अयोध्या पर SC का फैसला कल आएगा, CJI ने ली UP की कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट

सीजेआई ने अयोध्या पर फैसला देने से पहले यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट बुलाकर कानून-व्यवस्था की जानकारी ली।…

नई दिल्ली, अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा। धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें में फैसले से पहले उत्तर प्रदेश और विशेषकर अयोध्या की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह से मिलकर कानून-व्यवस्था की स्थिति जानी।

सीजेआई ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी से कानून-व्यवस्था की ली जानकारी

दूरगामी प्रभाव वाले राजनैतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मुकदमें के ऐतिहासिक फैसले से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है, सरकार के जिम्मेदार तीसरे अंग न्यायपालिका का मुखिया होने के नाते शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट बुलाकर स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह के साथ मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोपहर में करीब डेढ़ घंटे अपने चैम्बर में मुलाकात की। हालांकि मुलाकात का कोई औपचारिक ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश के दोनों आला अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को प्रदेश में शांति और कानून-व्यवस्था की स्थित ठीक होने की जानकारी दी।

40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर से फैसला सुरक्षित है

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 40 दिन की मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को दिये गए फैसले में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ सभी पक्षों ने कुल 14 अपीलें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थीं।

SSC CGL 2017: सुप्रीम कोर्ट ने पुन:परीक्षा के परिणाम घोषित करने की मंजूरी दी, जानिए डिटेल

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्मचारी चयन आयोग (SSC) को इस बात की इजाजत दे दी कि वह पिछले साल हुई एसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय (SSC CGL) 2017 पुन:परीक्षा के नतीजे (SSC CGL 2017 Result) घोषित कर दे. न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि एसएससी सीजीएल, 2017 के नतीजों पर पिछले साल 31 अगस्त को लगाई गई रोक नौ मार्च 2018 को कराई गई पुन: परीक्षा पर जारी नहीं रहेगी. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संगठन में कोई भ्रष्ट था इसलिए लाखों बेरोजगार युवाओं को परेशान होना पड़ा.

पीठ ने सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित कराई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये सुझाव देने के उद्देश्य से इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी और प्रख्यात कंप्यूटर वैज्ञानिक विजय पी भाटकर की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई है.

पीठ ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख नौ अप्रैल को तय की है. बता दें कि एसएससी सीजीएल 2017 की परीक्षा का पेपर (SSC CGL Paper Leak) कथित तौर पर लीक हो गया था जिसकी वजह से बड़ी संख्या में रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं ने कई दिनों पर प्रदर्शन किया था.