ELECTION DUTY – साहब पत्नी की इलेक्शन ड्यूटी काट दीजिए बच्चा छोटा है, डीएम साहब ने दी यह सलाह

महोबा। जिले में तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है। मतदान में चार हजार कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए निर्वाचन कार्यालय में प्रार्थना पत्र पहुंच रहे हैं। जिसमें कोई बीमारी का तो कोई बच्चे और माता-पिता के बूढे़ होने का तर्क दे रहे हैं।

शनिवार को डीएम मनोज कुमार, सीडीओ डॉ. हरिचरन राजकीय पॉलिटेक्निक में प्रशिक्षण का जायजा लेने पहुंचे। जहां पर कनकुआ की शिक्षिका श्रेष्ठता अपने बच्चे को लेकर अपने पति को लेकर पहुंची। कहाकि पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं। बच्चा छोटा है इसलिए एक लोगों की ड्यूटी काट दिया जाए। इस दौरान श्रेष्ठता के पति ने जिलाधिकारी व सीडीओ के आगे हाथ तक जोड़ लिए। जिलाधिकारी ने कहा कि आप लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर ड्यूटी कीजिए। बूथ पर बच्चे को खिलाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। इसी तरह खैरो कला की प्रधानाध्यापक उमा मिश्र भी ड्यूटी कटवाने पहुंची। कहाकि पति-पत्नी दोनों लोगों की ड्यूटी लगा दी गई है। एक लोगों की ड्यूटी काट दीजिए।

Fatehpur :- फतेहपुर में आयोजित विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में पीठासीन / मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में अनुपस्थित कर्मियों का दिनांक 27/01/2022 का वेतन रोकने के लिए आदेश जारी,देखें शिक्षकों/ मतदान कर्मियों की सूची

फतेहपुर में आयोजित विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में पीठासीन / मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में अनुपस्थितकर्मियों का दिनांक 27/01/2022 का वेतन रोकने के लिए आदेश जारी देखें शिक्षकों/ मतदान कर्मियों की सूची

पति-पत्नी सरकारी सेवा में तो एक की लगेगी चुनाव ड्यूटी के सम्बन्ध में, विभाग को दी जाने वाली एप्लीकेशन के फ़ॉर्मेट की कॉपी की pdf डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें

पति-पत्नी सरकारी सेवा में तो एक की लगेगी चुनाव ड्यूटी के सम्बन्ध में, विभाग को दी जाने वाली एप्लीकेशन के फ़ॉर्मेट की कॉपी की pdf डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें

मिली आयोग से अनुमति: मतदान अधिकारी पर शिक्षामित्र एवं तृतीय पर लगेंगे अनुदेशक, पढ़े विस्तृत जानकारी

मिली आयोग से अनुमति: मतदान अधिकारी पर शिक्षामित्र एवं तृतीय पर लगेंगे अनुदेशक, पढ़े विस्तृत जानकारी

लखीमपुर : आख़िरकार विधानसभा चुनाव में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की ड्यूटी लगाने की अनुमतियां मिल गई है शिक्षामित्र मतदान अधिकारी ड्यूटी तथा अनुदेशक मतदान अधिकारी ट्रीटी के पद पर तैनात किए जाएंगे कर्मचारियों की कमी के चलते अधिकारियों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई थी कि आयोग के निर्देशानुसार नियमित कमर्चारी कहां से लाए जाएं।अब आयोग की अनुमतियां मिलने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

टीम ने हाल ही मतदान अधिकारी द्वितीय व तृतीय पद के लिए कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया था। जिसमें बताया गया कि पीठासीन अधिकारियों की संख्या पूरी है, लेकिन मतदान अधिकारी द्वितीय के लिए 470 तथा तृतीय के लिए 332 कर्मियों की कमी है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विधानसभा चुनाव में नियमित कर्मचारी ही ड्यूटी में लगाए जाएं। इसके लिए चाहें तो मंडल पूल के किसी जिले से कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगा सकते हैं। इस निर्देश से अधिकारी परेशान थे और यह समझ नहीं पा रहे थे आखिर इस समस्या का हल कैसे निकले। बाद में अधिकारियों ने अनुमति के लिए फाइल भेजी। इस पर कमिश्नर रंजन कुमार ने साफ किया कि मंडल पूल में चुनाव ड्यूटी के लिए मंडल के किसी जिले में कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं। क्योंकि चौथे चरण में मंडल के हर जिले में उसी दिन मतदान होना है। यह देखते हुए आयोग की तरफ से शिक्षामित्र, अनुदेशकों और आंगनबाड़ी को ड्यूटी में लगाने की अनुमति मिल गई है। डीडीओ अरविद कुमार ने बताया कि शिक्षामित्र और अनुदेशक को रिजर्व में रखा जाएगा। जहां से डिमांड आएगी, उन्हें वहीं भेजा जाएगा।

चुनाव ड्यूटी से पहले हलफनामा देना होगा, सरकारी डॉक्टर, टीचर, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगेंगे :- तीन साल से एक जगह जमे अफसरों की चुनाव ड्यूटी नहीं

प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में ड्यूटी करने वाले सभी अफसरों व कार्मिकों को एक घोषणा पत्र भरना होगा। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दाखिल किये जाने वाले इस घोषणापत्र में इन अफसरों व कार्मिकों को अपनी तरफ से यह घोषित करना पड़ेगा कि उनका मौजूदा चुनाव में खड़े किसी उम्मीदवार से उनका किसी भी तरह का कोई निकट संबंध नहीं है। न ही वे राज्य या जिला स्तर पर किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं।

यही नहीं, इस घोषणा पत्र में उन्हें यह भी लिखना पड़ेगा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चल रहा है। यह निर्देश केन्द्रीय चुनाव आयोग ने जारी किये हैं। इन निर्देशों के अनुसार इनमें से अगर कोई भी जानकारी गलत पायी गयी तो सम्बंधित अफसर या कार्मिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव में ऐसा कोई अफसर तैनात नहीं होगा जो वर्तमान में अपने गृह जनपद में तैनात है या फिर एक ही जिले में उक्त अफसर ने पिछले चार वर्षों में से तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है या फिर आगामी 31 मार्च 2022 को उस जिले में उसकी तैनाती के तीन साल पूरे हो रहे हैं। आयोग के यह निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी या चुनाव सम्बंधी किसी कार्य के लिए तैनात नोडल अधिकारी पर लागू होंगे। यही नहीं, आयोग के ये निर्देश एडीएम, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, विकास खंड अधिकारी आदि पर लागू माने जाएंगे।
आयोग के यह निर्देश चुनाव के दौरान सुरक्षा की ड्यूटी पर तैनात होने वाले पुलिस विभाग के आईजी, डीआईजी, एसएचओ, इन्सपेक्टर, सब इन्सपेक्टर आदि पर भी लागू होंगे। आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव ड्यूटी में ऐसे सब इसंपेक्टर नहीं लगाए जाएंगे जिनकी तैनाती उनके अपने गृह जनपद में है। ऐसे पुलिस कर्मी जो एक पुलिस सब डिवीजन में पिछले चार वर्षों में से तीन साल से लगातार तैनात हैं उनको भी चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा।


सरकारी डॉक्टर, टीचर, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगेंगे
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी यह मंशा कतई नहीं है कि चुनाव के नाम पर बड़े पैमाने पर अफसरों व कर्मचारियों के तबादले किये जाएं। डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्रधानाचार्य आदि जिनका चुनाव से सीधा कोई सम्बंध नहीं है, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाए जाएंगे। आयोग ने यह भी कहा है कि यदि ऐसे किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ राजनीतिक पक्षपात की शिकायत जांच में सही पायी जाती है तो न केवल तत्काल उसका तबादला किया जाएगा बल्कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण में लगे अधिकारियों व कार्मिकों को तब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा जब तक वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित न हो जाए, अगर ऐसा करना अपरिहार्य होता है तो फिर उस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आयोग से अनुमति लेनी होगी।

चुनाव ड्यूटी में मृत कर्मियों के आश्रितों को 30 लाख, एक सप्ताह के अंदर राशि वारिसों को आरटीजीएस के जरिए मिलेगी

प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से मृत लोगों और अन्य कारणों से हुई मृत्यु के मामलों में मुआवजा देने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को 606 करोड़ रुपये की रकम दे दी है। इस रकम से 2128 लोगों को मुआवजे की रकम दी जाएगी। कोरोना से मृत्यु के मामलों में 30 लाख रुपये और गैर कोरोना प्रकरणों में मृत्यु के मामले में 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। शासन ने गुरुवार को सभी जिलाधिकारियों को यह रकम एक सप्ताह के अंदर मृत कर्मियों के वारिसों के खाते में आरटीजीएस के जरिये भेजने के निर्देश दिए हैं।


राज्य सरकार ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहने के दौरान मृत्यु के मामले में चुनाव ड्यूटी की परिभाषा में बदलाव कर दिया था। पहले चुनाव ड्यूटी का अर्थ होता था कि चुनाव तिथि और घर से आने जाने का समय ही था लेकिन सरकार ने अनुकंपा के आधार पर इसमें बदलाव करते हुए इसे प्रशिक्षण, निर्वाचन, मतगणना की तिथि से 30 दिन के अंदर कर दिया था। पंचायती राज विभाग ने
गुरुवार को 2128 कर्मियों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिए 606 करोड़ रुपये राज्य निर्वाचन आयोग को दे दिए हैं। इसके तहत अब चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत के 2097 मामलों में 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी जबकि 31 ऐसे मामले हैं, जिनमें मृत्यु अन्य कारणों से हुई है। इनमें 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह रकम एक सप्ताह में आरटीजीएस के जरिये मृतक कर्मी के वारिसों के बैंक खाते में दे दी जाए। सभी 2128 पात्रों की सूची प्रदेश सरकार की साइट shasanadesh.up.gov.in और panchayatiraj.up.niv.in पर।

एक तीर से कई निशाने लगाए शिक्षक संगठन ने सरकार और शिक्षक संगठन में शुरू हुआ शह और मात का खेल

एक तीर से कई निशाने लगाए शिक्षक संगठन ने
सरकार और शिक्षक संगठन में शुरू हुआ शह और मात का खेल

लखनऊ।।29|5|2021

पिछले कई दिनों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मृत हुए शिक्षको की संख्या पर न केवल प्रदेश अपितु अंतराष्ट्रीय स्तर पर उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार घिरती नजर आई है।जहां एक ओर उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ दिनेशचन्द्र शर्मा शिक्षको की संख्या 1621 बता रहे वही मंत्री जी 3।सरकार से मृत शिक्षको के आश्रित के लिए एक करोड़ व नौकरी की मांग संघ ने रखी है जिसमे सरकार हीलाहवाली कर रही।वही संगठन की एक नई पेशकश ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।संगठन नेअपनी माँग पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का एलान करते हुए सभी शिक्षको का एक दिन का वेतन देने का एलान कर दिया ताकि अपने शिक्षक भाइयों की कुछ आर्थिक मदद हो सके।अब सरकार यदि कटौती करती है तो जग हसाई होगी और नही काटती तो तब भी यही बात आएगी की खुद भी नही दे पा रहे और शिक्षक खुद दे रहे तब भी दिक्कत।दूसरी तरफ यदि कटौती करती है तो कितनो को देती है 3 शिक्षको को या 1621 को।
यदि 3 को देती जिनकी मृत्य सरकार ने स्वीकार की है तो संगठन ने 1621 को देने की मांग की है और यदि 1621 को देती है तो सरकार गलत।
ऐसी कई और छुपी तकनीकी बातों ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।सरकार से गलबहियां किये कुछ संगठनों ने सरकार के इशारे पर उक्त संगठन के निर्णय का विरोध भी इधर उधर की बाते कर प्रारम्भ कर दिया है।विशेषग्यो की माने तो सरकार जल्दी वेतन कटौती को तैयार नही होगी।
सरकार से आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे एकमात्र संगठन उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इस दांव कैसे सरकार निपटती है ये तो वक्त बताएगा पर इतना जरूर है कि जैसे सरकार को संगठन की एक मांग मानकर पीछे हटना पड़ा और अनुकंपा नियुक्ति को चतुर्थ श्रेणी से हटाकर तृतीय करना पड़ा वैसे ही कुछ इस मामले में भी करना पड़ेगा।

चुनाव ड्यूटी में लगीं महिला कर्मियों को रात में घर जाने की होगी छूट

बदायूं। पंचायत चुनाव के लिए मतदान कराने के लिए जिन महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उनको रात में घर आने की छूट होगी। अगले दिन मतदान शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले उनको संबंधित मतदेय स्थल पर पहुंचना होगा। जिले में 19 अप्रैल को 3150 स्थलों पर मतदान होना है।

पहली बार पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए एक साथ मतदान कराया जा रहा है। ऐसे में काफी संख्या में कर्मचारियों की जरूरत है। अब तक करीब 22 हजार कर्मचारियों का डाटा फीड हो चुका है। चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है। काफी संख्या में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 19 अप्रैल को मतदान से पहले 18 अप्रैल को पोलिंग पार्टियों की रवानगी होगी। रात को यह पोलिंग पार्टियां संबंधित मतदान केंद्र और मतदेय स्थल पर ठहरेंगी। काफी संख्या में ऐसे मतदेय स्थल भी हैं जहां महिला कर्मचारियों के लिए रात में ठहरने की ठीक व्यवस्था नहीं है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने महिला कर्मचारियों को रात में अपने घर जाने की छूट दी है। इसके साथ ही मतदान वाले दिन उनको मतदान से कम से कम दो घंटे पहले मतदेय स्थल पर पहुंचना होगा।

प्रथम चरण में जिन जिलों में मतदान हुआ है वहां महिला कर्मचारियों को रात में घर जाने की सुविधा निर्वाचन आयोग ने दी है। राज्य निर्वाचन आयोग के नियम पूरे प्रदेश में समान हैं। – धर्मेंद्र सिंह, प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग

निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त केवल निम्न कारणों व निम्न प्रक्रिया के अनुसार है किया जाएगा, प्रक्रिया देखने के लिए अभी क्लिक करें

निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त केवल निम्न कारणों व निम्न प्रक्रिया के अनुसार है किया जाएगा, प्रक्रिया देखने के लिए अभी क्लिक करें

पति/पत्नी दोनों के चुनाव में ड्यूटी लगने के उपरांत ड्यूटी कटाने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र प्रारूप व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश। डाऊनलोड करने के लिए अभी क्लिक करें