वर्ष 2000 से 2018 तक के विवादित/लंबित/निस्तारित समस्त भर्तियों, जो की कोर्ट के अंतिम/अंतरिम आदेशों के अधीन रहे, सभी भर्तियों के निस्तारण के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग के संबंध में

वर्ष 2000 से 2018 तक के विवादित/लंबित/निस्तारित समस्त भर्तियों, जो की कोर्ट के अंतिम/अंतरिम आदेशों के अधीन रहे हैं, उन समस्त भर्तियों के समस्त आवेदकों को NEP 2020 के तहत रिक्त पदों पर नियुक्ति देकर समस्त पुराने मुद्दों को समाप्त करने हेतु केंद्र सरकार के आदेशानुसार सभी राज्यों में कार्यवाही आरम्भ है, जिसके तहत UP बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की उच्चस्तरीय मीटिंग दिनांक 2/3/22 और 5/4/22 को सम्पन्न हुई।

📌 विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007, 2008
📌 प्रशिक्षु चयन 2011 (72825 बीएड टेट 2011)
📌 बीटीसी भर्ती 12460, 15000, 16000 etc
📌 जूनियर विज्ञान शिक्षक भर्ती 29834
📌 शिक्षक भर्ती 68500
📌 शिक्षक भर्ती 69000
Etc मुद्दों पर समीक्षा/ विचार-विमर्श कर सम्बंधित विभाग/अधिकारी को निर्देश दिये गये।

यूपी में बहुत जल्द ही होने वाला है इन पांच बड़ी भर्तियों का एलान, यहां से पढ़ें पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तलाश करने वाले नौजवानों का सपना अब बहुत ही जल्द साकार हो सकता है। अनुमान है कि प्रदेश में इन पांच विभागों द्वारा हजारों की संख्या में भर्ती आयोजित किए जाने की तैयारी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में जल्द ही करीबन एक लाख सरकारी पदों पर भर्तियां निकाली जा सकती हैं।

यूपी पुलिस कांस्टेबल
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) की ओर से जल्द ही कांस्टेबल के पदों पर भर्ती की शुरुआत की जा सकती है। कई मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मिली जानकारी के मुताबिक, माना जा रहा है कि यूपीपीआरपीबी राज्य करीब 25,000 पुलिस कांस्टेबल पदों की भर्ती कराए जाने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही इस भर्ती के आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है।


यूपी होमगार्ड सिपाही
उत्तर प्रदेश में होमगार्ड पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है। बता दें कि प्रदेश के होमगार्ड विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 1,18,348 है । लेकिन अभी तकरीबन 86,000 पदों पर ही कर्मचारियों की नियुक्ति है। ऐसे में लगभग 30,000 पद वर्तमान में रिक्त पड़े है। ताजा जानकारी के अनुसार सरकार जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत कर सकती है। ऐसे में इस भर्ती से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी के लिए उम्मीदवारों को यूपी होमगार्ड विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करते रहना चाहिए।

यूपी राजस्व लेखपाल
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा जल्द ही यूपी में राजस्व लेखपाल के 7,889 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए आयोग को प्रदेश सरकार की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है। पीईटी का रिजल्ट जारी किए जाने के बाद इस भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विभाग
यूपी सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन की ओर से जारी आगामी परीक्षा कार्यक्रम के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यूपीएसएसएससी के जरिए प्रदेशभर में 9,212 स्वास्थ्य कार्यकर्ता व समान योग्यताओं वाले अन्य पदों पर भर्तियां कराई जानी है।

कृषि विभाग
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से राज्य में कृषि प्राविधिक, गन्ना पर्यवेक्षक व समान योग्यता वाले कुल 25,00 पदों पर भर्ती कराई जानी है। इसके लिए आयोग की ओर से फरवरी में परीक्षा आयोजित किए जाने की जानकारी साझा की गई है।

30 हजार रिक्त पदों की भर्ती कराएगा अधीनस्थ चयन आयोग, भर्ती कैलेंडर जारी, विधानसभा चुनाव से पहले होगी भर्ती

30 हजार रिक्त पदों की भर्ती कराएगा अधीनस्थ चयन आयोग, भर्ती कैलेंडर जारी, विधानसभा चुनाव से पहले होगी भर्ती :30 Thousand recruitment in up govt

विभाग त्रुटिरहित प्रस्ताव भेजें तो 40 हजार पदों पर भर्तियाँ हों शुरू, जानिए किस विभाग में कितने हैं पद खाली

 लखनऊ। शासन के कई विभाग रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जो विभाग भर्ती प्रस्ताव भेज रहे हैं, उनमें खामियां सामने आ रही हैं। इससे भर्ती कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अब यह मामला शासन तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री सितंबर में नई भर्तियों पर कुंडली मारे बैठे भर्ती आयोगों व चयन बो्डों के अध्यक्षों को छह महीने में रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। दो- तीन वर्ष पहले का अधियाचन भेजने वाले विभाग और द्विस्तरीय भर्ती प्रणली की मंजूरी का इंतजार कर रहा आयोग इसके बाद हरकत में आया। आयोग ने पूर्व से भर्ती के लिए लंबित 35,019 रिक्त पदों के 557 प्रस्ताव विभागों को लौटा दिए। उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को प्रस्ताव में शामिल कर नए सिरे से भेजने के निर्देश दिए हैं। नए सिरे से रिक्त पर्दों की स्थिति जोड़कर प्रस्ताव आने पर रिक्त पदों की संख्या 40 हजार से अधिक हो सकतो है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तमाम ‘ विभाग नए सिरे से भर्ती प्रस्ताव देने में देरी कर रहे हैं। जिन कुछ एक विभागों ने प्रस्ताव दिया है, उनमें तमाम  त्रुटियाँ आ रही हैं। ऐसे में भर्ती कार्यवाही को आगे बढ़ाने में मुश्किल आ रही है। विभागों से त्रुटिरहित भर्ती प्रस्ताव देने का आग्रह किया जा रहा है। . आयोग की प्रस्तावित भर्तियों में सबसे ज्यादा अवसर परिवार : कल्याण, राजस्व और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में है। आठ विभाग ऐसे सामने हैं जहां 1000 + या इससे अधिक पदों पर भर्ती काफी समय से लंबित है। 29 विभाग ऐसे हैं जहां 100 या इससे अधिक पद खाली हैं। नए सिरे से प्रस्ताव आने पर इनमें से अधिकतर विभागों में रिक्तियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली को हरी झंडी, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी, दिवाली बाद आयोग प्री परीक्षा के आयोजन पर करेगा विचार – विभागों से मांगा जल्द भर्ती प्रस्ताव

लखनऊ। सरकारी नौकरी के इच्छुक युवा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की प्रीलमिनरी एलिजबिलिटी टेस्ट (पीईटी-पेट ) को तैयारी शुरू कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आयोग जल्दी ही अपनी बैठक कर पेट आयोजन पर चर्चा कर निर्णय करेगा। पेट पास अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। आयोग ने इस वर्ष मार्च में द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती करने संबंधी प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए. भेजा था। इसी बीच केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र-एक परीक्षा के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट.. एजेंसी (एनआरए) का एलान कर दिया। इसमें प्री परीक्षा पूरे देश में एनआरए से कराने और मुख्य परीक्षा राज्यों को आयोजित करने की व्यवस्था की गई। यूपी ने तुरंत इस व्यवस्था में शामिल होने का एलान कर दिया। इसके बाद आयोग का प्रस्ताव अटक गया।

इधर भर्तियां न होने से युवाओं में नाराजगी के फीडबैक के बाद सरकार ने आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ‘अमर उजाला’ ने आयोग के प्रस्ताव पर शासन से निर्णय में देशी व उसका असर लंबित भर्तियों पर पड़ने को प्रमुखता से उठाया था। एनआरए की व्यवस्था अमल में आने तक आयोग अपनी प्रणाली से भर्ती का आयोजन कर सकेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद शासन का कार्मिक विभाग इससे संबंधित आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद आयोग प्री-परीक्षा के आयोजन पर चर्चा के लिए दीवाली बाद बैठक की तैयारी कर रहा है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव व बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। इनके कार्यक्रम को ध्यान में रखकर मार्च-अप्रैल में प्री- परीक्षा कराने पर विचार होगा।

विभागों से मांगा जल्द भर्ती प्रस्ताव आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण लंबित भर्ती प्रस्तावों में शामिल करने के लिए विभागों को वापस किया गया है। आयोग की ओर से सरकार से आग्रह किया गया है कि वह विभागों से जल्द से जल्द भर्ती प्रस्ताव आयोग को उपलब्ध करवाए ताकि अगली कार्यवाही पर तेजी से निर्णय किया जा सके। नियमानुसार भर्ती प्रस्ताव आते ही प्री परीक्षा की तैयारी पर निर्णय की योजना है।


35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिलआयोग की ओर से विभागों को भर्ती प्रस्ताव नए आरक्षण प्रावधानों के हिसाब से तैयार करने के लिए लौटाए जाने के वक्‍त करीब 550 भर्ती  प्रस्ताव लंबित थे। इन प्रस्तावों में करीब 35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिल था। आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नए सिरे से प्रस्ताव आने तक रिक्त पदों की संख्या बढ़ सकती है। आंकड़ा 40 हजार तक जा सकता है।

लाल फीताशाही के चलते दो भर्ती संस्थानों में अटकी हैं शिक्षकों की भर्तियां, UPPSC व CHAYAN BOARD में अटके 4961 पदों के रिजल्ट

लाल फीताशाही के चलते दो भर्ती संस्थानों में अटकी हैं शिक्षकों की भर्तियां,uppsc व chayan board में अटके 4961 पदों के रिजल्ट

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों को ही मिलेगी सरकारी नौकरी, दूसरे राज्यों से पढ़ाई करने वाले तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए योग्य नहीं होंगे

हिमाचल प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकिरियों के लिए अब राज्य के स्कूलों से पढ़ा होना जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए बुनियादी स्कूली शिक्षा की जरूरत है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी
की सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों को राज्य के स्कूलों से पढ़ा होना जरूरी है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने कहा कि तृतीय श्रेणी की नौकरियों के लिए मैट्रिक और 12वीं कक्षा और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए माध्यमिक और मैट्रिक स्तर तक पढ़ा होना भी अनिवार्य कर दिया गया है।


इस कदम का उद्देश्य राज्य के स्कूलों से पढा़ई करने वाले युवाओं को लाभ पहुंचाना बताया गया है। दूसरे राज्यों से पढ़ाई करने वाले हिमाचली लोग तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए योग्य नहीं होंगे। कैबिनेट के इस फैसले पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कुलदीप सिंह राठौड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बयान जारी करने से पहले अपनी पार्टी के साथियों से बात करेंगे। 

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड :- पाठ्यक्रम समान रिक्त पदों पर चयन अलग-अलग, सहायता प्राप्त में घोषित पद 0, प्रतियोगी परेशान

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड :- पाठ्यक्रम समान रिक्त पदों पर चयन अलग-अलग