त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर,प्रदेश में कई अभियानों ने पकड़ी रफ्तार

यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा से पहले फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। इसी के चलते कई जिलों में ग्राम पंचायतों के परिसीमन का काम शुरू हो गया है।

पंचायतों के पुनर्गठन की अधिसूचना का गजट नोटिफिकेशन 18 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। पिछले पांच सालों में नगरीय निकायों के सीमा विस्तार से जो 42 जिले प्रभावित हुए हैं, उनमें ग्राम पंचायतों के परिसीमन का कार्य इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। साल के आखिर तक पंचायतों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी पूरा हो जाएगा। त्रिस्तरीय होगा पंचायत चुनावउत्तर प्रदेस में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। यूपी में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।


पंचायत पुनर्गठन और परिसीमन का काम शुरूगौरतलब है कि इस वर्ष मार्च महीने से कोविड-19 की परिस्थितियों और फिर लॉकडाउन के चलते चुनाव की तैयारियां समय से प्रारंभ नहीं हो सकीं थीं। ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में 20 नवंबर तक प्रस्ताव लिए जाएंगे। 21 से 25 नवंबर तक ग्राम पंचायतों के  पुनर्गठन व परिसीमन के लिए जिला स्तर पर तैयार प्रस्ताव का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 2 दिसंबर तक अंतिम प्रकाशन पर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। 
चुनाव आयोग की तैयारीराज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। मतदाता सूचियों ले गैरजरूरी नाम हटाए जा रहे हैं और नए नाम जोड़ने का काम जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। दिसंबर के आखिर में वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। 
इस्तेमाल होंगे ई-स्टांपआगामी पंचायत चुनावों में पहली दफा ई-स्टांप इस्तेमाल में लाए जाएंगे। उम्मीदवारों की आवश्यकता को देखते हुए सौ रुपये एवं उससे कम कीमत के ई-स्टांप उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाने की तैयारी की जा रही है।

पंचायत चुनाव : अप्रैल व मई में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी

🔴 फिलहाल मतपेटियों, मतपत्रों तथ्य अन्य चुनाव सामग्री संजोने का काम चल रहा है।

🔴 वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का भी काम जारी है। 28 दिसम्बर को फाइनल ड्राफ्ट का प्रकाशन किया जायेगा।

यूपी में तय समय पर ही होंगे पंचायत चुनाव, कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं

यूपी में तय समय पर ही होंगे पंचायत चुनाव, कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं

यूपी में तय समय पर ही होंगे पंचायत चुनाव, कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं
लखनऊ।
जिलों में वार्डों का परिसीमन होना है
लाकडाउन में ढील बढ़ने के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव अपने निर्धारित समय पर ही करवाए जाने की तैयारी भी तेजी से शुरू होगी। अगर आने वाले महीनों में स्थितियां बिगड़ी नहीं हुईं तो कोरोना संकट से उपजे हालात में फिलहाल प्रदेश सरकार का पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। राज्य के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने ‘हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत में कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं।
बकौल श्री चौधरी-‘मुझे नहीं लगता कि पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की कोई जरूरत पड़ेगी।’ चुनाव की तैयारियों के बाबत उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों के दरम्यान प्रदेश की करीब 1000 ग्राम सभाओं का शहरी क्षेत्र में विलय हुआ है। राज्य के 48 जिले सीमा विस्तार से प्रभावित हुए हैं। इनमें उतने क्षेत्र में ही परिसीमन होगा जो आंशिक रूप से पंचायत में शामिल हुई हैं। मुरादाबाद, संभल और गोण्डा में 2015 के चुनाव में परिसीमन नहीं हो सका था। इन कुल 51 जिलों में नए सिरे से वार्डों का परिसीमन किया जाना है। जैसे वार्ड बन जाएंगे उसके तुरंत बाद ही मौजूदा वोटर लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी जाएगी, फिर आयोग इस वोटर लिस्ट का वृहद पुनरीक्षण का काम शुरू करवा देगा।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि वैसे भी मौजूदा ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 26 दिसम्बर तक है। क्षेत्र पंचायतों का अगले साल जनवरी के अंत तक और जिला पंचायतों का अगले साल मार्च तक कार्यकाल है। इस नाते अभी पर्याप्त समय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर जुलाई से भी चुनाव की तैयारियों ने तेजी पकड़ी तो सब कुछ समय से होता चला जाएगा। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग में भी पंचायतों के पुनर्गठन की सूचना पहुंचने लगी है। बीती 18 मई को आयोग में एक पत्र के जरिये पंचायतीराज विभाग ने 32 जिलों की 267 पंचायतों की सूचना दी है जो पूर्णरूप से शहरी क्षेत्र में शामिल हो गई हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है अभी इस बाबत और सूचनाएं शासन से आनी बाकी हैं।