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प्रदेश के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश जारी।
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उत्तर प्रदेश सरकारी नौकरी :विभिन्न विभागों में 5.5 लाख पद खाली
उत्तर प्रदेश सरकारी नौकरी :विभिन्न विभागों में 5.5 लाख पद खाली
छात्रों का दावा : शिक्षकों के 1.90 लाख समूह ‘ग’ के 1लाख पद रिक्त
प्रयागराज: प्रदेश में विभिन्न विभागों में 5.5 लाख रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जारी आंदोलन में तेजी पकड़ ली है प्रदेश में वर्तमान में 21.50 लाख से ज्यादा स्वीकृत पद है और प्रदेश सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में दिए गए आंकड़ों के अनुसार तकरीबन 16 लाख कर्मचारी इस समय कार्यरत है ऐसे में 5.5लाख पद रिक्त पड़े हैं रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने प्रदेश स्तर पर आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रतियोगिताओं का दावा है की बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 126038 पद रिक्त है इसमें 68500 शिक्षक भर्ती में न्यायालय में लंबित 22000 शेष बचे पद शामिल नहीं है इन्हें शामिल करने पर यह संख्या 148038 हो जाएगी। इसके अलावा जूनियर परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2016 में बीपीएड शिक्षकों के 32022 पदों के विज्ञापन, जूनियर परिषदीय विद्यालयों में विज्ञान संवर्ग में वर्ष 2013 में शिक्षकों के 29334 पदों में से तकरीबन 8,000 पदों पर लंबित भर्ती और प्रबंधकीय जूनियर हाई स्कूल में भी चल रही भर्ती प्रक्रिया के अतिरिक्त 3000 से अधिक पदों को जोड़ लिया जाए तो शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या 1.90 लाख के आसपास पहुंच रही है। इसके अलावा संस्कृत और उर्दू शिक्षण संस्थाओं में तकरीबन रिक्त है। माध्यमिक विद्यालय (प्रबंधकीय व राजकीय) में 27000 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है लेकिन अभी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए 8 हजार से से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन तैयार है और एलटी 2018 की भर्ती में भी कंप्यूटर विज्ञान व गणित के 4000 से ज्यादा पद रिक्त रह गए हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 2019 में ही टीजीटी पीजीटी व प्रधानाचार्य के यह तकरीबन 40000 पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को प्राप्त हो चुका है। जिसमें तकरीबन 15000 पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खत्म किए गए तदर्थ शिक्षकों को के एवज में भी नियमित भर्ती की जाने हैं। तदर्थ शिक्षकों की संख्या तकरीबन 34000 है हाल में चयन बोर्ड द्वारा सर्वे कराया गया है लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
यूपी में बहुत जल्द ही होने वाला है इन पांच बड़ी भर्तियों का एलान, यहां से पढ़ें पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तलाश करने वाले नौजवानों का सपना अब बहुत ही जल्द साकार हो सकता है। अनुमान है कि प्रदेश में इन पांच विभागों द्वारा हजारों की संख्या में भर्ती आयोजित किए जाने की तैयारी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में जल्द ही करीबन एक लाख सरकारी पदों पर भर्तियां निकाली जा सकती हैं।
यूपी पुलिस कांस्टेबल
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) की ओर से जल्द ही कांस्टेबल के पदों पर भर्ती की शुरुआत की जा सकती है। कई मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मिली जानकारी के मुताबिक, माना जा रहा है कि यूपीपीआरपीबी राज्य करीब 25,000 पुलिस कांस्टेबल पदों की भर्ती कराए जाने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही इस भर्ती के आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है।
यूपी होमगार्ड सिपाही
उत्तर प्रदेश में होमगार्ड पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है। बता दें कि प्रदेश के होमगार्ड विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1,18,348 है । लेकिन अभी तकरीबन 86,000 पदों पर ही कर्मचारियों की नियुक्ति है। ऐसे में लगभग 30,000 पद वर्तमान में रिक्त पड़े है। ताजा जानकारी के अनुसार सरकार जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत कर सकती है। ऐसे में इस भर्ती से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी के लिए उम्मीदवारों को यूपी होमगार्ड विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करते रहना चाहिए।
यूपी राजस्व लेखपाल
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा जल्द ही यूपी में राजस्व लेखपाल के 7,889 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए आयोग को प्रदेश सरकार की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है। पीईटी का रिजल्ट जारी किए जाने के बाद इस भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग
यूपी सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन की ओर से जारी आगामी परीक्षा कार्यक्रम के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यूपीएसएसएससी के जरिए प्रदेशभर में 9,212 स्वास्थ्य कार्यकर्ता व समान योग्यताओं वाले अन्य पदों पर भर्तियां कराई जानी है।
कृषि विभाग
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से राज्य में कृषि प्राविधिक, गन्ना पर्यवेक्षक व समान योग्यता वाले कुल 25,00 पदों पर भर्ती कराई जानी है। इसके लिए आयोग की ओर से फरवरी में परीक्षा आयोजित किए जाने की जानकारी साझा की गई है।
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30 हजार रिक्त पदों की भर्ती कराएगा अधीनस्थ चयन आयोग, भर्ती कैलेंडर जारी, विधानसभा चुनाव से पहले होगी भर्ती
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खुशखबरी:- कांस्टेबल जीडी परीक्षा 2020 के लिए 40 हजार पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया इसी महीने हो सकती शुरू
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से केंद्रीय सुरक्षा बलों में कांस्टेबल जीडी परीक्षा 2020 के लिए 40 हजार पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो सकती है। कोरोना संक्रमण के चलते भर्ती प्रक्रिया में देरी भी हो सकती है। एसएससी की ओर से सिपाही भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया मई के पहले सप्ताह में शुरू करने की घोषणा की गई थी।
सरकारी कर्मियों को जल्द मिलेगा 28 फीसदी DA के साथ बढ़ा हुआ HRA और TA
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि अब एक जुलाई से 28 फीसदी की दर से डीए मिलेगा। एचआरए और टीए भी बढ़ी हुई दरों के हिसाब से जारी होगा। एचआरए में तीन फीसदी बढ़ोतरी की बात कही गई है…
केंद्र सरकार अपने 48 लाख कर्मचारियों और लगभग 60 लाख पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता (डीए) तो देगी ही, इसके साथ ही उन्हें बढ़ी हुई दरों के हिसाब से एचआरए और टीए भी मिलेगा। सरकार ने कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रीय परिषद से यह बात कही है। परिषद के एक नेता ने जब सरकार की मंशा पर सवाल उठाया तो वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी ने कहा, आपको सरकार पर विश्वास क्यों नहीं है। आप भरोसा रखें, सरकार ने जो कहा है, उसे पूरा करेगी। आगामी एक जुलाई को 28 फीसदी की बढ़ी हुई दर से कर्मियों के खाते में भत्तों की राशि जमा करा दी जाएगी। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंधित एक मामले में यह स्थिति साफ कर दी है कि सरकार कर्मचारी के वेतन भत्ते स्थायी तौर पर नहीं रोके जा सकते। सरकार को छह फीसदी ब्याज दर के साथ वेतन का भुगतान करना होगा।
केंद्रीय कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद ने कई बार सरकार को चेताया है कि जनवरी 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक की डीए राशि अविलंब जारी की जाए। एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि सरकारी कर्मचारी ‘कोरोनाकाल’ में दो कदम आगे बढ़ाकर काम कर रहे हैं। कई विभाग तो ऐसे हैं जहां पर कर्मचारी को 17 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी देनी पड़ती है। कुछ कर्मियों ने तो 24 घंटे तक ड्यूटी दी है और वे आज भी दे रहे हैं।
पिछले साल के प्रारंभ में केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दी थी। इस घोषणा के बाद कर्मियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ कर 21 फीसदी हो गया था। केंद्र सरकार को यह भत्ता जारी करने के लिए 14,595 करोड़ रुपये खर्च करने थे। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक डीए-डीआर व दूसरे भत्तों पर रोक लगा दी थी।
सी. श्रीकुमार कहते हैं कि इस बाबत सरकार के साथ कई बार पत्राचार किया गया था। स्टाफ साइड और वित्त मंत्रालय के बीच हुई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया। पिछले दिनों हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से कहा गया कि अब कर्मियों का धैर्य जवाब देने लगा है। उन्हें डीए और दूसरे भत्ते तुरंत दिए जाएं। केंद्र सरकार ने जब भत्तों पर रोक लगाई थी तो उस समय 17 फीसदी की दर से डीए की राशि मिलनी थी। तब से लेकर अब तक उस दर में बढ़ोतरी हो गई है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि अब एक जुलाई से 28 फीसदी की दर से डीए मिलेगा। एचआरए और टीए भी बढ़ी हुई दरों के हिसाब से जारी होगा। एचआरए में तीन फीसदी बढ़ोतरी की बात कही गई है। कर्मचारी संगठनों के द्वारा सरकार से आग्रह किया गया है कि वह नेशनल पेंशन स्कीम को खत्म कर दोबारा से पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करे। इससे कर्मियों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
बहुत से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर कोरोना का शिकार हो चुके हैं। इस हालत में डीए व दूसरे भत्ते बंद होने के कारण उनके आश्रितों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। जनवरी 2020 से लेकर अब तक लाखों कर्मी रिटायर हो गए हैं। उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। श्रीकुमार के मुताबिक, तेलंगाना हाईकोर्ट ने एक सेलरी बंद करने के एक फैसले में कहा था कि ऐसा नहीं हो सकता। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 फीसदी ब्याज सहित वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया कि कर्मचारी का वेतन स्थायी तौर पर नहीं रोका जा सकता। ऐसी स्थिति में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज दर के साथ वेतन का भुगतान किया जाए। केंद्र सरकार को यह बात सोचनी चाहिए कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर लंबे समय तक रोक लगाना ठीक नहीं है। अभी तक सरकारी कर्मियों ने हर तरह से सरकार का सहयोग किया है। अगर सरकार, कर्मियों को उनका वाजिब हिस्सा नहीं देती है तो वे सड़क पर संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे।