाही नहीं की गईं लेकिन स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं दिए जाने के नाम पर स्कूल के शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करके उनकी गोपनीय आख्या में कम अंक देकर कार्यवाही का मन बना लिया है।जबकि यह नियम विरुद्ध हैं। शिक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह और सुजीत कुमार शर्मा ने बैठक में बताया को इस आदेश के दो बिंदुओं पर आपत्ति है। जिसमें आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत कार्य पूर्ण ना छोने का जिम्मेदार अध्यापक को बनाया जाना जबकि ग्राम प्रधानों द्वारा मुख्यतः उन्हीं विद्यालयों में कार्य कराए गए हैं जहां पर पोलिंग बूथ हैं।विद्यालयों में आने बाली कम्पोजिट ग्रांट 14 पैरामीटर का काम कराने के लिए नाकापी है लेकिन उसको खर्च करने के निर्देश अलग है इस मद में खर्च नही कर सकते है। इसके लिए शिक्षक स्वयं के वेतन से हो कार्य कराएँ। ब्लाक अध्यक्ष बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की यह बात सर्जवरिदित है कि सभी विद्यालयों में छात्र संख्या एक समान नहीं है किसी विद्यालय में 600 है तो किसी में 30 है, तो विभाग किस आधार पर किसी अध्यापक का आकलन कैसे कर सकता है कि उसने ई- लर्निंग पाठशाला में कितनी संख्या में अभिभावकों को जोड़ा है जहां पर छात्र संख्या कम है वहाँ कम ही संख्या में सदस्य जोड़े जा सकते है।सभी जगह पर अभिभावकों की सामाजिक आर्थिक स्थिति एक समान नहीं है कहीं कहीं पर अभिभावक के पास स्मार्टफेन नहीं मिलेगा , अगर मिलेगा भी तो मोबाइल में डाटा नहीं मिलेगा।
प्रदीप मिश्रा का कहना है को ई ग्रुप में जोड़ी गई संख्या के आधार पर अध्यापक का आकलन करना हास्यास्पद है, इस आदेश का सन्देश स्पष्ट है कि अगर अभिभावक के पास स्मार्टफेन नहीं है तो अध्यापक अक्षम है। बैठक में शिक्षकों ने इस आदेश के विरोध में अपने विचार रखे और लामबंद होकर आगे की रणनीति तय करते हुए माननीय न्यायालय की शरण में जाने की बात कही। विवेक कुमार गुप्ता ने बताया की इस आदेश को लेकर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने शिक्षा मंत्री सतीश द्विबेदी के समक्ष पत्र देकर अपना विरोध दर्ज कराया है यदि आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो शिक्षक हित में आगे को रणनीति तय करते हुए माननीय न्यायालय की शरण में जाया जाएगा। इस मौके पर धीरेंद्र प्रताप सिंह, विमला सिंह, रजनीश शुक्ला, पछाली, अलोक, अनीता, इमामुद्दीन अंसारी, श्रद्धा मणि, रीता राना, भावना मिश्रा, रुद्रकांत, शेरबहादुर, सुजीत शर्मा, प्रभाकांत व सत्य प्रकाश आदि उपस्थित रहे।