कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन अवधि में छात्र – छात्राओं को 138 दिनों हेतु खाद्यान्न का प्राधिकार पत्र वाउचर देखें
Category: Mid-Day-Meal
मिड डे मील: कोविड-१९ के दृष्टिगत लॉकडाउन, ग्रीष्मावकाश एवं विद्यालय बंद दिवसों हेतु छात्र-छात्राओं को वितरित किये जाने वाले खाद्य सुरक्षा के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में
मध्यान्ह भोजन योजना:- जाने अब कैसे होगा खाते का संचालन, देखें आदेश
MDM प्रतिपूर्ति खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत:- माह जुलाई एवं अगस्त अवधि में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत प्रदेश के समस्त प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्रतिपूर्ति के रूप में खाद्यान्न एवं परिवर्तन लागत का विवरण, देखें प्रवेश तिथि के अनुसार परिवर्तन लागत की राशि
मध्यान भोजन प्राधिकरण:- 1 जुलाई 2020 से 31 अगस्त 2020 के मध्य कन्वर्जन कास्ट राशन तथा प्राधिकार पत्र के संबंध में
मध्यान भोजन योजना अंतर्गत खाद्यान्न वितरण एवं परिवर्तन लागत की धनराशि छात्रों एवं अभिभावकों के खाते में स्थानांतरण के संबंध में आदेश
मिड-डे मील का राशन बच्चों के घर तक पहुंचाया जाएगा, केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव
मिड-डे मील का राशन बच्चों के घर तक पहुंचाया जाएगा, केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों को लॉकडाउन के दौरान मिड-डे मील का राशन और कन्वर्जन कॉस्ट का लाभ दिया जाएगा ताकि स्कूल में बनने वाला खाना परिजनों की मदद से छात्रों को घर बैठे मिल सकेगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजने की कवायद शुरू कर दी गई है।
देशभर में इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है, जिस कारण 22 मार्च से लेकर 17 मई तक संपूर्ण देश में लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन के चलते परिषदीय विद्यालय बंद पड़े हुए हैं। जनपद गौतमबुद्ध नगर के 685 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर के समय मिलने वाला मिड डे मील मिलना बंद हो गया है। 685 सरकारी स्कूलों में 80 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 45 दिनों के मिड डे मील में तैयार होने वाले भोजन की कच्ची सामग्री को बच्चों के परिवार को उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया है, जबकि खाना तैयार करने में आने वाली लागत को अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए भेजने के लिए अनुमति मांगी गई है।
इस योजना के जरिए जिले के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस योजना को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस प्रकार मिलेगा योजना का लाभ
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को साढ़े 4 किलो राशन, 223.66 रुपये कन्वर्जन कॉस्ट और जूनियर के विद्यार्थियों को पौने 7 किलो राशन एवं 335.25 रुपए कन्वर्जन कॉस्ट उपलब्ध कराई जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में शासन स्तर पर प्रस्ताव बनाया गया है। जिसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। सरकार की इस योजना से प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों एवं उनके अभिभावकों को सीधा लाभ मिलेगा।