यूपी के बेसिक के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की अब ऐसे नहीं बढ़ेगी तनख्वाह, न ही मिलेगा प्रमोशन, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब प्राइमरी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की सैलरी इंक्रीमेंट का तरीका बदलने जा रहा है। शिक्षकों की सैलरी इंक्रीमेंट में अब कॉर्पोरेट अप्रेजल सिस्टम लागू होने जा रहा है। सरकारी शिक्षकों का सैलरी इंक्रीमेंट, प्रमोशन और दूसरे लाभ को उनके पर्फार्मेंस से जोड़ा जाएगा। यूपी सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बड़े फैसले पर अपनी मुहर भी लगा दी है। कॉर्पोरेट अप्रेजल सिस्टम के तहत शिक्षकों को प्रमोशन और सैलरी इंक्रीमेंट के लिए प्वाइंट्स कमाने होंगे।

अब ऐसे बढ़ेगी सैलरी
यूपी के सभी प्राइमरी शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन के लिए 15 अप्रैल तक एक सेल्फ इवैल्यूएशन फॉर्म भरना होगा। ये फॉर्म मानव संपदा पोर्टल पर जाकर भरना होगा। फॉर्म में दिए गए 9 मानकों के आधार पर शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को प्वाइंट्स मिलेंगे। प्वाइंट्स के आधार पर ही शिक्षकों का वेतन बढ़ेगा और प्रमोशन मिल सकेगा। इसमें प्रधानाचार्य के लिए दो मानक अलग हैं। इन दो मानकों के तहत प्रधानाचार्यों को कायाकल्प योजना के तहत स्कूल में सुविधाओं को लेकर जानकारी देनी होगी। स्कूल में अगर सभी 14 सुविधाएं मिलीं तो इसके आधार पर प्रधानाचार्यों 10 प्वाइंट दिये जाएंगे। साथ ही छात्रों को रिपोर्ट कार्ड जारी करने के आधार पर भी 10 प्वाइंट दिये जाएंगे।

शिक्षकों के लिये ये होंगे मानक
शिक्षकों को जिन मानकों के आधार पर प्वाइंट मिलेंगे उनमें स्कूल में उनके द्वारा किए गए नामांकन, आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी, दीक्षा पोर्टल पर सक्रियता, स्कूल प्रबंधन समिति की बैठकों में भागीदारी, विद्यार्थियों द्वारा पुस्तकालय का उपयोग के आधार पर मिलेंगे। इसके अलावा जिन्होंने निष्ठा कार्यक्रम के तहत सभी प्रशिक्षणों में हिस्सा लिया है, उन्हें भी 10 नंबर दिये जाएंगे। दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत इसे उत्तर प्रदेश की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों को आईआईएम, आईआईटी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। ओडीओपी को व्यावसायिक शिक्षा में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही कक्षा नौ से 12 तक व्यावसायिक ट्रेड की पढ़ाई भी अनिवार्य की जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत 2022-23 से न्यूनतम 100 स्कूल प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ये मास्टर रिसोर्स पर्सन के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा हर साल शिक्षकों को 50 घण्टे का प्रशिक्षण देने की भी तैयारी है।

उच्च प्राथमिक एक मार्च और प्राथमिक स्कूल 15 मार्च से खोलने का प्रस्ताव

और कक्षा एक से पांच तक के प्राथमिक स्कूलों को 15 मार्च से खोलने का प्रस्ताव है। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश किया है। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी मिल सकती है।

केंद्र सरकार की ओर से उच्च प्राथमिक स्कूलों को खोलने की गाइड लाइन जारी होने के बाद मुख्यमंत्री ने स्थितियों का आंकलन कर स्कूल जल्द खोलने के निर्देश पहले ही दे दिए थे। उल्लेखनीय है कि परिषदीय स्कूलों का शैक्षिक सत्र 2020-21 का संचालन 31 मार्च तक होता है। एक अप्रैल से नया सत्र संचालित किया जाएगा।

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बेसिक शिक्षकों के मेडिकल अवकाश(ML) स्वीकृति एवं मातृत्व/सीसीएल (MATERNITY LEAVE/CCL) पश्चात जॉइनिंग सम्बन्धी नवीन निर्देश बीएसए हाथरस ने किया जारी

विधवाओं व महिलाओं को दे दिए दूरदराज के स्कूल : महानिदेशक बोले हमारा उद्देश्य पहले शिक्षक विहीन और केवल 1 शिक्षक वाले स्कूलों को खाली पद भरना है।

नव चयनित 36590 सहायक अध्यापकों को 25 से 27 जनवरी तक वे स्कूल आवंटित

महिलाओं का आरोप शासन के आदेश की गलत व्याख्या कर दी तैनाती

36590 नवनियुक्त अध्यापकों के लिए विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया एवं तकनीकी चरण

36590 शिक्षकों को स्कूल आवंटन हेतु  विद्यालयों की सूची तैयार किया जाना
1. नियुक्त अध्यापक/अध्यापिकाओं को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय आवंटित किये जाने है। जिलाधिकारी द्वारा नगरीय सीमा के विस्तार किये जाने के कारण नगरीय क्षेत्र में अवस्थित विद्यालयों में किसी भी दशा में पदस्थापन की कार्यवाही नहीं की जायेगी।
2. विद्यालय की सूची तैयार करते समय यह ध्यान अवश्य रखा जाये कि यूडायस कोड 2019 के आधार पर चयनित विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय ही है।

3. कम्पोजिट विद्यालय के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापक/अध्यापिकाओं की संख्या के आधार पर उक्त विद्यालय को सूची में सम्मिलित किया जायेगा। 
4. जनपद में आवंटित अभ्यर्थियों की संख्या के सापेक्ष 05 अतिरिक्त रिक्तियों को जोड़ते हुए विकल्प प्राप्त करने हेतु रिक्तियां प्रदर्शित की जाय। इस हेतु सर्वप्रथम शिक्षक विहिन विद्यालय, एकल शिक्षक विद्यालय की रिक्तियों को सम्मिलित किया जायेगा। तत्पश्चात यदि अन्य रिक्तियों की आवश्यकता होगी तो दो शिक्षक वाले विद्यालय में जिनका छात्र अध्यापक अनुपात सर्वाधिक है में एक शिक्षक तैनात किया जायेगा। 

5. विद्यालयों का चिन्हांकन यूडाइस पर उपलब्ध दिनांक 30.09.2019 की अध्यापक एवं छात्र संख्या जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित है के अनुसार विकासखण्ड विद्यालयवार वैकेन्सी मैट्रिक्स तैयार की जायेगी।

6. विद्यालय में रिक्त पदों की गणना में कार्यरत शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों को नहीं जोड़ा जायेगा 
7. सर्वप्रथम शिक्षक विहिन विद्यालय की सूची सर्वाधिक छात्र अध्यापक अनुपात के आधार पर अवरोही क्रम में तैयार की जायेगी।
8. एकल शिक्षक वाले विद्यालय की सूची सर्वाधिक छात्र अध्यापक अनुपात के आधार पर अवरोही क्रम में तैयार की जायेगी।
9. दो शिक्षक वाले विद्यालय की सूची सर्वाधिक छात्र अध्यापक अनुपात के अवरोही क्रम में तैयार की जायेगी।
10. यदि छात्र अध्यापक अनुपात समान होने की दशा में अंग्रेजी वर्णमाला के अवरोही क्रम में तैयार की जायेगी।

नवनियुक्त पुरुष शिक्षक भी चुन सकेंगे स्कूल – पिछली बार केवल महिलाओं और दिव्यांगों को ही दिया गया था ऑनलाइन स्कूल चुनने का मौका, जोड़ी जाएंगी पांच अतिरिक्त रिक्तियां

अबकी बार नवनियुक्त पुरुष शिक्षक भी चुन सकेंगे स्कूल:- पिछली बार केवल महिलाओं और दिव्यांगों को ही दिया गया था ऑनलाइन स्कूल चुनने का मौका, जोड़ी जाएंगी पांच अतिरिक्त रिक्तियां

बरेली: इस बार नव नियुक्त पुरुष शिक्षकों को भी ऑनलाइन स्कूल चुनने का विकल्प मिलेगा। इसके लिए शासन की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं। बरेली के 452 नव नियुक्त शिक्षकों को इसका लाभ मिला था। अब 25 और 27 जनवरी को इन नव नियुक्त शिक्षकों को स्कूल का आवंटन होना है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के सापेक्ष हुई 31677 शिक्षक भर्ती में बरेली को 712 शिक्षक मिले थे। कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा से 36590 शिक्षकों की भर्ती हुई। इसमें बरेली को 452 शिक्षक मिले। इन सभी को विगत पांच दिसम्बर को संजय कम्युनिटी हॉल में नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। सात दिसम्बर को सभी शिक्षकों की बीएसए कार्यालय में ज्वाइनिंग करा दी गई। तब से इन शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन नहीं किया गया है अब शासन ने नव नियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने का रास्ता खोल दिया है। इस बार सभी शिक्षकों को ऑनलाइन स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। इससे पहले हुई भर्ती में सिर्फ महिला और दिव्यांग शिक्षकों को ही ऑनलाइन स्कूल चुनने का मौका मिला था जबकि सभी पुरुष शिक्षकों को रोस्टर के हिसाब से स्कूलों का आवंटन किया गया था इसे लेकर कई शिक्षक संगठनों में काफी रोष भी था। इसी से बचने के लिए अब शासन ने सभी शिक्षकों को ऑनलाइन विकल्प चुनने का मौका दिया है। बीएसए विनय कुमार ने बताया

कि 25 और 27 जनवरी के लिए चयनित अभ्यर्थियों के लिए फरीदपुर डायट में अपने सभी दस्तावेजों के साथ पहुंचना होगा । बिना मास्क और सैनेटाइजर के डायट में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी कोविड- 19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा

नौकरी में भर्ती की उम्र 30 वर्ष करने की सिफारिश, सरकारी नौकरी पाने के बाद दूसरी नौकरी के लिए केवल दो मौके

लखनऊ। प्रदेश की सरकारी सेवाओं में भर्ती की अधिकतम उम्र में फिर बदलाव पर चर्चा शुरू हो गई है। इसे 40 से घटाकर 30 वर्ष किया जा सकता है। इसके अलावा एक बार सरकारी सेवा में आने के बाद दूसरी सरकारी सेवा के लिए आवेदन के अवसर भी सीमित करने की योजना है। विभागीय कर्मियों की संख्या का युक्तिकरण, प्रभावशीलता व दक्षता में सुधार के लिए गठित समिति ने सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 40 से घटाकर 30 और आरक्षित वर्ग के लिए 35 बर्ष किए जाने की सिफारिश की है। आरक्षित वर्ग के लिए यह सीमा 45 वर्ष है। सपा शासनकाल में छह जून, 2012 को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई थी। 35 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा पहले 32 वर्ष थी।

सरकारी नौकरी पाने के बाद दूसरी नौकरी के लिए केवल दो मौके
सरकारी सेवा में भर्ती के बाद कार्मिक को अन्य सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम 2 अवसर देने का सुझाव दिया गया है। सेवा में चयन होने के बाद यदि कोई अभ्यर्थी अन्य परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करता है तो उसे पहली बार कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक वर्ष का वेतन रहित अवकाश स्वीकृत करने की सिफारिश की गई है।

परिवर्तनीय वार्षिक वेतन वृद्धि का फॉर्मूला आजमाएं
अच्छे व मेहनती कार्मिकों का मनोबल बनाए रखने व काम में रुचि न लेने वाले को हतोत्साहित करने
का हवाला देते हुए ‘परिवर्तनीय’ वार्षिक वेतन वृद्धि दिए जाने की संस्तुति की गई है।

सेवा की कसौटी ‘संतोषजनक’ से ‘बहुत अच्छा’ हो
प्रदेश में विभागाध्यक्ष व अपर विभागाध्यक्ष के पदों को छोड़कर विभिन्‍न संवर्ग के पदों पर संबंधित नियमावली में पदोन्‍नति व एसीपी के लिए संतोषजनक सेवा होना अनिवार्य शर्त है। समिति ने पदोन्नति व एसीपी के लिए संतोषजनक सेवा के स्थान पर बहुत अच्छा मापदंड तय करने को कहा है। इसी तरह विभागों व कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना शुरू करने को कहा गया है। यह उत्कृष्ट प्रदर्शन व नवाचार के लिए व्यक्तिगत व विभाग दोनों श्रेणियों में देने को संस्तुति है।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर चयन हेतु भर्ती आयोजित कराए जाने के संबंध में आदेश

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर चयन हेतु भर्ती आयोजित कराए जाने के संबंध में आदेश

यूपी के शिक्षामित्रों के कब बदलेंगे दिन, शिक्षामित्रों को ढाई साल से है रिपोर्ट का इंतजार: शिक्षामित्रों को 12 माह का मानदेय और सेवाकाल 62 वर्ष उम्मीद

प्रदेश के 1.55 लाख शिक्षामित्रों को ढाई साल से हाई पावर कमेटी का इंतजार है। 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों ने बड़ा आंदोलन किया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए हाईपावर कमेटी गठित की थी। शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगों में 12 माह का मानदेय देते हुए सेवाकाल 62 वर्ष करने, मानदेय में आवश्यक वृद्धि करने, प्रतिवर्ष महंगाई के क्रम में मानदेय बढ़ाने, टीईटी पास सभी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक का दर्जा देने, 14 सीएल व निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सहित शिक्षकों की भांति समस्त लाभ देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इस कमेटी की बैठक 20 अगस्त 2018 को हुई थी।

लेकिन कमेटी की रिपोर्ट तकरीबन ढाई साल बीतने के बाद आज तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। लगभग 20 साल की सेवा के बाद भी सड़क पर खड़े शिक्षामित्र हाईपॉवर कमेटी रिपोर्ट लाइए, शिक्षामित्र बचाइए् हैज हैशटैग से पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर अभियान चला रहे हैं। शुरुआत में 1.70 लाख शिक्षामित्र थे लेकिन 12- 13 हजार शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पदपर चयन और ढाई हजार के आसपास शिक्षामित्रों के निधन से वर्तमान में 1.55 लाख बचे हैं।

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खजुहा ब्लाक इकाई के घटनाक्रम को सिलसिलेवार एक नजर डालें औऱ स्वयं निर्णय लें कि वास्तव में क्या हुआ और किस क्रम में आयोजित किया गया?

यह एक नियोजित प्लान का परिणाम था।एक दिन पूर्व ही बिंदकी में खजुहा संघ के कुछ चुनिंदा साथियों की मीटिंग रखी गई थी।कल की मीटिंग और उसमें बनी प्लानिंग के अनुसार ही आज दुपहर 12 बजे दो महिलाएं एक साथ खजुहा बीआरसी पहुंची और पूर्व नियोजित षड्यंत्र को अमली जामा पहनाने की शुरुआत कर दी गई।

पहले कुछ देर बाहर ही तेज़ आवाज़ में बात शुरू हो गई लेकिन तुरंत ही खंडशिक्षा अधिकारी महोदय ने सीसीटीवी सुविधा युक्त अपने ऑफिस में पहुंचना ही बेहतर समझा और जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गए।सीसीटीवी का फुटेज भी आवश्यक रूप से एक अहम सबूत के रूप में सुरक्षित होगा।

बातचीत को विवाद के स्तर तक पहुंचाने के बाद उक्त दोनों महिलाओं ने ब्लॉक अध्यक्ष को बुलाये जाने की धमकी दी और सामने ही फोन लगाने का ड्रामा शुरू हो गया।

कुछ ही देर में अध्यक्ष भी मौके पर पहुंच गए और कुछ ही देर बाद 10-12 कथित पत्रकार भी उनके पीछे आ गए।खजुहा बीआरसी दूरस्थ स्थिति वाली बीआरसी है जिसकी दूरी अध्यक्ष महोदय के विद्यालय से लगभग 25 से 30 किमी या उससे ज्यादा भी हो सकती है।

उक्त दोनों महिलाएं विद्यालय समयावधि में बिना किसी पूर्व सूचना के उपस्थित हुई थीं और इस घटना के दौरान अध्यक्ष महोदय भी विद्यालय अवधि में ही बीआरसी में उपस्थित हो चुके थे।ब्लॉक के ही एक अन्य शिक्षक भी उस वक़्त, जब महिलाएं अधिकारी महोदय से बात कर रही थीं,वहीं पर मौजूद थे जो खुरूवाखेड़ा के शिक्षक हैं और इस पूरे समय के साक्षी भी हैं,मौजूद थे।

अब प्रश्न ये उठता है कि प्रताड़ित होने वाली महिला/महिलाएं क्या इतनी भविष्य दर्शी थीं कि मीडिया को मौक़े पर पहले से ही बुला लिया था , वह भी 10 से 12 मीडियाकर्मी?

शाम तक ख़बर मीडिया के हवाले से जिस रूप में निकली उसने एक बेहतरीन इंसान के सम्मान और इज्ज़त की धज्जियाँ उड़ा दी थी।खबरों में चलाया जा रहा था कि अधिकारी ने चाइल्ड केयर लीव को अग्रसारित करने के लिए महिला को अकेले मिलने और गर्मी निकाल देने की बात कही।

ध्यातव्य हो कि उक्त घटना में उपस्थित दोनों ही महिलाओं ने इससे पूर्व भी ऐसे ही अनर्गल आरोप सहकर्मी या अधिकारी पर लगाये हैं।इनमें से एक महिला ने तो ऐसा ही आरोप लगभग 3 वर्ष पूर्व भी इन्ही अधिकारी महोदय पर लगाया था।

यद्यपि संपूर्ण ब्लॉक के शिक्षक आरोपित किये जाने की इस घिनौनी प्रणाली को धिक्कार रहे हैं ,किंतु मुखर होकर कुछ बोलने की स्थिति में नही हैं।