हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कोरोना के दरम्यान प्रदेश में आठवीं तक के प्राथमिक स्कूल खोलने के मामले में सख्त रुख अख्तियार कर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने प्राथमिक स्कूल खोलने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सरकारी वकील से पूछा है कि स्कूलों में कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को सरकार ने क्या किया। कहा कि सरकार 10 दिन में यह भी बताए कि अगर किसी स्कूल में दिशा-निर्देशों का पालन न किया गया तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी।
न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने शुक्त्रस्वार को यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव की याचिका पर दिया। याची के वकील ज्योतिरेश पांडेय का कहना था कि बगैर समुचित इंतजाम प्राइमरी स्कूल खोलने से कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में बच्चों व शिक्षकों की जान का खतरा हो सकता है। क्योंकि खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। इस संबंध में याची ने देश – प्रदेश की कई घटनाओं के उदाहरण भी दिए।
याचिका में स्कूलों को खोलने संबंधी यूपी सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग के 5 व 6 फरवरी के आदेशों पर रोक लगाकर रद्द करने की गुजारिश की गई है। उधर सरकारी वकील ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने मामले में सरकारी वकील को सरकार से 10 दिन में निर्देश लेकर पक्ष पेश करने को कहा। याचिका में राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिवों समेत बेसिक शिक्षा निदेशक को पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद नियत की है।