🔴 चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की मौत पर बवाल
🔴 विपक्ष ने उठाया मुद्दा तो हरकत में आई सरकार
पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचर्स की कोरोना से मौत हुई, उनके परिवारों को मिले मुआवजा और सरकारी नौकरी- CM योगी का आदेश
सीएम योगी ने आदेश जारी किया कि पंचायत चुनाव इलेक्शन ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर मुआवजा और सरकारी नौकरी दिलाई जाए.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण से सैंकड़ों टीचरों की मौत (UP panchayat election teachers death) के मामले में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को गुरुवार को आदेश दिया कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उनके परिवार को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर न सिर्फ मुआवजा दिलाया जाए बल्कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए.
सीएम ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई मौतों को लेकर उन्हें बेहद अफ़सोस है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदना ऐसे हर परिवार के साथ है. शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है.
सीएम योगी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी व्यक्ति कोरोना के कारण दिवंगत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए. सीएम योगी ने कहा- क्योंकि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जब जारी हुई थी उस समय कोरोना नहीं था इसलिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इलेक्शन ड्यूटी के कारण जिन कर्मियों को संक्रमण हुआ और बाद में जिनकी मौत हुई, उन सभी को नियमानुसार मुआवजा देने के संबंध में चुनाव आयोग से बातचीत की जाए.
इससे पहले उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचायत चुनावों ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है.
कल ही कहा था कि सिर्फ 3 की मौत हुई
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने साफ़ कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इसके अलावा विभाग के सचिव सत्य प्रकाश की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी मतगणना में लगे कर्मचारियों के अपने घर से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और फिर ड्यूटी समाप्त कर वापस घर पहुंचने के दौरान सिर्फ 3 कर्मचारियों की मौत को ही सच ठहराया गया था. सिर्फ इन तीन लोगों के परिवारों के लिए ही मुआवजे का भी ऐलान किया गया है.
सीएम योगी ने कहा- “प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है. उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए. चूंकि इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस पुरानी है, तब कोरोना नहीं था,अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है.”
आजमगढ़ में हुईं सबसे ज्यादा मौतें
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा के मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप इन सभी मृत शिक्षकों/शिक्षामित्रों तथा अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की ड्यूटी के दौरान अभी तक सिर्फ 3 शिक्षकों जान गंवाने की बात कही तो दूसरी तरफ शिक्षक संघ का कहना है कि हमारे 1600 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव हो गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई।