51,112 रिक्त पदों पर शिक्षामित्रों को भी मौका, सुप्रीमकोर्ट के आर्डर के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में विवाद हुआ खत्म

51,112 रिक्त पदों पर शिक्षामित्रों को भी मौका, सुप्रीमकोर्ट के आर्डर के बाद 69000 शिक्षक भर्ती में विवाद हुआ खत्म

कटऑफ का विवाद बुधवार को खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने 60/65 प्रतिशत कटऑफ पर ही भर्ती के आदेश दिए हैं। हालाकि शिक्षामित्रों को अगली शिक्षक भर्ती में एक और मौका मिलेगा। सरकारने इसी मामले में 12 जून को दाखिल इंटरक्यूलेटरी एप्लीकेशन में शीर्ष कोर्ट को यह जानकारी दी थी कि तत्समय शिक्षकों के 51,112 पद खाली थे। यदि कोर्ट 60/65 कटऑफ पर नियुक्ति की अनुमति देती है तो शिक्षामित्रों का हित प्रभावित नहीं होगा अब जबकि जप कोर्ट ने शिक्षामित्रों को एक और मौका देने का आदेश दिया है तो शिक्षकों के रिक्त 51,112 पदों पर शिक्षामित्रों को अवसर मिलने की संभावना बढ़ गई है। 69, 000 भर्ती में 45,357 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया था। इनमें से सामान्य वर्ग के 1561 शिक्षामित्रों ने 65 और आरक्षित वर्ग के 6,457 ने 60 प्रतिशत या अधिक अंक हासिल किए थे। इन 8, 018 शिक्षामित्रों को भर्ती के पहले चरण 31,277 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति मिल चुकी है। सामान्य वर्ग के 9,386 शिक्षामित्रों को 45 से 65 जबकि आरक्षित वर्ग के 23,243 को 40 से 60 प्रतिशत के बीच अंक मिले थे। इन्हीं शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर 40/45 कटऑफ पर भर्ती का अनुरोध किया था। 

1.37 लाख में 15 हजार को ही मिली तैनातीः बिना टीईटी सहायक अध्यापक पद पर समायोजित 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में निरस्त करदिया था।उससमय शीर्ष अदालत ने दो भर्तियों मेंशिक्षामित्रों को उनकी सेवा के आधार परभारांक देते हुए अवसरदेने का आदेश दिया था। उसके बाद दो शिक्षक भर्तियों में 15018 शिक्षामित्रों को नौकरी मिली थी।

लर्निंग पासबुक से होगी शिक्षण कार्यों की निगरानी, दीक्षा एप से लिंक होगी लर्निंग पासबुक, क्या पढ़ाया ऑनलाइन होगा बताना

लर्निंग पासबुक से होगी शिक्षण कार्यों की निगरानी, दीक्षा एप से लिंक होगी लर्निंग पासबुक, क्या पढ़ाया ऑनलाइन होगा बताना

बैंकों के तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए ऑनलाइन ‘लर्निंग पासबुक’ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षकों को इसकी मदद से ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री के ‘डेबिट’ एवं ‘क्रेडिट’ की जानकारी एक क्लिक में हासिल हो सकेगी। दीक्षा एप के जरिए महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरन आनंद इसकी निगरानी रखेंगे कि शिक्षकों ने कितनी शैक्षिक सामग्री का उपयोग किया है। इसे लेकर उनका आदेश गोरखपुर के बीएसए दफ्तर पहुंच गया है।

आदेश के मुताबिक इस पहल के तहत शिक्षकों को तय समय में कक्षावार उपलब्ध अध्ययन सामग्री को छात्रों को पढ़ाना होगा। शिक्षकों को लर्निंग पासबुक में पढ़ाई गई सामग्री को डेबिट और क्रेडिट के खाते में दर्ज भी करना होगा। दीक्षा एप की निगरानी स्वयं महानिदेशक  के स्तर से की जा रही है। इस एप पर शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसके तहत बनी व्यवस्था में अध्यापकों के लिए हर हफ्ते का पाठ्यक्रम भी तय किया गया है। एप की हर गतिविधि को मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। शिक्षकों के लिए तैयार लर्निंग पासबुक, डिजिटल डायरी की तर्ज पर काम करेगा ।

दीक्षा एप से लिंक होगी लर्निंग पासबुक, क्या पढ़ाया ऑनलाइन बताना होगा


लर्निंग पासबुक के माध्यम से शिक्षकों की ओर से किए जा रहे अध्यापन कार्य की निगरानी होगी। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग का निर्देश मिला है। इसके बारे में शिक्षकों को जानकारी दो जा रही है। – बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

बिना वैध योग्यता के प्रधानाध्यापक की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से मांगा जवाब।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। 

इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

 कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय, पिशाचमोचन, वाराणसी की कार्यवाहक प्रधानाध्यापक  सुशीला उर्फ रामा की याचिका पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह को सुनकर दिया है। याची रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत थी।इसी पद पर चयनित रंजना चौबे की नियुक्ति की गई है, जिसे यह कहते हुए चुनौती दी गई हैं कि नियुक्ति के समय वह पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं रखती थी क्योंकि उसने वर्ष 2011 में टीईटी पास किया जो पांच वर्ष के लिए ही वैध था। ऐसे में जिस समय उसकी नियुक्ति हुई, उसके पास वैध प्रमाणपत्र नहीं था।

खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ

खुशखबरी: 35 लाख छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलने का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि के वितरण पर लगी रोक हटा ली है। वित्त विभाग के विशेष सचिव ओम प्रकाश द्विवेदी ने इस बारे में आदेश जारी किया है। सरकार के इस कदम से लगभग 35 लाख छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा।

आदेश में चालू शैक्षिक सत्र के लिए इन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा देने पर सहमति दे दी गयी है। लेकिन बीएड.व बीटीसी का पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को फिलहाल यह सुविधा नहीं मिलेगी। कारणों की पड़ताल करने पर पता चला कि प्रदेश सरकार अभी राज्य के बीएड. और बीटीसी पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों की जांच करा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी यह जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद बीएड. व बीटीसी के छात्र-छात्राओं को भी यह सुविधा मिल सकेगी।


समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब एवं जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा देता है। दिव्यांगजन कल्याण विभाग की ओर से दिव्यांग छात्र-छात्राओं को यह सुविधा दी जाती है।

परिषदीय शिक्षक अंतर्जनपदीय तबादले को फिर लिए जाएंगे आवेदन, अब शिक्षकों को जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति

परिषदीय शिक्षक अंतर्जनपदीय तबादले को फिर लिए जाएंगे आवेदन, अब शिक्षकों को जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद अंतर जिला तबादले की वेबसाइट फिर खोलने की तैयारी कर रहा है। इस बार उन अध्यापिकाओं से आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे, जिनका विवाह नियुक्ति मिलने के बाद हुआ है और वे तबादले का दूसरा अवसर चाहती हैं। यह कदम परिषद हाईकोर्ट के आदेश पर उठाएगा। कोर्ट ने विवाहित महिलाओं के अलावा अन्य के संबंध में विस्तृत आदेश दिया है, उनका भी अनुपालन होगा। परिषद वेबसाइट खोलने की समय सारिणी इसी माह जारी कर सकता है।

शासन से जारी आदेश में एक बार ही अंतर जिला तबादले का प्राविधान किया गया है। कोर्ट उन्हें जरूर राहत दी है। अब अनुपालन परिषद को कराना है। शासनादेश के अनुसार ऐसे शिक्षक जो दूसरी बार तबादला चाहते थे उनका आवेदन निरस्त किया जा चुका है, वहीं कई ने तबादले की शर्तो को देखते हुए आवेदन ही नहीं किया था। इसलिए वेबसाइट खोलकर फिर से आवेदन लेना जरूरी है।

अब जिलों में सुदूर मिलेगी नियुक्ति

कोर्ट ने नियुक्ति के समय अध्यापकों को पांच साल व अध्यापिकाओं को दो साल पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य किया है। इस अवधि में किसी का तबादला नहीं होगा। विशेष स्थिति में केवल अध्यापिकाओं को छूट मिलेगी। इससे शिक्षकों को जिलों में सुदूर नियुक्ति मिल सकेगी। वहीं, नई नियुक्तियों में अंतर जिला तबादला होना ही नहीं है।

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फिर सभी District का नाम आ जायेगा,
फिर सबसे ऊपर District के लेफ्ट की तरफ राइट✅ के निशान पर टिक करते ही सभी जिलों से टिक का मार्क हट जाएगा, उसके बाद अपने जनपद(District) पर टिक करे,

फिर इसी प्रोसेस से ब्लाक को सेलेक्ट करें ,
फिर इसी प्रोसेस से अपने स्कूल को सेलेक्ट करें,
आपके विद्यालय के सभी स्टॉफ की डिटेल्स/प्रोग्रेस आ जायेगी।।

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

चयन बोर्ड ने पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी खुली भर्ती में शामिल होने का मौका दिया है। चयन का आधार लिखित परीक्षा है ऐसे में आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए परीक्षा के नियम अलग हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले तदर्थ शिक्षक उत्तीर्ण होने पर नियमित हो जाएंगे लेकिन, फेल होने पर उनके स्थान पर आम प्रतियोगी का चयन किया जाएगा। साथ ही आवेदन करने वाले हर तदर्थ शिक्षक का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, उनकी रिपोर्ट पर ही वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र शासन व अन्य में संबद्ध 16 अन्य सिविल अपील में 28 अगस्त 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में तदर्थ शिक्षकों को अधिभार अंक मिल रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड से शिक्षक आने तक कालेजों में तदर्थ आधार पर नियुक्त रहे हैं। याचिका में वैसे तो कुल 659 तदर्थ शिक्षकों का ही जिक्र है लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है।


टीजीटी प्रतियोगी: प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन को विषय पर आधारित सामान्य योग्यता की लिखित परीक्षा में 500 अंकों का प्रश्नपत्र होगा, उसमें 125 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक और दो घंटे में सभी प्रश्न करने होंगे।


तदर्थ शिक्षक : टीजीटी में तदर्थ शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 465 अंकों की होगी व हर प्रश्न का 3.72 अंक होगा। इनके कार्य की अवधि के आधार पर सेवा आधारित अधिभार मिलेगा। एक वर्ष की सेवा पर 1.75 अंक व अधिकतम 35 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में मिले अंकों में अधिभार जोड़ा जाएगा। ये 500 अंक होगा। इसी सेमेरिट बनेगी।
पीजीटी प्रतियोगी : प्रवक्ता पद के चयन के लिए 425 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र के 125 सवालों में 3.4 अंक मिलेंगे। दो घंटे में सभी बहुविकल्पीय प्रश्न करना अनिवार्य है। साक्षात्कार 50 अंक का और 25 अंक विशेष योग्यता का अधिभार मिलेगा।


तदर्थ शिक्षक : तदर्थ प्रवक्ताओं के लिए लिखित परीक्षा 390 अंक की होगी। हर प्रश्न पर 3.12 अंक दिए जाएंगे। इन्हें भी 35 अंक का अधिभार मिलेगा। साक्षात्कार में लिखित परीक्षा व अधिभार के अंक जबकि चयन में लिखित परीक्षा के 85 फीसद अंक, साक्षात्कार के 10 फीसद व विशेष योग्यता के पांच } अंक जोड़े जाएंगे।


मुकाबला योग्यता का बना रहेगा : चयन बोर्ड भले ही तदर्थ शिक्षकों को अधिभार सेवा के आधार पर दे रहा है लेकिन, चयन में योग्यता का पैमाना बरकरार रहेगा। सिर्फ अधिभार के आधार पर चयन संभव नहीं होगा।


उदाहरण : टीजीटी का एक प्रतियोगी यदि परीक्षा में 100 प्रश्न सही करता है तो 400 अंक मिल जाएंगे। तदर्थ शिक्षक भी 100 सवाल सही करता है तो उसे 372 अंक ही मिलेंगे। यानी अधिभार पाकर भी आम प्रतियोगी से मुकाबला होगा।

फतेहपुर : शहर के पास वाले स्कूलों में पढ़ा सकेंगे पुरुष शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग में अगड़े-पिछड़े ब्लॉकों का मानक किया गया खत्म

फतेहपुर : शहर के पास वाले स्कूलों में पढ़ा सकेंगे पुरुष शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग में अगड़े-पिछड़े ब्लॉकों का मानक किया गया खत्म

फतेहपुर :  बेसिक शिक्षा विभाग में अगड़े-पिछड़े ब्लॉकों का मानक खत्म हो गया है। इस बार शहर के करीब रहने वाले अगड़े ब्लाकों में महिला व विकलांगों के अलावा पुरुष शिक्षकों की भी नियुक्ति होगी। हालांकि रोस्टर के हिसाब से पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जिले के कुल तेरह ब्लॉकों में 1903 परिषद के प्राथमिक स्कूल हैं। इनको बेसिक शिक्षा विभाग ने अगड़े और पिछड़े दो श्रेणियों में बांट रखा है। नगर के करीब वाले अगड़े ब्लाकों में अभी तक निःशक्त और महिला शिक्षकों को ही पहली नियुक्ति मिलती थी। पुरुष शिक्षकों का सिर्फ नगर से दूर पिछड़े ब्लाकों में नियुक्ति दी जाती थी। ऐसे में पिछड़े आठ ब्लाकों के अधिकांश प्राथमिक स्कूल सहायक अध्यापकों से संतृप्त हो चुके हैं। अगड़े ब्लाकों के स्कूलों में अभी तक बड़ी संख्या में सहायक अध्यापकों के पद रिक्त हैं।

ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग ने नई नियुक्ति के मानक में परिवर्तन कर दिया है। अब पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति का मानक किसी भी ब्लॉक के रिक्त स्कूल में कर दिया गया है। बीएसए ने रिक्तियों वाले 565 प्राथमिक स्कूलों की सूची आनलाइन अपलोड कर शासन को भेज दी है, जिसमें छात्र और शिक्षक संख्या अंकित है। छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की रिक्तियां तैयार कर शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। डायट में होने वाली दो दिनी काउंसलिंग में पहले दिन 29 अक्तूबर को निःशक्त महिला और फिर निःशक्त पुरुष अभ्यर्थियों को आनलाइन सूची में स्कूल चयन करने का मौका मिलेगा। इसके बाद मैरिट की वरिष्ठता क्रम से महिला शिक्षक स्कूल का चयन करेंगी। यह प्रक्रिया 30 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे तक चलेगी इसके बाद 350 पुरुष शिक्षकों को तय रोस्टर से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। अगले दिन 31 अक्तूबर को सभी नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।


▪️👉🏻 यह हैं पिछड़े ब्लाक:- धाता, ऐरायां, हथगाम, विजयीपुर, हसवा, असोथर, देवमई, अमौली। 

👉🏻 यह हैं अगड़े ब्लाकः- खजुहा, मलवां, बहुआ, तेलियानी, भिटौरा।

हाईकोर्ट से फैसले मिलने के बाद ही हो पाएंगे अंतर्जनपदीय तबादले।

प्रयागराज। बेसिक शिक्षा के सहायक अध्यापकों के अंतर जनपदीय तबादले को अभी तक हाईकोर्ट से हरी झंडी नही मिली है। इससे सहायक अध्यापकों के ब्लाक स्तरीय तबादले भी फंस गये हैं

क्योंकि इस वार प्रदेश सरकार ब्लाक स्तरीय तवादलों के लिए पहली वार आनलाइन आवेदन लेने जा रही थी लेकिन मामला फंस गया है। इससे बड़ी संख्या में सहायक अध्यापक एक वार फिर से निराश हो गये हैं कि उनका ब्लाक स्तर का तबादला कब तक होगा।

68500 शिक्षक भर्ती के पुनः पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आज दोपहर होगा घोषित। यहाँ से देखें रिजल्ट👇

68500 शिक्षक भर्ती के पुनः पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आज दोपहर होगा घोषित।

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