खुशखबरी:- TGT/PGT के 27000 पदों पर भर्ती का है इंतजार, इन अभ्यर्थियों को नियुक्त करने की हुई मांग
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टीजीटी-पीजीटी शिक्षक भर्ती: समान मूल्यांकन से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, विज्ञापन निरस्त करने से प्रतियोगियों में बढ़ी हलचल, नया विज्ञापन इस माह के अंत तक
टीजीटी-पीजीटी शिक्षक भर्ती: समान मूल्यांकन से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, विज्ञापन निरस्त करने से प्रतियोगियों में बढ़ी हलचल, नया विज्ञापन इस माह के अंत तक
प्रयागराज : एडेड माध्यमिक कालेजों की शिक्षक भर्ती में प्रतिस्पर्धा अब और बढ़ गई है। तदर्थ शिक्षकों को लिखित परीक्षा में अवसर देने से आम प्रतियोगी अभी तक निश्चित थे, क्योंकि दोनों के प्रति प्रश्न मूल्यांकन में बड़ा अंतर रहा है। लेकिन, अब समान मूल्यांकन के लिए विज्ञापन निरस्त होने से प्रतियोगियों में हलचल तेज है। उन्हें अब चयन पाने के लिए परीक्षा में अधिक सवालों के जवाब देना होगा, तभी चयनित हो पाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने 29 अक्टूबर को जारी प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीजीटी) 2020 का विज्ञापन निरस्त कर दिया है, क्योंकि इसमें तदर्थ शिक्षक व आम प्रतियोगी के बीच मूल्यांकन में अंतर था। अब दोनों को समान अंक देने की तैयारी है। इसलिए नया विज्ञापन जारी होगा। इस कदम से तदर्थ शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो गई है लेकिन, आम प्रतियोगी असहज हैं। असल में, तदर्थ शिक्षकों को सेवा के आधार पर अधिकतम 35 अंक का वेटेज भी मिलना है। इसलिए समान मूल्यांकन में यदि आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षक के बराबर सवाल सही होते हैं तो तदर्थ शिक्षकों का पलड़ा भारी रहेगा। इसकी काट तभी संभव है जब प्रतियोगी अधिक सवालों के जवाब दें।
यही नहीं टीजीटी के चयन में इस बार साक्षात्कार भी नहीं है इसलिए सभी को पूरी मेधा लिखित परीक्षा में ही दिखानी होगी और उसकी मेरिट पर ही चयन हो सकेगा। प्रतियोगी इसका आंकलन करने में जुटे हैं, उनका मानना है कि अब आम प्रतियोगी को तदर्थ शिक्षक से कम से कम 10 सवाल अधिक सही करने होंगे, तभी वे मुकाबले में टिक पाएंगे।
नया विज्ञापन इस माह के अंत तक
संशोधित विज्ञापन अब इस माह के अंत या फिर दिसंबर के पहले सप्ताह तक ही घोषित हो पाने के आसार हैं, क्योंकि विज्ञापन के साथ ही वेबसाइट आदि में कई बदलाव हो सकते हैं।
अभी तदर्थ के पद भी स्पष्ट नहीं
संशोधित विज्ञापन में भी तदर्थ शिक्षकों के पद घोषित होने के आसार नहीं है, बल्कि आवेदन पूरे होने के बाद तदर्थ शिक्षकों का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, यदि संबंधित पद पहले ही अधियाचन नहीं आया है तो उसे घोषित किए जाने की तैयारी है, लेकिन यदि घोषित है तो पद नहीं बदलेंगे।
TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव
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चयन बोर्ड ने पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी खुली भर्ती में शामिल होने का मौका दिया है। चयन का आधार लिखित परीक्षा है ऐसे में आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए परीक्षा के नियम अलग हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले तदर्थ शिक्षक उत्तीर्ण होने पर नियमित हो जाएंगे लेकिन, फेल होने पर उनके स्थान पर आम प्रतियोगी का चयन किया जाएगा। साथ ही आवेदन करने वाले हर तदर्थ शिक्षक का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, उनकी रिपोर्ट पर ही वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र शासन व अन्य में संबद्ध 16 अन्य सिविल अपील में 28 अगस्त 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में तदर्थ शिक्षकों को अधिभार अंक मिल रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड से शिक्षक आने तक कालेजों में तदर्थ आधार पर नियुक्त रहे हैं। याचिका में वैसे तो कुल 659 तदर्थ शिक्षकों का ही जिक्र है लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है।
टीजीटी प्रतियोगी: प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन को विषय पर आधारित सामान्य योग्यता की लिखित परीक्षा में 500 अंकों का प्रश्नपत्र होगा, उसमें 125 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक और दो घंटे में सभी प्रश्न करने होंगे।
तदर्थ शिक्षक : टीजीटी में तदर्थ शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 465 अंकों की होगी व हर प्रश्न का 3.72 अंक होगा। इनके कार्य की अवधि के आधार पर सेवा आधारित अधिभार मिलेगा। एक वर्ष की सेवा पर 1.75 अंक व अधिकतम 35 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में मिले अंकों में अधिभार जोड़ा जाएगा। ये 500 अंक होगा। इसी सेमेरिट बनेगी।
पीजीटी प्रतियोगी : प्रवक्ता पद के चयन के लिए 425 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र के 125 सवालों में 3.4 अंक मिलेंगे। दो घंटे में सभी बहुविकल्पीय प्रश्न करना अनिवार्य है। साक्षात्कार 50 अंक का और 25 अंक विशेष योग्यता का अधिभार मिलेगा।
तदर्थ शिक्षक : तदर्थ प्रवक्ताओं के लिए लिखित परीक्षा 390 अंक की होगी। हर प्रश्न पर 3.12 अंक दिए जाएंगे। इन्हें भी 35 अंक का अधिभार मिलेगा। साक्षात्कार में लिखित परीक्षा व अधिभार के अंक जबकि चयन में लिखित परीक्षा के 85 फीसद अंक, साक्षात्कार के 10 फीसद व विशेष योग्यता के पांच } अंक जोड़े जाएंगे।
मुकाबला योग्यता का बना रहेगा : चयन बोर्ड भले ही तदर्थ शिक्षकों को अधिभार सेवा के आधार पर दे रहा है लेकिन, चयन में योग्यता का पैमाना बरकरार रहेगा। सिर्फ अधिभार के आधार पर चयन संभव नहीं होगा।
उदाहरण : टीजीटी का एक प्रतियोगी यदि परीक्षा में 100 प्रश्न सही करता है तो 400 अंक मिल जाएंगे। तदर्थ शिक्षक भी 100 सवाल सही करता है तो उसे 372 अंक ही मिलेंगे। यानी अधिभार पाकर भी आम प्रतियोगी से मुकाबला होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : अब कैसे बनेंगे टीचर? TET पर क्या होगा पॉलिसी का असर? जानें
नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नई स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के मुताबिक टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जो उम्मीदवार टीईटी पास करेंगे, उन्हें एक डेमोस्ट्रेशन या इंटरव्यू देकर स्थानीय भाषा में अपना ज्ञान दिखाना होगा। नई शिक्षा नीति के मुताबिक अब इंटरव्यू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा होगा। इंटरव्यू में देखा जाएगा कि शिक्षक क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को आसानी और सहजता के साथ पढ़ाने के काबिल है या नहीं। टीईटी पास करने के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी यह शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य होगा। स्कलों में शिक्षकों की भर्ती और वैकेंसी का ब्योरा डिजिटली मैनेज होगा। शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक विस्तृत योजना बनेगी।
बीएड में बदलाव
नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि शिक्षक बनने के लिए चार वर्षीय बीएड डिग्री साल 2030 से न्यूनतम क्वालिफिकेशन होगी। निम्न स्तर के शिक्षण शिक्षा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नई शिक्षा नीति के दस्तावेज के अनुसार साल 2022 तक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) शिक्षकों के लिए एक साझा राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करेगी। इसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा।
शिक्षकों का प्रमोशन
पेशेवर मानकों की समीक्षा एवं संशोधन 2030 में होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष में होगा। दस्तावेज में कहा गया है कि शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी। समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन का आकलन के आधार पर शैक्षणिक प्रशासक बनने की व्यवस्था होगी।