फर्जी परिषदीय शिक्षक को पुलिस ने भेजा जेल, नाम बदल कर दूसरे के नाम पर कर रहा था नौकरी

झंगहा : झंगहा के मोतीराम अड्डा से बुधवार को पुलिस ने एक फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। शिक्षक अपना नाम बदल कर दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा था।

27 सितंबर 2020 को खंड शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपुर उदयभान ने प्राथमिक विद्यालय विश्वनाथपुर ब्रह्मपुर के सहायक अध्यापक अवध लाल पटेल निवासी आजाद नगर अल्लापुर प्रयागराज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। उपनिरीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित पुष्पराज सिंह प्रयागराज के बारा थाना क्षेत्र के सीध टिकट का निवासी है। वह 11 वर्षों से दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा था। 

जांच के लिए नहीं पहुंचे 15 शिक्षकों की सूची हुई जारी, दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने वालों की जांच

आजमगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों की हुई भर्ती में दिव्यांग होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने
वालों की जांच हो रही है। मेडिकल बोर्ड ने अनुपस्थित दिव्यांग शिक्षकों को सूची जारी कर दी है। इसमें जिले के 15 दिव्यांग शिक्षक हैं।

शीर्ष कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बनाम रविंद्र कुमार शर्मा व अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए तीन फरवरी, 2016 को आदेश दिया कि अभ्यर्थियों की जांच मेडिकल बोर्ड गठित कर कराई जाए। शासन ने इसके अनुपालन में 13 मई, 2016 को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया। यह काम करीब पांच साल बाद पूरा हुआ। जनपद के 15 शिक्षक वर्ष 2016 से 2019 तक कभी भी मेडिकल बोर्ड के कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। मेडिकल बोर्ड ने उक्त शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जनपद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात दिव्यांग अभ्यर्थी का अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बता दें कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित शिक्षकों की जांच हो रही है।


मेडिकल बोर्ड के समक्ष आज तक यह शिक्षक नहीं हुए उपस्थित
आजमगढ़। परिषदीय विद्यालयों में तैनात दिव्यांग शिक्षक जो वर्ष 2016 से 2019 के बीच आज तक उपस्थित न होने वाले शिक्षकों की सूची मेडिकल बोर्ड ने जारी कर दी है। कुल 204 शिक्षकों की सूची में 15 नाम आजमगढ़ जनपद में तैनात हुए शिक्षकों की है। इसमें 14 शिक्षक विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण वर्ष 2007 के और एक वर्ष 2008 का है।

विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, विशेष चयन 2008 तथा सामान्य चयन 2008 में चयनित दिव्यांग शिक्षकों की जांच चल रही है। मेडिकल बोर्ड द्वारा गठित टीम के समक्ष जिले के कई शिक्षक अनुपस्थित चल रहे हैं उक्त शिक्षकों का वेतन रोका जाएगा। अंबरीष कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आजमगढ़।

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक

फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने की आरोपी सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी और वसूली नोटिस पर लगी रोक

आरोपी सहायक अध्यापिका की सेवा बर्खास्तगी और 53 लाख रुपये से अधिक के वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि अध्यापिका को सेवा में वापस लेकर अगले आदेश तक उसे वेतन का भुगतान जारी रखें।

औरैया की सहायक अध्यापिका नीलम चौहान की याचिका पर न्यायमूíत पंकज भाटिया ने यह आदेश दिया है। याची ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड से डिग्री ली है। 14 दिसंबर 2009 को उसकी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापिका हुई। बाद में प्रोन्नति पाकर वह जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापिका हो गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी औरैया ने 26 जून 2020 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया कि वह फर्जी मार्कशीट पर नौकरी कर रही है। याची ने नोटिस का जवाब दिया। लेकिन, उस पर बिना विचार किए 29 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद तीन जुलाई को 53 लाख 28 हजार 334 रुपये लिए गये वेतन की वसूली नोटिस भी जारी कर दिया गया। याची अधिवक्ता का कहना था कि हाईकोर्ट एकलपीठ के आदेश के आधार पर विभाग ने फर्जी मार्कशीट वाले अध्यापकों की बर्खास्तगी और वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की थी।

10 शिक्षको का रोका वेतन एक शिक्षिका निलंबित।

फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रही शिक्षिका पर केस

शिक्षा विभाग : बेसिक शिक्षा निदेशक ने 30 जिलों की शिक्षकों की सूचना मांगी

🔴वर्ष 2004 से 2014 के बीच सैनिकों की देनी है जानकारी 🔴संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्री धारकों पर नजर

बेसिक शिक्षा विभाग में फ़र्ज़ी बीएड डिग्री प्रकरण में रिकवरी और सेवा समाप्ति की कार्यवाही झेल रहे लगभग 3000 शिक्षकों को बड़ी राहत, किसी भी कार्यवाही पर मा0 न्यायालय ने अगले आदेश तक लगाई रोक, कोर्ट आर्डर देखें

बेसिक शिक्षा विभाग में फ़र्ज़ी बीएड डिग्री प्रकरण में रिकवरी और सेवा समाप्ति की कार्यवाही झेल रहे लगभग 3000 शिक्षकों को बड़ी राहत, किसी भी कार्यवाही पर मा0 न्यायालय ने अगले आदेश तक लगाई रोक, कोर्ट आर्डर देखें

फर्जी नियुक्त पत्र दिखाकर कॉलेज में बना दिया शिक्षक!

🔴उच्च शिक्षा निदेशक कार्यालय की ओर से शिक्षक को भुगतान भी किया गया

🔴आरोप है कि जीडी बिनानी पीजी कॉलेज मिर्जापुर में कर लिया था ज्वाइन

फर्जी अभिलेख पर पाई नौकरी अब बेसिक शिक्षा विभाग ने पांच शिक्षकों की सेवा की समाप्त

आजमगढ़ :  बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे पांच सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। महानिदेशक स्कूल एवं राज्य परियोजना के आदेश पर बर्खास्त शिक्षकों से नियुक्ति से लेकर अब तक आहरित धनराशि की रिकवरी के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा और संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

जिन सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त की गई है, उसमें शिक्षा क्षेत्र कोयलसा के प्राथमिक विद्यालय धनसिंहपुर में तैनात रहे मऊ जनपद के चांदमारी इमिलिया गांव निवासी आवेश कुमार पुत्र सतीश चंद्र शर्मा, शिक्षा क्षेत्र सठियांव के प्राथमिक विद्यालय सींहीं, निवासी इमलीडीह पोस्ट बारीपुर जनपद गोरखपुर की नेहा शुक्ला पुत्री ब्रह्मानंद शुक्ला, शिक्षा क्षेत्र बिलरियागंज के प्राथमिक विद्यालय शोधनपट्टी पर तैनात सहयक अध्यापक निवासी भुवनेश्वर प्रताप सिंह, 443, सिविल लाइन आजमगढ़, शिक्षा क्षेत्र महराजगंज के प्राथमिक विद्यालय पर तैनात रहे राजेश कुमार पुत्र रामदुलारे निवासी खलीलाबाद, जनपद संतकबीरनगर एवं शिक्षा क्षेत्र अतरौलिया के प्राथमिक विद्यालय पचरी पर तैनात बांकेबिहारी लाल पुत्र किशोर प्रसाद निवासी सल्लहपुर, तहसील सलेमपुर जनपद देवरिया शामिल हैं।
जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे

शासन के निर्देश पर जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे। कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। निर्धारित मूल प्रमाणपत्रों के साथ संबंधित सहायक अध्यापक कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए और ना ही अपना कोई प्रत्यावेदन ही दिया।इसलिए महानिदेशक के निर्देश पर इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है।
-अमरनाथ राय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

बेसिक के फर्जी शिक्षकों के खिलाफ तेज होगा अभियान, बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा- फर्जी शिक्षकों को जाना होगा जेल, होगी वेतन वसूली

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों पर व्यापक पैमाने पर कार्रवाई हो रही है। अब तक 1701 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं। जितने भी फर्जी शिक्षक होंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा। उनसे वेतन वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।  उन्होंने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में बसपा व सपा शासनकाल में फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। 

श्री द्विवेदी ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी लगातार शिक्षक बनने वाले चार हजार शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इनके विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अब तक 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है लेकिन एक भी शिकायत नहीं हुई। कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला प्रकरण आने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी शिक्षकों का सत्यापन शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में संविदा पर तैनात होने वाले शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों से सत्यापन भी अब अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन पढाई बनी संकट मोचनउन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में परिषदीय शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में सक्रिय सहभागिता की है। ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से ही बच्चों की शिक्षा में अवरोध नहीं उत्पन्न हुआ। बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों द्वारा उनके घरों पर निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यूनिफार्म के साथ मॉस्क भी देने पर विचार किया जा रहा है। लॉक डाउन के समय का मिडडे मील का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण और विभागीय कार्यो को सहज व पारदर्शी बनाने के लिए पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है। 
मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी शिक्षकों व छात्रों का विवरण दर्ज हो रहा है। इससे फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है।  उन्होंने कहा कि शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा एप लांच किया गया है। इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए अत्याधुनिक पैटर्न पर कार्यक्रमों से परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।  बेसिक शिक्षा मंत्री ने सर्किट हाउस में मंडल व जिला के शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें स्कूल खुलने से पहले बच्चों को किताबें घरों पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने लॉकडाउन अवधि को लेकर मिडडे मील के अन्तर्गत खाद्यान्न व परिवर्तन लागत के वितरण की प्रगति का जायजा लिया। 
अभिभावकों ने दिया ज्ञापनगोरखपुर के दर्जन भर अभिभावकों ने बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी को स्कूल द्वारा फीस के लिए बनाये जा रहे दबाव सम्बंधी ज्ञापन दिया। साथ ही अभिभावकों ने समस्या बतायी की कोरोना काल में व्यापार, नौकरी सब ठप है। ऐसे में हम फीस कैसे जमा करें। 

उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत अनियमित/नियम बिरुद्ध/फर्जी रुप से नियुक्त परिषदीय शिक्षकों के बिरुद्ध कृत कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।

निर्धारित प्रारूप पर उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत अनियमित/नियम बिरुद्ध/फर्जी रुप से नियुक्त परिषदीय शिक्षकों के बिरुद्ध कृत कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।