आयकर विभाग 7 जून, 2021 को अपना नया ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in लॉन्च करने जा रहा है। नए ई-फाइलिंग पोर्टल का उद्देश्य करदाताओं को सुविधा के साथ-साथ आधुनिक एवं निर्बाध अनुभव प्रदान करना है। नए पोर्टल की कुछ खास बातों का विवरण नीचे दिया गया है:
करदाता-अनुकूल नए पोर्टल को आयकर रिटर्न (आईटीआर) की तत्काल प्रोसेसिंग सुविधा के साथ एकीकृत कर दिया गया है, ताकि करदाताओं को त्वरित रिफंड जारी किया जा सके ; सभी परस्पर संवादों (इंटरैक्शन) और अपलोड या लंबित कदमों को एकल डैशबोर्ड पर दर्शाया जाएगा, ताकि करदाता आगे की कार्यवाही कर सकें; संवादात्मक प्रश्नों के साथ नि:शुल्क आईटीआर तैयारी सॉफ्टवेयर उपलब्ध है, ताकि शुरुआत में आईटीआर 1, 4 (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) और आईटीआर 2 (ऑफलाइन) के लिए करदाताओं की मदद की जा सके; आईटीआर 3, 5, 6, 7 तैयार करने की सुविधा शीघ्र ही उपलब्ध कराई जाएगी; करदाता वेतन, आवास संपत्ति, व्यवसाय/पेशे सहित आय के कुछ विशेष विवरण प्रदान करने के लिए अपने प्रोफाइल को सक्रिय रूप से अपडेट करने में सक्षम होंगे, जिसका उपयोग उनके आईटीआर को पहले से ही भरने में किया जाएगा। टीडीएस और एसएफटी विवरण के अपलोड होने के बाद वेतन आय, ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ को पहले से ही भरने की विस्तृत क्षमता उपलब्ध होगी (अंतिम तिथि 30 जून, 2021 है); करदाताओं के प्रश्नों का शीघ्र उत्तर देने के उद्देश्य से करदाताओं की सहायता के लिए नया कॉल सेंटर। विस्तृत एफएक्यू (प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न), उपयोगकर्ताओं के लिए नियमावली, वीडियो और चैटबॉट/लाइव एजेंट भी प्रदान किए गए; आयकर फॉर्म भरने, टैक्स प्रोफेशनल्स को जोड़ने, फेसलेस स्क्रूटनी या अपील में नोटिस के जवाब प्रस्तुत करने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह स्पष्ट किया जाता है कि नई कर भुगतान प्रणाली का शुभारंभ 18 जून, 2021 को अग्रिम कर की किस्त की तारीख के बाद किया जाएगा, ताकि किसी भी करदाता को असुविधा न हो। पोर्टल की आरंभिक लॉन्चिंग के बाद मोबाइल एप को भी जारी किया जाएगा, ताकि करदाताओं को विभिन्न सुविधाओं से परिचित कराया जा सके। नई प्रणाली से परिचित होने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए आयकर विभाग सभी करदाताओं/हितधारकों से नए पोर्टल की लॉन्चिंग और अन्य सुविधाओं के जारी होने के बाद की प्रारंभिक अवधि के लिए धैर्य रखने का अनुरोध करता है, क्योंकि यह एक बड़ा परिवर्तन है। यह सीबीडीटी द्वारा अपने करदाताओं एवं अन्य हितधारकों को अनुपालन में आसानी प्रदान करने की दिशा में एक और पहल है।