खण्ड शिक्षा अधिकारी का आडियो वायरल मचा हड़कंप शिक्षक से मांगी रिश्वत

मुंगराबादशाहपुर । प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जहां लोगों को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने हेतु प्रयासरत हैं वहीं मुंगराबादशाहपुर विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी एवं एक शिक्षक के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर हुई बातचीत का आडियो वायरल हो जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। उक्त आडियो में खण्ड विकास अधिकारी ने कहा है कि यदि शनिवार को रकम नहीं मिली तो सोमवार को रिकवरी की नोटिस जारी कर दी जाएगी। बताया जाता है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी जवाहर लाल यादव एवं एक राकेश कुमार नायक शिक्षक के बीच सौदेबाजी कर रकम की अदायगी को लेकर मोबाइल फोन पर हुई । बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई । जो इन दिनों सुर्खियों में है। बताया जाता है कि इस आडियो को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी उपलब्ध कराया गया है लेकिन अपने अधीनस्थ अधिकारी को बचाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उनके द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है । इस सम्बन्ध में पूछे जाने हेतु जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका सीयूजी मोबाइल फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर बताया जिससे उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।

रिश्वत लेते गिरफ्तार खंड शिक्षा अधिकारी को भेजा जेल, शिक्षक की शिकायत पर प्रयागराज की एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था

गोरखपुर : शिक्षक से रिश्वत लेते गिरफ्तार प्रतापगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सुनील कुमार को विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ओम प्रकाश मिश्र ने बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। सतर्कता अधिष्ठान, प्रयागराज की टीम ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया था।

प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लाक स्थित एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक ने 18 दिसंबर, 2020 को पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, प्रयागराज से खंड शिक्षा अधिकारी के रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि नवंबर, 2019 से मई, 2020 तक का 2.20 लाख रुपये उनका एरियर भुगतान होना है। औपचारिकता पूरी करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी 20 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी को प्राथमिक विद्यालय मदाफरपुर के पास रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को आरोपित बीईओ को गोरखपुर में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।