अब सभी श्रेणी के शिक्षकों के चयन का काम केवल एक आयोग करेगा

अब सभी श्रेणी के शिक्षकों के चयन का काम केवल एक आयोग करेगा

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 विधानसभा में होगा पेश

लखनऊ। विशेष संवाददाता। *यूपी में बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा कालेजों के शिक्षकों का चयन अलग अलग संस्थाओं के नहीं होगा। अब इन सबका चयन के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनेगा।* इसके लिए विधानमंडल के मानसून सत्र में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संबंधित विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। इस आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में होगा। इसमें राज्य सरकार द्वारा 12 सदस्यों व एक अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। अध्यक्ष व सदस्य तीन साल के लिए या 65 साल की आयु तक, जो भी पहले हो तक पद धारण करेंगे।

*प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि* आशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, अशासकीय सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट कालेज के शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, तथा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों एवं संबंद्ध प्राइमरी अनुभाग में सहायक अध्यापको के पदों पर चयन संबंधित प्रबंधतंत्र करते हैं। परिषद विद्यालयों के लिए सहायक अध्यापकों का चयन जिला बेसिक अधिकारी के जिम्मे है। व्यवसायिक शिक्षा विभागों में अनुदेशक का चयन उत्तर प्रदेश सेवा आयोग करता है। अब सारे आयोग विघटित करते हुए यह नया आयोग काम करेगा। आयोग का अपना खर्चा सरकार के अनुदान से व अपनी आमदनी से चलेगा।

 

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