लखनऊ। सरकारी नौकरी के इच्छुक युवा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की प्रीलमिनरी एलिजबिलिटी टेस्ट (पीईटी-पेट ) को तैयारी शुरू कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आयोग जल्दी ही अपनी बैठक कर पेट आयोजन पर चर्चा कर निर्णय करेगा। पेट पास अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो पाएंगे। आयोग ने इस वर्ष मार्च में द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती करने संबंधी प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए. भेजा था। इसी बीच केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र-एक परीक्षा के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट.. एजेंसी (एनआरए) का एलान कर दिया। इसमें प्री परीक्षा पूरे देश में एनआरए से कराने और मुख्य परीक्षा राज्यों को आयोजित करने की व्यवस्था की गई। यूपी ने तुरंत इस व्यवस्था में शामिल होने का एलान कर दिया। इसके बाद आयोग का प्रस्ताव अटक गया।
इधर भर्तियां न होने से युवाओं में नाराजगी के फीडबैक के बाद सरकार ने आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ‘अमर उजाला’ ने आयोग के प्रस्ताव पर शासन से निर्णय में देशी व उसका असर लंबित भर्तियों पर पड़ने को प्रमुखता से उठाया था। एनआरए की व्यवस्था अमल में आने तक आयोग अपनी प्रणाली से भर्ती का आयोजन कर सकेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद शासन का कार्मिक विभाग इससे संबंधित आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद आयोग प्री-परीक्षा के आयोजन पर चर्चा के लिए दीवाली बाद बैठक की तैयारी कर रहा है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव व बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। इनके कार्यक्रम को ध्यान में रखकर मार्च-अप्रैल में प्री- परीक्षा कराने पर विचार होगा।
विभागों से मांगा जल्द भर्ती प्रस्ताव आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए घोषित 10 प्रतिशत आरक्षण लंबित भर्ती प्रस्तावों में शामिल करने के लिए विभागों को वापस किया गया है। आयोग की ओर से सरकार से आग्रह किया गया है कि वह विभागों से जल्द से जल्द भर्ती प्रस्ताव आयोग को उपलब्ध करवाए ताकि अगली कार्यवाही पर तेजी से निर्णय किया जा सके। नियमानुसार भर्ती प्रस्ताव आते ही प्री परीक्षा की तैयारी पर निर्णय की योजना है।
35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिलआयोग की ओर से विभागों को भर्ती प्रस्ताव नए आरक्षण प्रावधानों के हिसाब से तैयार करने के लिए लौटाए जाने के वक्त करीब 550 भर्ती प्रस्ताव लंबित थे। इन प्रस्तावों में करीब 35 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्योरा शामिल था। आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नए सिरे से प्रस्ताव आने तक रिक्त पदों की संख्या बढ़ सकती है। आंकड़ा 40 हजार तक जा सकता है।