लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय और बढ़ाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो मानदेय बढ़ाया गया था, वह परफार्मेस पर आधारित था। यह पिछला बकाया था, जो उन्हें दिया गया था। अब फिर कार्यकर्ताओं का मानदेय सरकार बढ़ाने जा रही है। पिछले दिनों सरकार ने प्रोत्साहन राशि को 750 से बढ़ाकर 1500 रुपये किया था।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 1.23 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की। लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कोरोना महामारी के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यो की भी सराहना की। कहा कि स्मार्ट फोन से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम और भी स्मार्ट होगा, साथ ही पारदर्शिता भी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, विगत साढ़े चार वर्षो में प्रदेश के बारे में धारणाएं बदली हैं। इस दौरान हर विभाग ने कुछ न कुछ नया व अच्छा किया है। हमारा संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य के लिए हम तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाएं। योगी ने कहा कि यह स्मार्टफोन वितरण का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि सुशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि हम तकनीक के जरिये शासन की योजनाओं को हर नागरिक तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल पहले हम भी भय खाते थे कि आंगनबाड़ी बहनें न जाने कब धरना प्रदर्शन पर बैठ जाएं, अब धारणाएं बदली हैं। कोरोना के दौरान यही बहनें आगे आई थीं। सीएम ने कहा, स्मार्टफोन होने से कार्यकर्ताओं की कार्य दक्षता और तकनीकी क्षमता बढ़ेगी। योगी ने हर आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की लंबाई व वजन नापने के लिए 1.87 लाख इन्फैंटोमीटर भी वितरित किया। इसके जरिये बच्चों के पोषण स्तर पर प्रभावी ढंग से नजर रखी जा सकेगी। संबंधित खबर 15
लोक भवन में मंगलवार को पोषण अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में एक संग एप का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, साथ में उपस्थित महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह व मुख्य सचिव आरके तिवारी ’ जागरण
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: सरकार असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्यों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। यह सुविधा उप्र असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर अब तक पंजीकृत हो चुके कामगारों और केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड श्रमिकों को मिलेगी। इसके लिए श्रम विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से जल्दी मंजूर कराने की तैयारी है।
केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को साल में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की निश्शुल्क सुविधा है। आयुष्मान भारत योजना से छूटे गरीबों-वंचितों को पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क कैशलेस इलाज कराने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित कर रही है। आयुष्मान योजना से छूटे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए योगी ने उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ देने का एलान किया था।
चालू वित्तीय वर्ष के बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। उप्र असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर अब तक 79,215 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 24 लाख श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। उप्र राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड इस योजना का क्रियान्वयन स्टेट एजेंसी कंप्रीहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज के माध्यम से कराएगा।
🔴 सीएम बोले, अब काम भी होगा स्मार्ट आएगी पारदर्शिता
🔴 सरकार ने प्रोत्साहन राशि 750 से बढ़ाकर किया था 1500 रुपये
‘एक संग’ एप के जरिये दी जा सकेगी मदद
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ‘एक संग’ मोबाइल एप भी लांच किया। इसके जरिये कोई भी एनजीओ या व्यक्ति आंगनबाड़ी केंद्रों में किसी भी तरह का सहयोग कर सकेंगे। इस एप में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र की आवश्यकताएं दर्ज होंगी। दानदाता इस एप के जरिये किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र को उनकी आवश्यकता के अनुसार सहयोग दे सकेंगे।