50 वर्ष से ऊपर के शिक्षकों के स्क्रीनिंग के संदर्भ में फर्रुखाबाद जनपद का आदेश
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📌ब्रेकिंग📌: अंतर्जनपदीय ट्रांसफर लिस्ट हुई सार्वजनिक देखें स्थिति👇
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बड़ी खबर : 36 हजार शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती का अभी करना होगा इंतजार, जानिए क्या समस्या है???
प्राथमिक स्कूलों (Primary Schools) में नियुक्ति पाए 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों (Teachers) को अभी भी स्कूलों में तैनाती का इंतजार है. नियुक्ति के लगभग एक महीने बाद भी इन्हें अभी तक तैनाती नहीं दी जा सकी है. अब इन्हें नए साल में ही तैनाती मिल सकेगी।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण के तहत जिन 36 हजार 590 शिक्षकों (Teachers) को नियुक्ति पत्र दिये गये थे उन्हें अभी तैनाती के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. वैसे तो सभी शिक्षकों को दिसंबर के पहले ही हफ्ते में जॉइनिंग मिल गयी है, लेकिन उनके स्कूलों का आवंटन अभी तक नहीं हो पाया है. स्कूलों का आवंटन सबसे पहले दिव्यांगों और महिला शिक्षकों को किया जाएगा. इन्हें स्कूल चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. इनको तैनाती मिल जाने के बाद ही बाकी शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन किया जाएगा।
यूपी के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती में अभी और समय लगेगा. इनके स्कूल आवंटन की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं हो सकेगी जब तक शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले तबादले खत्म नहीं हो जाते. यानी अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया के खत्म होने के बाद ही शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे स्कूलों में खाली जगहों की सही स्थिति का आकलन हो जाए. हालांकि इस मसले पर शिक्षा विभाग के किसी सीनियर अफसर से बात नहीं हो पायी.
नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं
हालांकि तैनाती में देरी से नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा है. बहराइच जिले में नियुक्ति पाए ऐसे ही एक नवनियुक्त शिक्षक अरुण सिंह ने बताया कि जॉइनिंग की तारीख से ही तनख्वाह बननी शुरू हो गयी है. हालांकि एक महीना पूरा होने के बाद तुरंत खाते में पैसे नहीं आएंगे. इसमें थोड़ी देरी हो सकती है क्योंकि वेरीफिकेशन के बाद ही वेतन का भुगतान होगा.
बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 31 हजार से ज्यादा शिक्षकों को तैनाती मिल चुकी है. उनके स्कूलों का आवंटन हो चुका है. अब 36 हजार शिक्षकों के स्कूलों का आवंटन होना है।
केंद्र की हरी झंडी के बाद ही खुलेंगे परिषदीय स्कूल, फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं
कोरोना के मद्देनजर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही खोला जाएगा। ऐसे में फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते परिषदीय स्कूलों का संचालन मार्च के दूसरे सप्ताह से नहीं हो रहा है। शैक्षिक सत्र 2019-20 में इन स्कूलों के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए उत्तीर्ण कर दिया गया था। चालू शैक्षिक सत्र में पठन-पाठन ऑनलाइन क्लास के जरिये हो रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने भी दीपावली के बाद स्कूल खोलने की कवायद शुरू की थी।
इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों से राय भी मांगी गई थी। पर, सूत्रों का कहना है कि कुछ विभागों ने फिलहाल स्कूल नहीं खोलने की सलाह दी है। उधर, शासन में भी उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार की ओर से फिलहाल स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लिया जाए। उधर, इस संबंध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को खोलने के लिए अभी गाइडलाइन जारी नहीं की है। केंद्र की गाइडलाइन के बाद ही परिषदीय स्कूलों को खोला जाएगा।
परिषदीय विद्यालयों में टेबलेट वितरण हेतु कार्यवाही तेज़, निर्धारित विद्यालयों में डेमो/परीक्षण हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा का आदेश जारी
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प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका को परेशान कर रहा शोहदा, नहीं हो रही कार्रवाई
गोरखपुर। चौरीचौरा में सरदारनगर ब्लॉक के एक प्राथमिक स्कूल में तैनात शिक्षिका को गांव का रहने वाला शोहदा परेशान कर रहा है। पीड़िता ने कई बार पुलिस कंट्रोल रूम व स्थानीय पुलिस से शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षिका की जानकारी देने पर बीएसए ने एसएसपी को पत्र लिख मामले की जानकारी दी है।
जानकारी के अनुसार, एसएसपी को पत्र लिखकर बीएसए ने बताया है कि सरदानगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल में तैनात सहायक अध्यापिका को गांव का रहने वाला शंभू सिंह परेशान करता है। आते-जाते अभद्रता करता है। सहायक अध्यापिका से वह रुपये की मांग करता है। जिसकी शिकायत उसने ग्राम प्रधान और चौरीचौरा थाना प्रभारी से की। मदद नहीं मिलने पर डायल 112 पर फोन किया, लेकिन आरोपित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके डर से अध्यापिका स्कूल जाने से डर रही है। पुलिस के साथ डायल 112 पर शिक्षिका ने कब-कब सूचना दी है इसकी भी अधिकारियों को बताया गया है।
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बेसिक शिक्षा विभाग में अब एक नाम से जाने जाएंगे उच्च प्राथमिक विद्यालय: महानिदेशक
बेसिक शिक्षा विभाग में अब एक नाम से जाने जाएंगे उच्च प्राथमिक विद्यालय
सिद्धार्थनगर: बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित कक्षा छह से आठ तक के विद्यालयों के नाम आने वाले दिनों में बदल दिए जाएंगे। अब विद्यालय के नामों में एकरूपता रहेगी। अभी तक जूनियर विद्यालयों के लिए अलग-अलग नाम लिखे जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। विभाग के महानिदेशक ने इसके गंभीरता से लेते हुए नामों में एकरूपता लाने का निर्णय लिया गया है। सभी जूनियर विद्यालयों के नाम अब उच्च प्राथमिक विद्यालय लिखा जाएगा। महानिदेशक का पत्र मिलते ही विभाग ने आगे की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जूनियर विद्यालयों के लिए पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जूनियर हाई स्कूल, बेसिक विद्यालय जैसे कई नामों का प्रयोग किया जाता था पर अब एक विभाग-एक नाम को अपनाते हुए एक ही नाम उच्च प्राथमिक विद्यालय के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर सुधार कराने का निर्देश दिया है। दरअसल बेसिक शिक्षा परिषद ने कक्षा 6 से 8 तक संचालित विद्यालयों पर लिखे नामों में एकरूपता नहीं दिखाई पड़ती है कहीं शिक्षक पूर्व माध्यमिक विद्यालय लिखते हैं तो कहीं जूनियर हाई स्कूल लिखा जाता था। यही भिन्नता विद्यालयों के यू डायस के साथ अंकित नामों में भी है। विभाग ने इस विसंगति को गंभीरता से लेते हुए एकरूपता के लिए निर्देश जारी किया है। यदि किसी प्राथमिक व जूनियर विद्यालय ़का संविलयन किया गया है तो उसके नाम भी उच्च प्राथमिक रहेगा। अब शीघ्र ही विद्यालयों की दीवालों पर लिखे नाम बदले हुए नजर आएंगे। बीएसए राजेंद्र सिंह ने बताया कि विभागीय निर्देश का अनुपालन कराने के लिए समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।