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फतेहपुर : सैकड़ो शिक्षकों को पगार का इंतजार
फतेहपुर बेसिक शिक्षा विभाग: : अवशेष वेतन के लिए शिक्षक भटक रहे पिछले 4साल से।
किसी जिले की नीति वहाँ के अधिकारी ही बनाते और बिगड़ते है बात कर रहे फतेहपुर जिले की BSA साहब शिवेन्द्र प्रताप सिंह जी की जो जिले को पिछड़ा मान के चलते है और सभी कार्यो को पिछड़े मानकर ही करते है वजह जान कर आप सब हैरान हो जायेगे क्योंकि साहब की सैलरी हर महीने समय से आती है और यहाँ के बेसिक शिक्षको की 4 साल लगा देते है अवशेष वेतन देने में और अपनी मनचाहे लोगो की ही सिर्फ देते है ।यहाँ के 1600 12460 और 68500 में कई हज़ार शिक्षक नियुक्त हुए है और उनके एरियर को निकलवाने में 2 जिलाधिकारी और सीडीओ के तबादले हो गए बात नही बनी तो शिक्षक संघ ,नेता और धरना प्रदर्शन किया मंत्री जी भी कूद गए एरियर निकलवाने में हज़ारो IGRS भी हुए लेकिन यहाँ के BSA साहब के कान म जू तक नही रेंगी ।
बेसिक मंत्री जी भी जनवरी 2020 में सभी बकाया देने के निर्देश दे चुके उसके लिए बकायदा मीटिंग भी हुई लेकिन BSA साहब ने मीटिंग की 1 दिन पहले कुछ लोगो के तत्काल नाम तो दे दिए लेकिन 1 साल बाद भी उनका भुकतान नही हुआ ।
वरिष्ठ लोगो ने BSA से बात की तो सिर्फ एक बहाना की भौतिक सत्यापन नही हुआ जबकि सभी यूनिवर्सिटी के आदेश और GO आ गया कि ऑनलाइन सत्यपन ही मान्य है ,यूनवर्सिटी बोल रही कि ऑनलाइन सत्यापन होगा भौतिक नही और BSA साहब भौतिक की जिद्द पर अड़ कर प्रधानमंत्री जी की डिजिटल इंडिया को भी ठेंगा दिखा दिए ।
बात सिर्फ इतनी की काम करने के बहुत तरीके है ना करने के हज़ार बहाने यही कर रहे फतेहपुर के bsa साहब क्योंकि इनके जगह पर वरिष्ठ लिपिक तिवारी बाबू ही सारा कार्य संभालते है BSA साहब तो सिर्फ बहाना बना रहे ।
बेसिक के नवनियुक्त शिक्षक किसी की खुद की शादी , बहन का विवाह या घर की चिंता लेकिन BSA साहब इन सभी चीज़ों से अनजान अपनी डयूटी से दूर…
साभार: एक शिक्षक
शिक्षक भर्तियाँ : संसदीय समिति ने की 12 हजार से भी ज्यादा पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की सिफारिश, जल्द चलेगा भर्ती अभियान
केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) के 12000 से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती हेतु अभियान चलाने की सिफारिश की है। यह सिफारिश शुक्रवार को संसद की एक समिति ने की है।
दरअसल, संसद में इस सप्ताह पेश शिक्षा, बाल, महिला, युवा एवं खेल संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में रिक्तियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सिफारिश की है कि सभी रिक्तियों को भरने के लिए एक विशेष समयबद्ध भर्ती अभियान चलाया जाए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि शिक्षकों की रिक्तियों से स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों के अनुपात पर असर पड़ता है और इससे मौजूदा शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
केवीएस के कुल 13949 पद रिक्त
रिपोर्ट में समिति ने बताया है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) में कुल 13949 पद रिक्त हैं। इसमें से केवल 5991 पद शिक्षकों के हैं। बता दें जारी अधिसूचना के अनुसार 31 दिसंबर 2020 तक अन्य पिछड़ा वर्ग के 1611, आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के 587 और दिव्यांग श्रेणी के 165 पद रिक्त थे। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कुल 1348 रिक्तियां थी।
नवोदय विद्यालय समिति के कुल 3407 पद रिक्त
नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) में शिक्षकों के कुल 3407 पद रिक्त हैं। इसमें से अन्य पिछड़ा वर्ग के 671, अनुसूचित जाति के 414, अनुसूचित जनजाति के 351 और दिव्यांग श्रेणी के 176 पद आरक्षित किए गए हैं। वहीं सामान्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए कुल 1785 रिक्तियां हैं।
सीबीएसई, एनसीईआरटी और एनआईओएस के कुल 2744 रिक्तियां
अब बात करें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ताे इसमें कुल 929 रिक्तियां हैं। जबकि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) में शिक्षकों के कुल 1644 पद रिक्त हैं तथा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) में रिक्त पदों की संख्या 171 है।
जांच के लिए नहीं पहुंचे 15 शिक्षकों की सूची हुई जारी, दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वालों की जांच
आजमगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की हुई भर्ती में दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने
वालों की जांच हो रही है। मेडिकल बोर्ड ने अनुपस्थित दिव्यांग शिक्षकों को सूची जारी कर दी है। इसमें जिले के 15 दिव्यांग शिक्षक हैं।
शीर्ष कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बनाम रविंद्र कुमार शर्मा व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए तीन फरवरी, 2016 को आदेश दिया कि अभ्यर्थियों की जांच मेडिकल बोर्ड गठित कर कराई जाए। शासन ने इसके अनुपालन में 13 मई, 2016 को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया। यह काम करीब पांच साल बाद पूरा हुआ। जनपद के 15 शिक्षक वर्ष 2016 से 2019 तक कभी भी मेडिकल बोर्ड के कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। मेडिकल बोर्ड ने उक्त शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जनपद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात दिव्यांग अभ्यर्थी का अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बता दें कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित शिक्षकों की जांच हो रही है।
मेडिकल बोर्ड के समक्ष आज तक यह शिक्षक नहीं हुए उपस्थित
आजमगढ़। परिषदीय विद्यालयों में तैनात दिव्यांग शिक्षक जो वर्ष 2016 से 2019 के बीच आज तक उपस्थित न होने वाले शिक्षकों की सूची मेडिकल बोर्ड ने जारी कर दी है। कुल 204 शिक्षकों की सूची में 15 नाम आजमगढ़ जनपद में तैनात हुए शिक्षकों की है। इसमें 14 शिक्षक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण वर्ष 2007 के और एक वर्ष 2008 का है।
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित दिव्यांग शिक्षकों की जांच चल रही है। मेडिकल बोर्ड द्वारा गठित टीम के समक्ष जिले के कई शिक्षक अनुपस्थित चल रहे हैं उक्त शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। अंबरीष कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आजमगढ़।