बेसिक शिक्षा विभाग : सरल एप से जिस दिन परीक्षा शाम को रिजल्ट,

परिषदीय विद्यालय: सरल एप से जिस दिन परीक्षा उसी शाम रिजल्ट, परीक्षा होने पर नहीं करना होगा रिजल्ट के लिए लंबा इंतजार, सरल एप के जरिए यह होगा संभव

गोरखपुर: परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की योग्यता का आकलन जिस दिन होगा, उसी दिन शाम तक रिजल्ट भी आ जाएगा। यह संभव होगा सरल एप के जरिए। लखनऊ में सफलतापूर्वक प्रयोग के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अब इसे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लागू करने की तैयारी में है। एप का इस्तेमाल शैक्षिक मूल्यांकन परीक्षा यानी सैट (स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट) में किया जाएगा। सैट में लर्निंग आउटकम के लिए विद्यार्थियों से निर्धारित प्रेरणा सूची पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

अभी तक सैट वर्ष में तीन बार आयोजित होते रहे हैं। अब इसे विभाग माहवार आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। यह टेस्ट बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ ओएमआर शीट पर लिया जाएगा। परीक्षा के बाद दो घंटे में शिक्षक ओएमआर शीट की फोटो खींचकर एप पर अपलोड करेंगे और एआइ (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) की मदद से मिनटों में इसका रिजल्ट आ जाएगा।
रिजल्ट स्कूलवार, ब्लाकवार से लेकर राज्यवार एक क्लिक पर सामने होगा। अभी तक सैट की ओएमआर शीट ब्लाक स्तर पर शिक्षक ही जांचते हैं। इसे जांचने के बाद इसके नंबर शीट पर चढ़ाकर भेजते हैं और फिर रिजल्ट तैयार होता है। इसमें लगभग एक महीने का समय लगता है।

अभी तक सैट परीक्षा के रिजल्ट में समय लगता था, लेकिन सरल एप के जरिए अब परीक्षा के दिन ही परिणाम आ जाएगा। विभाग इसे लागू करने की तैयारी कर चुका है।आरके सिंह, बीएसए
क्या है प्रेरणा सूचीप्रदेश सरकार ने कक्षावार विद्यार्थियों के न्यूनतम लर्निंग आउटकम को तय कर दिया है यानी कक्षा एक या दो में पढ़ रहे बच्चों को हंिदूी, गणित या अंग्रेजी में न्यूनतम क्या-क्या आना चाहिए, इसके लिए कक्षावार प्रेरणा सूची जारी की गई है। सैट का आयोजन वार्षिक व छमाही परीक्षाओं के अलावा किया जाता है।

बेसिक शिक्षा विभाग ‘सरल एप’ के जरिये लेगा SAT परीक्षा, जिस दिन परीक्षा – उसी दिन शाम तक परिणाम

बेसिक शिक्षा विभाग ‘सरल एप’ के जरिये लेगा SAT परीक्षा, जिस दिन परीक्षा – उसी दिन शाम तक परिणाम

प्राइमरी स्कूलों में 1.80 करोड़ विद्यार्थियों की योग्यता का आकलन जिस दिन होगा, उसी दिन शाम तक रिजल्ट भी आ जाएगा। ये कमाल होगा आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से…।

बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयार ‘सरल एप’ का पायलट लखनऊ में सफलतापूर्वक करने के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसका इस्तेमाल सैट (स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट) में किया जाएगा। सैट अभी तक वर्ष में दो बार होता है। 2020 में सैट नहीं लिया गया लेकिन इसे कराने की तैयारी है।

सैट वर्ष में तीन बार करवाने की तैयारी है। इसे बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ ओएमआर शीट पर लिया जाएगा। परीक्षा के बाद दो घण्टे में शिक्षक ओएमआर शीट की फोटो खींच कर ऐप पर अपलोड करेंगे और एआई की मदद से मिनटों के अंदर इसका रिजल्ट आ जाएगा। इसका रिजल्ट स्कूलवार, ब्लॉकवार से लेकर राज्यवार एक क्लिक पर सामने होगा।


अभी तक सैट की ओएमआर शीट ब्लॉक स्तर पर शिक्षक ही जांचते हैं। इसे जांचने के बाद इसके नंबर शीट पर चढ़ा कर भेजते हैं और फिर रिजल्ट तैयार होता है। इसमें लगभग एक महीने का समय लगता है।


सैट में लर्निंग आउटकम के लिए निर्धारित प्रेरणा सूची पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। क्या है प्रेरणा सूची-प्रदेश सरकार ने कक्षावार विद्यार्थियों के न्यूनतम लर्निंग आउटकम को तय कर दिया है यानी कक्षा एक या दो में पढ़ रहे बच्चों को हिन्दी, गणित या अंग्रेजी में न्यूनतम क्या-क्या आना ही चाहिए। इसके लिए कक्षावार प्रेरणा सूची जारी की गई है। सैट का आयोजन वार्षिक व छमाही परीक्षाओं के अलावा किया जाता है।