व्यंग : सरकार को शिक्षकों को सुधारने हेतु उपाय

*सरकार को शिक्षकों को सुधारने हेतु उपाय*

सुना है जल्द ही शिक्षकों की उपस्थिति एक एप्प के माध्यम से सेल्फी द्वारा ली जानी है।सरकार का यह शिक्षकों को विद्यालय भेजने में यह योजना कारगर साबित होगी।यह जरूरी भी है क्योकि प्रायः यह देखा जा रहा है कि सभी विभागों के कर्मचारी रातो दिन एक करके कामकाज निपटा रहे है और यह कामचोर शिक्षक आये दिन नानी के घर घूमने के चक्कर मे एक्सीडेंट के शिकार हो रहे है।स्कूल न आकर यह करोङो की संपत्ति के मालिक बन गए है जबकि बाबू जो इनसे बड़े पदों पर है कर्ज लेकर अपना जीवन निर्वाह कर रहे है।आप चाहे तहसील ब्लॉक या जिले के किसी भी कार्यालय में जाये आपका काम 10 बजे हो जाएगा।परन्तु यह शिक्षक शाम तक विद्यालय में पहुचते है और फिर निकल लेते है।इनको 14 आकस्मिक अवकाशों से नवाजे जाने के बाद भी इनको छुट्टियों की कमी रहती है।इनको 1 महीने 10 दिन की छुटिया फ्री में सरकार दे रही है ।इन्हें चाहिए कि *शादी ,घर मे बीमार या अपने परिजनों को बता दे कि अगर उनकी मृत्यु हो तो जून में ही हो क्योंकि अगर तेरहवीं किसी और माह में करेंगे तो 13 आकस्मिक अवकाश तो उसी में खत्म हो जाएंगे।* फिर अगर अपनी शादी या भाई बहनों की शादी निपटानी हो तो बीमार होकर शादी निपटाए।
सरकार को चाहिए कि इनका वेतन बंद कर दें ताकि यह स्वतंत्र रूप से आश्रम की तरह समाज का सही मार्गदर्शन करें,क्योकि वेतनभोगी कभी सही मार्गदर्शक नही हो सकता।वह जिससे वेतन पायेगा उसका गुण गायेगा।इसलिए सरकार अगर यह कर दे तो शिक्षा में आमूल परिवर्तन आएगा।जिसकी गारंटी मैं लेता हूँ।

बाकी तो सारे विभाग और स्वयं सरकार के मंत्रीगण रामराज्य ला ही रहे है बस यह शिक्षा विभाग के शिक्षक ही है जो इसमे रोड़ा अटका रहे है।इनको सुधारना अति आवश्यक है।जरूरी हो तो 3rd डिग्री भी लगा देनी चाहिए।

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