गोरखपुर : जनपद के परिषदीय स्कूलों के एक लाख से अधिक बच्चों को कड़ाके की ठंड में अभी भी स्वेटर का इंतजार है। ठंड शुरू होने से पहले साढ़े तीन लाख बच्चों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजनी थी, जिसमें से अभी तक महज दो चरण में 2.16 लाख बच्चों के खाते में ही धनराशि भेजी जा सकी है। अभी भी एक लाख से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जिनके खाते में यूनीफार्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग व स्वेटर खरीदने के लिए धनराशि नहीं भेजी जा सकी है। विभाग का कहना है कि खातों का सत्यापन नहीं होने व अभिभावकों द्वारा अधिकांश खातों को आधार खाते से लिंक नहीं कराए जाने की वजह से धनराशि स्थानांतरण में बाधा आ रही है।
योजना के तहत जनपद में कक्षा एक से आठ तक के कुल 3.34 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में स्कूल बैग, यूनीफार्म व जूता-मोजा के लिए 1100 रुपये प्रति छात्र धनराशि स्थानांतरित की जानी है। पहले चरण में 1.20 लाख तथा दूसरे चरण में 96 हजार अभिभावकों के खाते में धनराशि स्थानांतरित हो चुकी है। जबकि 1.18 लाख अभिभावकों के खाते में अभी भी धनराशि प्रेषित की जानी है।
अब तक दो चरणों में 2.16 लाख अभिभावकों के खाते में ही भेजी गई है धनराशि
सत्यापन में विलंब होने व आधार से खाते लिंक न होने से अधर में लटकी शेष धनराशि
पहले चरण में भेजी गई धनराशि में से 2597 अभिभावकों के खाते से वापस हो चुकी है। विभाग का कहना है कि इसकी वजह खातों का निष्क्रिय होना, आधार लिंक न होना तथा कई माह से खाता संचालित न होना है।
समीक्षा में भी सामने आ चुकी है सत्यापन की खराब स्थिति: गत माह महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रदेश के सभी जनपदों में डीबीटी को लेकर समीक्षा की थी, जिसमें अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने की खराब स्थिति मिलने व ब्योरा सत्यापित न हो पाने पर नाराजगी जताई थी। इसको लेकर सभी बीएसए को प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके नतीजा सिफर है।
खाते निष्क्रिय होने की वजह से जिनकी धनराशि वापस हुई है उनसे संपर्क कर खाता सक्रिय कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिनके आधार का सही ब्योरा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है उसके लिए भी निर्देशित कर दिया गया है। सत्यापन पूरा होते ही शेष खातों में भी धनराशि एक साथ भेज दी जाएगी।
रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए