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NPS में सरकारी अंशदान हेतु बजट आवंटन।
योगी सरकार ने बदले 45 आईपीएस अफसर, 14 जिलों में नए कप्तान, देखें तबादला सूची
लिए शुक्रवार तड़के 45 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती में फेरबदल कर दिया। वाराणसी और कानपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के साथ ही पुलिस आयुक्तों की तैनाती भी कर दी। एडीजी पद पर प्रोन्नत होने के बाद आगरा में बतौर आईजी तैनात ए सतीश गणेश को वाराणसी और डायल-112 में तैनात एडीजी असीम अरुण को कानपुर का पुलिस कमिश्नर बनाया है। एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसएसपी स्तर के अन्य 43 आईपीएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र भी बदले गए हैं।
योगी सरकार ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट में वाराणसी और कानपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर देर रात अधिसूचना जारी कर दी थी। शुक्रवार सुबह दोनों शहरों को पहले पुलिस कमिश्नर भी मिल गए। इसके अलावा 14 जिलों के पुलिस कप्तान बदले गए। इसी तरह डीआईजी पद पर प्रोन्नति के बाद भी जिलों में बतौर एसएसपी तैनात पांच में से चार आईपीएस अधिकारियों को रेंज में तैनाती दी गई है। सिर्फ वाराणसी के डीआईजी/एसएसपी अमित पाठक को इसी पद पर गाजियाबाद भेजा गया है।
नव प्रोन्नत पांच में से चार डीआईजी को रेंज में तैनाती
प्रदेश सरकार ने शुक्रवार तड़के 45 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया है। इनमें से डीआईजी पद पर प्रोन्नति के बाद भी जिलों में बतौर एसएसपी तैनात पांच में से चार आईपीएस अधिकारियों को रेंज में तैनाती दी गई है।
एक आईजी व पांच डीआईजी स्तर के आईपीएस अधिकारियों को लखनऊ, नोएडा, वाराणसी और कानपुर में संयुक्त व अपर पुलिस आयुक्त के पद पर तैनाती दी गई है। लखनऊ कमिश्नरेट में संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा को आगरा रेंज का नया आईजी बनाया गया है। बरेली व वाराणसी में भी नए आईजी की तैनाती की गई है। गाजियाबाद में डीआईजी/एसएसपी की तैनाती की गई जबकि 13 अन्य जिलों में नए कप्तान बनाए गए हैं।
एडीजी स्तर के तीन अन्य अधिकारियों में एडीजी यातायात एवं सड़क सुरक्षा अशोक कुमार सिंह को असीम अरुण के स्थान डायल-112 का एडीजी बनाया गया है। उधर, वाराणसी के एडीजी/आईजी विजय सिंह मीणा को सतर्कता अधिष्ठान एडीजी लखनऊ और एडीजी/आईजी कानून-व्यवस्था के पद पर तैनात ज्योति नारायण को लखनऊ में ही एडीजी यातायात एवं सड़क सुरक्षा बनाया गया है। कई कप्तानों को जिले से हटाकर विभिन्न मुख्यालयों से संबद्ध किया गया जबकि इसी स्तर के अधिकारियों को मुख्यालय से जिलों की कमान दी गई है।
दोनों नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर को है फील्ड का बेहतर अनुभव
कानपुर के पुलिस कमिश्नर बनाए गए असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह आगरा, टिहरी गढ़वाल (अब उत्तराखंड में), बलरामपुर, हाथरस, सिद्धार्थनगर, अलीगढ़ व गोरखपुर में कप्तान रह चुके हैं। इसके अलावा एटीएस और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एपीजी) में प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते के मुखिया भी रह चुके हैं। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर बनाए गए ए सतीश गणेश 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बीटेक ग्रेजुएट गणेश नोएडा, मथुरा, झांसी, चंदौली, चित्रकूट और प्रतापगढ़ में एसएसपी रह चुके हैं। वाराणसी में डीआईजी और लखनऊ व आगरा में आईजी रेंज भी रहे हैं। पुलिस मुख्यालय में आईजी कानून-व्यवस्था के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। सतीश को अपराध नियंत्रण का खासा अनुभव है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती के लिए तीन दिनों में जिलेवार विज्ञापन जारी करने के निर्देश, ऑनलाइन भरे जाएंगे फार्म
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती के लिए तीन दिनों में जिलेवार विज्ञापन जारी करने के निर्देश, ऑनलाइन भरे जाएंगे फार्म
लखनऊ : प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती के लिए तीन दिनों में जिलेवार विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले विभागीय वेबसाइट पर जिलेवार रिक्तियों का ब्यौरा आनलाइन फीड किया जाएगा। भर्ती के आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाएंगे। चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 45 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशक डा. सारिका मोहन ने मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर भर्ती की समय सारणी तय कर दी है। आदेश के मुताबिक एनआइसी द्वारा विकसित वेबसाइट पर अगले तीन दिनों में रिक्त पदों का ब्यौरा फीड कर जिलेवार विज्ञापन जारी किए जाने की बात कही गई है। ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि विज्ञापन जारी होने की तिथि से 21 दिन रखी गई है। साथ ही पूरी प्रक्रिया निस्तारित करने के लिए 45 दिनों से अधिक समय न लगने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, विभाग में करीब 53 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार ने इसी साल 29 जनवरी को चयन प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया है। सभी जिलों में डीएम की देखरेख में गठित चयन समिति इन पदों पर भर्ती करेगी। चयन समिति की संस्तुति के बाद डीएम के अनुमोदन के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी। डीएम की देखरेख में गठित चयन समिति में जिले में तैनात समूह ‘क’ व ‘ख’ संवर्ग की महिला अफसर भी सदस्य बनाई गईं हैं। नई चयन प्रक्रिया मे बीपीएल परिवारों की अभ्यर्थियों की वरीयता दी जाएगी।
दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने के सम्बन्ध में
यूपी पंचायत चुनाव को लेकर दाखिल याचिका के खिलाफ यूपी सरकार ने कैविएट अर्जी दी
यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति बन सकती है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अपनी कैविएट अर्जी दी है. इसके तहत सरकार ने कहा कि उसका पक्ष भी सुना जाए.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कैविएट दाखिल किया है. सरकार का कहना है कि पंचायत चुनाव से जुड़ी सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए. बता दें कि, यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिये जारी की गई आरक्षण सूची के लेकर हाईकोर्ट की फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2015 के नियम के अनुसार ही आरक्षण को लागू करने की व्यवस्था की थी.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका क्या है
अब ये मामला चुंकि सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. इस बीच आज यूपी सरकार ने भी इस पर कैविएट दाखिल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, हाईकोर्ट के फैसले के बाद जारी की गई नई आरक्षण लिस्ट में दलितों और वंचितों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों का हनन हो रहा है. इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले में बड़ी संख्या में लोग अपनी सहमति दे चुके हैं, और सरकार 2015 को आधार वर्ष मानकर नई सूची भी तैयार करा रही है. लेकिन, दिलीप कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर विचार किया जाना चाहिए.
क्या होती है कैविएट अर्जी
कैविएट एक लैटिन शब्द है. इसका अर्थ होता है सतर्क (Be Aware). ये एक सूचना है जो एक पक्ष के द्वारा कोर्ट को दी जाती है. इसके तहत ये कहा जाता है कि, अदालत वादी को बिना नोटिस भेजे विपक्षी पार्टी को कोई भी राहत न दें, और ना ही कोई कार्रवाई करे. ये एक तरह का बचाव होता है जो एक पक्ष द्वारा लिया जाता है. सिविल प्रोसीजर कोड 148(a) के अंतर्गत कैविएट अर्जी दाखिल की जाती है.
परिषदीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा स्थगित, परीक्षा की नई तारीखें अभी घोषित नहीं
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में 24 से 31 मार्च तक होली का अवकाश घोषित करने का निर्देश दिए जाने के बाद परिषदीय स्कूलों में 25 व 26 मार्च को होने वाली वार्षिक परीक्षा टल गई है। परीक्षा की नई तारीखें अभी घोषित नहीं की गई हैं।
जिन शिक्षण संस्थानों में परीक्षाएं चल रही हैं, वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल के साथ होंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए परिषदीय स्कूलों की वार्षिक परीक्षा की तारीखें तय की जाएंगी।
BIG BREAKING NEWS : 24 से 31 मार्च तक यूपी में क्लास 1 से 8 तक के सभी स्कूल बंद। बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए सीएम के निर्देश पर फैसला।
बांकी शिक्षण संस्थानों में जहां परीक्षाएं नहीं हो रही हैं, 25 से 31 मार्च तक रहेगी छुट्टी।
यूपी शिक्षक भर्ती : यूपीटीईटी का रिजल्ट आते ही होगी घोषणा, भरे जाएंगे 51 हजार खाली पद, शिक्षामित्रों को भी मिलेगा मौका
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2020 कराने का ऐलान बेसिक शिक्षा विभाग ने कर दिया है। इसे बेसिक शिक्षा के प्राथमिक स्कूलों में नई शिक्षक भर्ती की आहट माना जा रहा है। प्राथमिक स्कूलों में 51,112 पद खाली हैं। उत्तर प्रदेश सरकार यह दावा सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कर चुकी है। ऐसे में पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक भर्ती होना लगभग तय है।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 25 जुलाई को होना प्रस्तावित है। पहले तैयारी थी कि यूपी टीईटी के बाद ही एडेड जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक स्कूलों की भर्ती कराई जाएगी लेकिन, जूनियर स्कूलों में इधर लंबे समय से सीधी भर्ती नहीं हुई थी, वहीं उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की अधिक तादाद को देखते हुए यह भर्ती बिना टीईटी के ही कराने का निर्णय हुआ।
विधानसभा चुनाव के पहले दिए जाएंगे नियुक्ति पत्र : प्राथमिक स्कूलों की भर्ती इधर तय अंतराल में हो रही हैं, इसके लिए पात्रता परीक्षा कराना जरूरी है। इसलिए जुलाई या फिर अगस्त में शिक्षक भर्ती की घोषणा हो सकती है, ताकि कुछ ही दिनों में लिखित परीक्षा कराकर परिणाम घोषित हो और विधानसभा चुनाव के पहले नियुक्ति पत्र वितरित हो सकते हैं।
डीएलएड प्रशिक्षु नौकरी की आस में बैठे : प्रतियोगी नई शिक्षक भर्ती की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती पूरी होने के बाद अगली भर्ती शुरू करने का आश्वासन दिया था। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 51,112 पद रिक्त होने की बात स्वीकार की है। इधर, करीब दो लाख से अधिक डीएलएड प्रशिक्षु नौकरी की आस लगाए बैठे हैं।
शिक्षामित्रों को भी भर्ती का इंतजार : शिक्षामित्रों को भी अगली भर्ती का इंतजार है। वजह, सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को शिक्षामित्रों को एक और भर्ती में अवसर देने के आदेश दिए हैं। 68,500 व 69,000 भर्ती में बामुश्किल 15 हजार शिक्षामित्रों को नौकरी मिल सकी है। जुलाई 2017 में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुआ था। उसके बाद से शिक्षामित्र नई भर्ती से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
यूपी टीईटी 25 जुलाई को : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा इस साल 25 जुलाई को आयोजित होगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। सुबह 10 से दोपहर 12.30 बजे तक होने वाली पहली पाली में प्राथमिक स्तर की परीक्षा होगी। दोपहर 2.30 से शाम पांच बजे तक दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा होगी। परीक्षा का रिजल्ट 20 अगस्त को घोषित होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने यूपीटीईटी-2020 के आयोजन की समय सारिणी तय करते हुए इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। यूपीटीईटी के आयोजन के लिए 11 मई को विज्ञापन प्रकाशित होगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए रजिस्ट्रेशन 18 मई दोपहर से शुरू होगा।