DBT समाधान – आधार प्रमाणीकरण से संबंधित कुछ विशेष बातें।

आधार प्रमाणीकरण से संबंधित कुछ विशेष बातें।

1.जिनका आधार प्रमाणित नही हुआ है उनका भी डाटा रिपोर्ट में पेंडिंग से हट कर शो करेगा
ऐसे बच्चे जो अप्रमाणित में है या उनके 6 Attempt खत्म हो गये है ऐसे बच्चों के लिए परियोजना द्वारा बताया गया है की उन समस्त बच्चो के लिए बाद में जब सब सारे बच्चों का आधार प्रमाणित कर लिया जाएगा तो उन्हें पुनः Unfreeze कर दिया जाएगा जिससे वह उन बच्चो को प्रमाणित कर सकते है।
2.जिन बच्चो का आधार नही बना है उन बच्चो का आधार प्रमाणीकरण में आधार नही है के दिखाते हुए छात्र की सूचना को अपडेट करे परन्तु वह छात्र टीचर के DBT एप से पेंडिंग में प्रदर्शित होगा पर BEO तथा BSA को लॉगिन की रिपोर्ट में पेंडिंग में प्रदर्शित नही होगा।
3. जिन छात्रों का पंजीकरण पोर्टल द्वारा किया जाता है वह 24 से 48 घंटे के पश्चात पोर्टल पर आता है यदि 24 से 48 घंटे के बाद भी नही आता है तो पुनः पंजीकरण कर दे।
4. रोज के रोज टीचर के द्वारा किए गये कार्यों को DBT एप पर डाटा सिंक करें।

आधार सत्यापन में उलझ रहे शिक्षक, आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता बनी सबसे बड़ी समस्या

आधार सत्यापन में उलझ रहे शिक्षक, आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता बनी सबसे बड़ी समस्या

फतेहपुर : डीबीटी ऐप पर परिषदीय शिक्षक इन दिनों कई कार्य कर रहे हैं। इनमें नए छात्रों का पंजीकरण, पुराने छात्रों की यूनीफार्म पहना कर फोटो अपलोड करने व छात्रों के आधार सत्यापन जैसे कार्य शामिल हैं। सबसे बड़ी समस्या आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता है। जिसके चलते छात्रों के आधार सत्यापन में मुश्किलें पेश आ रही हैं।

शिक्षक बताते हैं कि जब ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले व जागरूकहीन अभिभावकों ने कई साल पहले अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाए थे तो उन्होंने आधार में जन्मतिथि अंकित कराने को लेकर समुचित गंभीरता नहीं बरती थी। इस कारण आधार सेण्टर के फीडिंग कर्मी ने अपनी मर्जी से बच्चों की गलत जन्मतिथि आधार में अंकित कर दी थी। जब बच्चे स्कूलों में प्रवेश के लिए पहुंचे तो वहां अभिभावकों ने दूसरी जन्मतिथि अंकित कराई। जन्मतिथि का यह अंतर तमाम स्कूलों में सामने आ रहा है। आधार सत्यापन के दौरान समूचा ब्यौरा आधार कार्ड के अनुसार ही होना चाहिए तभी आधार का सत्यापन हो सकेगा। भिन्न जन्मतिथियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।


बच्चों को भविष्य में होगा नुकसान

जानकार बताते हैं कि यदि बच्चों की वास्तविक जन्मतिथि की बजाए उन्हें उम्र में अधिक दिखाया गया है तो भविष्य में उनका नुकसान हो सकता है। वह आयु वर्ग के अनुसार कक्षाओं को पास नहीं कर पाएंगे।


अभिभावकों ने संशोधन में भी नहीं ली रुचि

शिक्षक बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों ने समय रहते प्रवेश पंजिका के अनुसार आधार कार्ड में संशोधन नहीं कराया। यदि अब संशोधन किया जाएगा तो समय रहते डीबीटी का कार्य नहीं पूरा हो सकेगा।

प्रेरणा डीबीटी ऐप के माध्यम से छात्र-छात्राओं का आधार प्रमाणीकरण स्टेप बाई स्टेप / Aadhar authentication of students step by step through Prerna DBT app

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