नेता क्यों नहीं लेते NPS का लाभ, विभिन्न कर्मचारी संगठनों की पेंशन से सम्बंधित शिकायतों के दृष्टिगत मुख्य सचिव द्वारा कार्मिक एवं वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई आयोजित, गिनाये NPS के लाभ,
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VOTER HELP LINE APP:- यदि आप भी सरकारी कर्मचारी है और आप भी पुरानी पेंशन के पक्ष में है तो यह खबर आपके लिए है तत्काल देखें और मुहिम से जुड़े
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वोटर हेल्पलाइन ऐप से अपना इपिक नंबर डाल के अपना बूथ नंबर एवं वोटर क्रमांक आदि का स्क्रीन शॉट अपने पास सुरक्षित रखें और चुनाव प्रशिक्षण में जायँ तो पोस्टल बैलेट के द्वारा मतदान अनिवार्य रूप से करें।
हम सब कर्मचारी हैँ हमारी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं.
हमारा मुद्दा पुरानी पेंशन है।
हम अपने व अपने परिवार से जुड़े पुरानी पेंशन, बुढ़ापे की लाठी के मुद्दे पर वोट करेंगे।और अपने कर्मचारी होने के धर्म का निर्वहन करेंगे।
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13 लाख NPS कर्मचारी।
प्रति कर्मचारी कम से कम 10 वोट। 13 लाख × 10 = 1.30 करोड़ वोट। एक सीट पर जीत के लिए औसतन 90 हजार वोट की जरूरत होती है। 1.30 करोड़ ÷ 90 हज़ार = 144.44 । इस तरह से कर्मचारी लगभग 145 विधान सभा सीट प्रभावित कर सकते है।
यू पी में सरकार बनाने के लिए 203 सीट की जरूरत है। 145 सीटें उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए बहुत मायने रखती हैं। अतः शिक्षक और कर्मचारी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।
सभी शिक्षक कर्मचारियों को ईमानदारी से ops के लिए वोट करना है। आप अपने भविष्य के लिए वोट करें।
आप में वह ताकत है,वह क्षमता है आप किसी की भी सरकार बना सकते हैं।बिगाड़ सकते हैं।अपनी ताकत को पहचानिए और बिना किसी भेदभाव, जाति पात, धर्म और क्षेत्र को सोचे हुए एक बार पुरानी पेंशन के लिए वोट दीजिए। आपकी, पुरानी पेंशन देने वाली सरकार जरूर बनेगी। आपके बुढ़ापे की लाठी, बुढ़ापे का सहारा अवश्य मिलेगा।
NPS FORM:- नवीन पेंशन योजना(NPS) में आवेदन फार्म डाउनलोड करने व पहले से भरा हुआ सैंपल फॉर्म डाउनलोड करने के लिए यहां पर क्लिक करें
सरकारी नौकरी परिषदीय शिक्षकों के लिए सिर्फ वेतन मिलने वाली नौकरी ही हो रही साबित, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) से भी शिक्षक वंचित
फतेहपुर : 1 अप्रैल 2005 के बाद नौकरी में आए तमाम शिक्षकों की सेवा का करीब एक दशक बीत रहा है लेकिन फंड के नाम पर उनके खाते में टका नहीं है। एक वक्त अपने फंड व सेवानिवृत्ति लाभों के लिए जानी जाने वाली सरकारी नौकरी परिषदीय शिक्षकों के लिए सिर्फ वेतन मिलने वाली नौकरी ही साबित हो रही है।
परिषदीय स्कूलों में अप्रैल 2005 के बाद सेवा में आए शिक्षकों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम के तहत कटौती करने का फैसला जिले में अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। सैकड़ों बेसिक शिक्षकों की कई साल की नौकरी के बाद भी एक पाई फंड नहीं जमा हो सका है। ओपीएस के समाप्त होने के बाद शासन ने एनपीएस की व्यवस्था दी तो वह भी कई सालों तक अव्यवस्था की शिकार रही। विभाग ने तर्क दिया था कि अब भी सैकड़ों शिक्षकों को प्रान आवंटित नहीं किया जा सका है जिस कारण समस्या आ रही है लेकिन विभाग के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जिन शिक्षकों को प्रान आवंटित किया जा चुका है उनके वेतन से कटौतीक्यों नहीं की जा रही है। प्रान आवंटित होने के बाद कटौती नहीं बताते हैं कि जिले में ऐसे तमाम शिक्षक हैं जिन्हें प्रान आवंटन किया जा चुका है। पिछले वर्ष विभाग ने ब्लॉकों से प्रान आवंटित व गैर प्रान आवंटित शिक्षकों की सूची मंगाई थी।
NPS:- न्यू पेंशन स्कीम में शिक्षकों के फस गए 520 करोड़ रुपए, 31 मार्च को एनपीएस ग्रांट करना पड़ा सिलेंडर
NPS : 40 हो रही है उम्र ,नहीं ले सके हैं पेंशन प्लान! 25000 महीने की पेंशन के लिए निवेश करना होगा इतनी रकम
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी भी ईपीएफओ की ईपीएस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। दरअसल इसके लिए उन्हें जॉब बदलने पर अपने पीएफ खाते के पैसे को निकालने के बजाय उसे पुरानी कंपनी से नई कंपनी के खाते में ट्रांसफर कराना होगा। पीएफ ट्रांसफर से ईपीएफ के सदस्य ईपीएस (एम्पलॉइज पेंशन स्कीम) के सदस्य बन सकते हैं। खास बात ये है कि पीएफ ट्रांसफर की रकम पर इन्कम टैक्स की छूट भी मिलती है। यदि कोई कर्मचारी 5 साल की समयसीमा से पहले पीएफ का पैसा खाते से निकाल लेता है तो उस रकम पर उसे टैक्स देना होगा।