फतेहपुर: परिषदीय स्कूलों में हाजिरी और पे रोल पर शिक्षक के हस्ताक्षर की अनिवार्यता से खुद को असहज मान रहे सफाई कर्मचारियों को राहत मिल गई है। निदेशक पंचायती राज डॉ. ब्रrादेव तिवारी ने आदेश जारी कर पुरानी व्यवस्था बहाल की है। अब उपस्थित रजिस्टर प्रधान के पास रहेगा और वही कर्मचारी के पे-रोल पर हस्ताक्षर करेगा। इस आदेश से जिले के 14 सौ सफाई कर्मचारी खुशी से झूम उठे। पूर्व में निदेशालय ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें अनिवार्य किया गया था कि गांव स्तर पर तैनात सफाई कर्मी का हाजिरी रजिस्टर गांव के परिषदीय स्कूल में रहेगा और उसके पे-रोल पर तभी वेतन निर्गत होगा जब प्रधानाचार्य उसमें हस्ताक्षर करेंगे। ऐसे में वह सिर्फ स्कूल का कर्मचारी बनकर रह गया था। शिक्षकों द्वारा शोषण किए जाने की शिकायतें भी आम हो गई थीं। शिक्षक एडीओ पंचायत को सीधे शिकायत भेजते थे और कर्मचारी का वेतन रुक जाता था। कई बार शिक्षक पे-रोल में हस्ताक्षर ही नहीं बनाते थे। नतीजतन, कर्मचारी का वेतन महीनों विलंब हो जाता था। कर्मचारी को ये कार्य करने होंगे: नए आदेश के तहत सफाई कर्मचारियों को स्कूल के शौचालय, परिसर की सफाई करने के साथ गांव के सार्वजनिक स्थलों व गलियों की नालियां साफ करनी होंगी। प्रतिदिन दो शिफ्टों में काम कराया जाएगा। ग्राम प्रधान मानीटरिंग करेंगे। अगर किसी शिक्षक को किसी कर्मी से शिकायत है तो वह अपनी रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से डीपीआरओ को भेजेगा। डीपीआरओ परीक्षण करा कार्रवाई करेंगे। यह है सफाई व्यवस्था: डीएम ने 132 सफाई कर्मचारियों की टीमें बनाई है, जिन्हें न्याय पंचायत वार गठित किया गया है। न्याय पंचायत क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को एक-एक दिन किसी गांव में अभियान के रूप में सफाई करनी होती है। गांव के बाहर कूड़ा ले जाने के लिए ट्रैक्टर की व्यवस्था प्रधान करते हैं।

फतेहपुर: परिषदीय स्कूलों में हाजिरी और पे रोल पर शिक्षक के हस्ताक्षर की अनिवार्यता से खुद को असहज मान रहे सफाई कर्मचारियों को राहत मिल गई है। निदेशक पंचायती राज डॉ. ब्रrादेव तिवारी ने आदेश जारी कर पुरानी व्यवस्था बहाल की है। अब उपस्थित रजिस्टर प्रधान के पास रहेगा और वही कर्मचारी के पे-रोल पर हस्ताक्षर करेगा। इस आदेश से जिले के 14 सौ सफाई कर्मचारी खुशी से झूम उठे। पूर्व में निदेशालय ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें अनिवार्य किया गया था कि गांव स्तर पर तैनात सफाई कर्मी का हाजिरी रजिस्टर गांव के परिषदीय स्कूल में रहेगा और उसके पे-रोल पर तभी वेतन निर्गत होगा जब प्रधानाचार्य उसमें हस्ताक्षर करेंगे। ऐसे में वह सिर्फ स्कूल का कर्मचारी बनकर रह गया था। शिक्षकों द्वारा शोषण किए जाने की शिकायतें भी आम हो गई थीं। शिक्षक एडीओ पंचायत को सीधे शिकायत भेजते थे और कर्मचारी का वेतन रुक जाता था। कई बार शिक्षक पे-रोल में हस्ताक्षर ही नहीं बनाते थे। नतीजतन, कर्मचारी का वेतन महीनों विलंब हो जाता था। कर्मचारी को ये कार्य करने होंगे: नए आदेश के तहत सफाई कर्मचारियों को स्कूल के शौचालय, परिसर की सफाई करने के साथ गांव के सार्वजनिक स्थलों व गलियों की नालियां साफ करनी होंगी। प्रतिदिन दो शिफ्टों में काम कराया जाएगा। ग्राम प्रधान मानीटरिंग करेंगे। अगर किसी शिक्षक को किसी कर्मी से शिकायत है तो वह अपनी रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से डीपीआरओ को भेजेगा। डीपीआरओ परीक्षण करा कार्रवाई करेंगे। यह है सफाई व्यवस्था: डीएम ने 132 सफाई कर्मचारियों की टीमें बनाई है, जिन्हें न्याय पंचायत वार गठित किया गया है। न्याय पंचायत क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को एक-एक दिन किसी गांव में अभियान के रूप में सफाई करनी होती है। गांव के बाहर कूड़ा ले जाने के लिए ट्रैक्टर की व्यवस्था प्रधान करते हैं।

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