69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्ति पूरी करवाने को सोशल मीडिया पर एकजुटता

परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत आरक्षित और विशेष आरक्षित वर्ग के लिए पांच जनवरी को जारी 6800 की चौथी सूची में शामिल अभ्यर्थी अपनी भर्ती पूरी कराने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने सभी 18 मंडल में अपने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं ताकि भर्ती पूरी होने तक समन्वय बना रहे। किसी प्रकार की समस्या पर निराकरण कर सकें।



आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी के आरोप लगाए तो अफसरों ने नकार दिया। इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में अपील कर दी। वहां सुनवाई के बाद आरक्षण की अनदेखी की पुष्टि होने के बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अपने हक के लिए लखनऊ में धरने पर डट गए। सरकार ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मांगें मानते हुए चौथी सूची तो जारी कर दी। लेकिन जिला आवंटन, काउंसिलिंग या नियुक्ति पत्र वितरण से पहले ही चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई और प्रक्रिया रुक गई। अभ्यर्थी इस सूची से भी संतुष्ट नहीं है। वे 19 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं।

69000 सहायक अध्यापक भर्ती : प्रक्रिया में रिक्त पदों पर तृतीय चरण में चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के सम्बन्ध में

69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में रिक्त पदों पर तृतीय चरण में चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के सम्बन्ध में

आवेदन के बाद प्रमाण पत्र में संशोधन होने पर भी अभ्यर्थी को मिलेगी नियुक्ति : 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में रिकॉर्ड की विसंगति को लेकर शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश,शिक्षामित्रों को भी मिली राहत

लखनऊ। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी के आवेदन के बाद अंक पत्र में विश्वविद्यालय या संबंधित शैक्षिक संस्थान के स्तर से परिवर्तन हुआ है तो अभ्यर्थी को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। वहीं अभ्यर्थी ने बिना किसी रिकॉर्ड के स्वयं के स्तर पर ही वास्तविक प्राप्तांक से अधिक अंक या कम पूर्णांक अंकित करता है तो उसका चयन निरस्त किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग ने भारांक की गणना गलत होने या भारांक का लाभ प्राप्त नहीं होने के चलते नियुक्ति से वंचित रहे शिक्षामित्रों को भी राहत दी है। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सहायक अध्यापक भर्ती में रिकॉर्ड की विसंगति को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

शासन ने स्पष्ट किया है कि भर्ती

के आवेदन के बाद उनके प्रमाण पत्र या अंक पत्र में पुनर्मूल्यांकन, बैक पेपर में प्राप्त अंक या अन्य किसी कारण से प्राप्तांक में विश्वविद्यालय या संबंधित शैक्षिक संस्थान ने स्वयं परिवर्तन किया है तो ऐसे अभ्यर्थियों
को त्रुटिपूर्ण आवेदन के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।

इसके अलावा शासन ने उन अभ्यर्थियों के चयन निरस्त करने के आदेश दिए हैं जिन्होंने 28 मई 2020 के बाद का जारी जाति एवं निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है।



शिक्षामित्रों को भी मिली राहत

बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती में शिक्षामित्रों को भी राहत दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 भारांक प्राप्त हो गया है, लेकिन उनकी सेवा दस वर्ष से कम है। ऐसे अभ्यर्थियों की प्रति वर्ष की सेवा के 2.5 भारांक के आधार पर गणना की जाए।

. शिक्षामित्र अभ्यर्थी के वास्तविक भारांक की गणना करने पर यदि संबंधित अभ्यर्थी का गुणांक संबंधित जिले में उनकी श्रेणी में अंतिम चयनित अभ्यर्थी के गुणांक से अधिक है तो उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। यदि गुणांक अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है तो उनका प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षामित्र श्रेणी का लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण जिन 138 शिक्षामित्रों का चयन नहीं हो सका है। उनकी सेवा के आधार पर भारांक की गणना कर नियुक्ति देने या चयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी। जिन शिक्षामित्रों के भारांक की गणना करने के बाद गुणांक यदि संबंधित श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से अधिक है तो उनके चयन और जिला आवंटन के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक

की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा यदि शिक्षामित्र का गुणांक उनकी श्रेणी के अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है तो उनका चयन निरस्त किया जाएगा।