यूपी : प्ले स्कूल के रूप में नजर आएंगे आंगनबाड़ी केंद्र

यूपी : प्ले स्कूल के रूप में नजर आएंगे आंगनबाड़ी केंद्र

प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र जल्द ही प्ले स्कूलों की तरह नजर आएंगे। यहां तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा। बच्चों को खेलने के लिए यहां खिलौने मिलेंगे।

आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिहाज से और खूबसूरत बनाया जाएगा, जिससे बच्चे भी आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रति आकर्षित हो सकें। इसके लिए सरकार 16 करोड़ रुपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूल किट बांटेगी। इसमें खिलौने के साथ ही खेल-खेल में शिक्षा प्रदान करने वाले उपकरण शामिल रहेंगे।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए उन्हें चार्ट, टेबल व वाल पेंटिंग पर बनाई हंिदूी और अंग्रेजी की वर्णमाला, गिनती आदि सिखाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के 31 जिलों में छह करोड़ रुपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को एक्टिविटी बुक पहल, गतिविधि कैलेंडर आदि वितरित किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में नर्सरी स्कूल में बदले जाएंगे आंगनबाड़ी केंद्र, तीन मंडलों में कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शुरू

उत्तर प्रदेश में नर्सरी स्कूल में बदले जाएंगे आंगनबाड़ी केंद्र, तीन मंडलों में कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शुरू

🔴उत्तर प्रदेश में नर्सरी स्कूल में बदले जाएंगे आंगनबाड़ी केंद्र

🔴 तीन मंडलों में कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शुरू

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें इन्हें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बताया जा रहा है।

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-नर्सरी और नर्सरी स्कूलों में तब्दील करने जा रही है। सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में पश्चिम के तीन मंडलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें इन्हें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बताया जा रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल व नर्सरी स्कूल की तर्ज पर विकसित करने का जिक्र नई शिक्षा नीति में भी है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार आगे बढ़ते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षित होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट में पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके केंद्रों पर प्री-नर्सरी व नर्सरी स्कूल चलाने की अनुमति दी जाएगी।

तीन मंडलों में प्रशिक्षण सत्र पूरा होने के बाद बाकी के मंडलों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। तैयारी इस प्रकार की जा रही है ताकि कोरोना संक्रमण कम होने पर बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाया जा सके।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को छह दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें इन्हें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बताया जा रहा है। इन्हें सिखाया जाएगा कि कैसे गीत, कविताएं और कहानियां शिक्षा का आधार बन सकती हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह भी बताया जाएगा कि उनके कार्य का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा ताकि वे ये सुनिश्चित कर सकें कि उनका पढ़ाया हुआ बच्चों की समझ में आया भी है या नहीं।

आंगनबाड़ी केंद्रों के प्री-नर्सरी व नर्सरी में तब्दील होने के बाद प्राथमिक विद्यालयों की गुणवत्ता में इजाफा होगा। अब तक विद्यार्थी सीधे प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में दाखिला लेते थे। ऐसे में शिक्षकों की ज्यादातर मेहनत उन्हें पढ़ाई के लिए तैयार करने में ही लगानी होती थी। अब आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों में तब्दील हो जाएंगे और वहां शुरुआती दौर में बच्चों को पठन-पाठन की जानकारी दी जाएगी तो यह उनके लिए कक्षा एक में दाखिले से पहले मजबूत नींव का काम करेगा।