UPTET 2020:- 28 फरवरी को आयोजित किया जाएगा उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा, जाने कब तक आएगा आवेदन तारीख

UPTET 2020:- 28 फरवरी को आयोजित किया जाएगा उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा, जाने कब तक आएगा आवेदन तारीख

UP में राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2020 का आयोजन 28 फरवरी को किया जाएगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने शासन को टीईटी फरवरी के अंतिम रविवार को कराने का प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को फरवरी में टीईटी कराने की मंजूरी दी थी। प्राधिकारी सचिव ने परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह से ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू करने, जनवरी के द्वितीय सप्ताह तक आवेदन जमा करने और शुल्क जमा कराने का प्रस्ताव दिया है। चतुर्वेदी ने बताया कि फरवरी के अंतिम रविवार को टीईटी कराने के प्रस्ताव दिया है। शासन की ओर से मंजूरी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

TET CERTIFICATE : दस महीने बाद जिलों में पहुंचे टीटी के प्रमाण पत्र

दस महीने बाद जिलों में पहुंचे टीटी के प्रमाण पत्र

🔴 कोरोना काल में छपाई बाधित होने के कारण हुई देरी

🔴 7 फरवरी को घोषित हुआ था परीक्षा का पपरिणाम

UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम

UPTET 2020: फरवरी में होगा यूपी टीईटी का एग्जाम, एनआईसी से हरी झंडी के बाद जारी होगा विस्तृत कार्यक्रम

प्रदेश सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को फरवरी-मार्च में टीईटी कराने की मंजूरी दी है। प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चुतर्वेदी ने बताया कि टीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। एनसाईसी की ओर से उसका साफ्टवेयर तैयार करने के साथ आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। एनआईसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। एनआईसी की हरी झंडी के बाद टीईटी में आवेदन पत्र जमा करने और परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी।

UPTET: यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य करने की तैयारी

UPTET: यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य करने की तैयारी


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2020 का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य हो सकता है। परीक्षा संस्था इसका प्रस्ताव शासन को भेजेगा, मंजूरी मिली तो शिक्षक बनने के दावेदारों को बार-बार पात्रता परीक्षा देने से मुक्ति मिल जाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र प्रयागराज इन दिनों परीक्षा का प्रस्ताव तैयार कर रहा है और दिसंबर माह से आनलाइन आवेदन लिए जाने की तैयारी है। इम्तिहान फरवरी के अंतिम सप्ताह में कराया जाएगा।

UPTET 2020 को शासन की मंजूरी, फरवरी के अंत तक परीक्षा संभावित

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी 2020 ) का इंतजार कर रहे बीएड, बीटीसी प्रशिक्षु के लिए अच्छी खबर है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव पर शासन की ओर से यूपीटीईटी 2020 कराने की अनुमति दे दी गई है। शासन सचिव परीक्षा नियामक से परीक्षा के संबंध में जानकारी मांगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि यूपीटीईटी फरवरी 2021 के अंतिम सप्ताह तक हो सकती है। यूपीटईटी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में लगभग 1000000 परीक्षार्थी शामिल हो सकते हैं।

केंद्र सरकार की ओर से सीटीईटी कराने की निर्णय के बाद अब प्रदेश सरकार भी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विस्तृत प्रस्ताव मांगा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अब आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तिथि के साथ पूरी जानकारी जल्द शासन को उपलब्ध कराएंगे। सचिव अनिल भूषण ने बताया कि यूपीटीईटी कितनी थी ऐसी रखी जाएगी, जिससे परीक्षा केंद्र के आवंटन में परेशानी में हो। यूपीटीईटी और शिक्षक भर्ती पर नकल माफिया की गहरी पैठ होने के चलते इस बार परीक्षा केंद्र के चुनाव में परीक्षा संस्था को ध्यान रखना होगा।

2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

2011 का टीईटी प्रमाणपत्र 2018 के लिए वैध नहीं

बिना वैध योग्यता के प्रधानाध्यापक की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार से मांगा जवाब।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। 

इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

 कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र वर्ष 2018 में नियुक्ति के लिए वैध नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संदर्भ में बीएसए वाराणसी के एक सितंबर 2020 व प्रबंधन के तीन सितंबर 2020 के आदेश पर रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय विपक्षी के पास पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं थी। ऐसे में उसे प्रधानाध्यापिका के पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय, पिशाचमोचन, वाराणसी की कार्यवाहक प्रधानाध्यापक  सुशीला उर्फ रामा की याचिका पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह को सुनकर दिया है। याची रमाकांत सेवा संस्थान माध्यमिक विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत थी।इसी पद पर चयनित रंजना चौबे की नियुक्ति की गई है, जिसे यह कहते हुए चुनौती दी गई हैं कि नियुक्ति के समय वह पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं रखती थी क्योंकि उसने वर्ष 2011 में टीईटी पास किया जो पांच वर्ष के लिए ही वैध था। ऐसे में जिस समय उसकी नियुक्ति हुई, उसके पास वैध प्रमाणपत्र नहीं था।

UPTET : यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

UPTET:- यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

लखनऊ : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) फरवरी में आयोजित होगी। यूपीटीईटी के परीक्षा केंद्र प्रदेश के हर जिले में बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के लिए यूपीटीईटी का आयोजन नहीं हो सका है। पिछले अनुभवों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि यूपीटीईटी में तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि यूपीटीईटी में संभावित अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर इस परीक्षा के आयोजन के लिए कम से कम तीन महीने का समय चाहिए। इसलिए विभाग ने फरवरी में यूपीटीईटी आयोजित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने विभाग के इस प्रस्ताव से सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फरवरी में प्रस्तावित यूपीटीईटी के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को लंबी यात्र न करनी पड़े व उन्हें सहूलियत रहे।

UPTET EXAM :- जल्द जारी हो सकता यूपीटीईटी कराने का आदेश

जल्द जारी हो सकता यूपीटीईटी कराने का आदेश
स्कूलों में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों के लिए खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2020 कराने का आदेश नियामक प्राधिकारी कार्यालय इसका प्रस्ताव काफी पहले भेज चुका है और शासन से आदेश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इस साल की परीक्षा नए साल के शुरुआती महीनों में हो सकती है। शासनादेश जारी होते ही अगले माह शुरू हो सकती है।
शासनादेश जल्द जारी होने के संकेत हैं। परीक्षा नवंबर माह में ही आनलाइन आवेदन लेने का सिलसिला शुरू होगा। उसी समय परीक्षा की तारीख का भी एलान किया जाएगा। इस बार आवेदन दस लाख से अधिक होने की उम्मीद है, क्योंकि इस परीक्षा में सफल होने वालों की तादाद काफी कम रहती आनलाइन आवेदन आदि प्रक्रिया है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि परीक्षा का आदेश जल्द मिलने की उम्मीद है।
योगी सरकार का भर्तियां कराने पर विशेष जोर है । प्राथमिक स्कूलों में नई शिक्षक भर्ती के लिए यूपीटीईटी जरूरी है। वैसे भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय वर्ष में एक बार इस परीक्षा का आयोजन करता आ रहा है। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से विलंब हुआ । प्रस्ताव में दिसंबर अंत तक परीक्षा कराने की योजना थी। पहले अफसरों ने इस पर गौर नहीं किया। इसलिए परीक्षा जनवरी या फिर फरवरी में हो सकती है।

UP TET 2020 : दिसंबर में यूपी टीईटी की तैयारी

दिसबंर में यूपीटीईटी की तैयारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सितंबर के पहले पखवाड़े में भेजेंगे प्रस्ताव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : अब कैसे बनेंगे टीचर? TET पर क्या होगा पॉलिसी का असर? जानें

नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नई स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के मुताबिक टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा। 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जो उम्मीदवार टीईटी पास करेंगे, उन्हें एक डेमोस्ट्रेशन या इंटरव्यू देकर स्थानीय भाषा में अपना ज्ञान दिखाना होगा।  नई शिक्षा नीति के मुताबिक अब इंटरव्यू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा होगा। इंटरव्यू में देखा जाएगा कि शिक्षक क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को आसानी और सहजता के साथ पढ़ाने के काबिल है या नहीं। टीईटी पास करने के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी यह शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य होगा।  स्कलों में शिक्षकों की भर्ती और वैकेंसी का ब्योरा डिजिटली मैनेज होगा। शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक विस्तृत योजना बनेगी। 

बीएड में बदलाव

नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि शिक्षक बनने के लिए चार वर्षीय बीएड डिग्री साल 2030 से  न्यूनतम क्वालिफिकेशन होगी। निम्न स्तर के शिक्षण शिक्षा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  नई शिक्षा नीति के दस्तावेज के अनुसार साल 2022 तक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) शिक्षकों के लिए एक साझा राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करेगी। इसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा।

शिक्षकों का प्रमोशन

पेशेवर मानकों की समीक्षा एवं संशोधन 2030 में होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष में होगा। दस्तावेज में कहा गया है कि शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी। समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन का आकलन के आधार पर शैक्षणिक प्रशासक बनने की व्यवस्था होगी।