उलझन: सरकार की डीबीटी ने बढ़ाई शिक्षकों की उलझन, कैसे हो बच्चों की पढ़ाई पढ़े पूरी खबर

उलझन: सरकार की डीबीटी ने बढ़ाई शिक्षकों की उलझन,कैसे हो बच्चों की पढ़ाई

परिषदीय स्कूलों के बच्चों को यूनिफॉर्म से लेकर जूते, मोजे पहुंचाने की व्यवस्था को पारदर्शिता लाने के उद्देश्य शुरू की गई योजना शिक्षकों के लिए बड़ी उलझन बन गई है। बच्चों के अभिभावकों का ब्यौरा ऑनलाइन फीड करने में उनके पसीने छूटने लगे हैं। ऐसे में परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का काम लगभग ठप हो चुका है। शिक्षक अब एक सुर में फीडिंग का काम का विरोध करने लगे हैं। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सरकार की ओर से मिड डे मील, यूनिफॉर्म, जूते मोजे मुफ्त में दिए जाते है लेकिन इस योजना के संचालन में कई तरह की गड़बड़ी सामने आने के बाद अब शासन ने बच्चों के अभिभावकों के खाते में यूनिफार्म, जूते मोजे व बैग की धनराशि भेजने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार की ओर से डीबीटी योजना लागू की गई है।

दिसंबर में 51 हजार शिक्षकों के पद भरेंगे, अगले हफ्ते नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का ऐलान संभव

विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसम्बर में शुरू कर सकती है।

परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 28 नवम्बर को अध्यापक पात्रता परीक्षा का प्रस्ताव भेजा है। हालांकि अभी तक रिक्त पदों की संख्या तय नहीं है। राज्य सरकार ने 51 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की है जबकि समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना के मुताबिक 73 हजार रिक्त पद हैं।
राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही रिक्त पदों की अंतिम संख्या तय हो सकेगी। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51,112 रिक्त पदों का हलफनामा दायर किया था और सरकार ने ट्वीट कर भर्ती का भी ऐलान किया था। वहीं परिषदीय स्कूलों में 73711 पद रिक्त होने की जानकारी दी गई थी।
2018 में भी तेजी से कराई गई थी भर्ती: लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती के नियुक्ति पत्र सितम्बर में बांटे गए थे। उसी मंच से मुख्यमंत्री ने रिकार्ड समय में 69 हजार शिक्षक भर्ती कराने की घोषणा कर दी थी। इसके लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा नवम्बर के पहले हफ्ते में करवाई गई।


अगले हफ्ते ऐलान संभव
कमेटी अगले हफ्ते रिपोर्ट सौंप सकती है और इसके बाद ही रिक्त पदों की संख्या तय करके नई शिक्षक भर्ती का ऐलान होगा। इसकी प्रक्रिया सरकार दिसम्बर में शुरू कर सकती है। भले ही शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आयोजन या फिर इसका रिजल्ट नई सरकार आने के बाद घोषित हो क्योंकि इस बीच चुनावी अधिसूचना जारी होने की संभावना है।

खुशखबरी: नई शिक्षक भर्ती का इसी माह हो सकता है ऐलान, 70 हजार से अधिक पद खाली, रिपोर्ट तैयार कर रही कमेटी

नई शिक्षक भर्ती का इसी माह हो सकता है ऐलान, 70 हजार से अधिक पद खाली, रिपोर्ट तैयार कर रही कमेटी

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती का ऐलान इसी माह होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजस्व परिषद अध्यक्ष मुकुल सिंघल की अगुवाई में बनी तीन सदस्यीय कमेटी 15 दिन से रिक्त पदों व विद्यालयों के पद निर्धारण प्रक्रिया को खंगाल रही है। नई भर्ती पदों के हिसाब से सबसे बड़ी हो सकती है। स्कूलों में शिक्षकों के 70 हजार से अधिक पद खाली हैं। कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद ऐलान किए जाने की तैयारी है।

परिषदीय विद्यालयों के लिए नई शिक्षक भर्ती की मांग लंबे समय से की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने 69,000 शिक्षक भर्ती के दौरान शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दिया था कि विभाग में 51,112 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। पिछले वर्षो में हुई शिक्षक भर्ती के खाली पदों को नई शिक्षक भर्ती में जोड़ा जा सकता है। 68,500 भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है, इसलिए रिक्त पदों को लेकर माथापच्ची की जा रही है।

वहीं, 69,000 शिक्षक भर्ती के सारे पद तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद भी भरे नहीं जा सके हैं। इधर के वर्षो में सेवानिवृत्त होने वाले व कोरोना काल में काल कवलित हुए शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। संकेत हैं कि कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी, क्योंकि विलंब होने पर विधानसभा चुनाव से पहले भर्ती पूरी हो पाना मुश्किल होगा।

2018 व 2019 में कराया गया था पद निर्धारण :

 प्रदेश में निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू है। उसी की सिफारिशों के अनुरूप 2018 में शिक्षकों का पद निर्धारण करते हुए स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक पद का अनुमोदन नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने इन पदों को खत्म नहीं किया है। स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात दुरुस्त करने के लिए 2019 में भी पद निर्धारण प्रक्रिया चली।

नवंबर में यूपीटीईटी कराने की तैयारी : भर्ती की तैयारियों के तहत यूपीटीईटी नवंबर में कराने की तैयारी है। शासन ने परीक्षा संस्था से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है।

70 हजार से अधिक पद खाली, रिपोर्ट तैयार कर रही कमेटी

बड़ी खबर : 36 हजार शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती का अभी करना होगा इंतजार, जानिए क्या समस्या है???

प्राथमिक स्कूलों (Primary Schools) में नियुक्ति पाए 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों (Teachers) को अभी भी स्कूलों में तैनाती का इंतजार है. नियुक्ति के लगभग एक महीने बाद भी इन्हें अभी तक तैनाती नहीं दी जा सकी है. अब इन्हें नए साल में ही तैनाती मिल सकेगी।

लखनऊ. उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 69 हजार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण के तहत जिन 36 हजार 590 शिक्षकों (Teachers) को नियुक्ति पत्र दिये गये थे उन्हें अभी तैनाती के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. वैसे तो सभी शिक्षकों को दिसंबर के पहले ही हफ्ते में जॉइनिंग मिल गयी है, लेकिन उनके स्कूलों का आवंटन अभी तक नहीं हो पाया है. स्कूलों का आवंटन सबसे पहले दिव्यांगों और महिला शिक्षकों को किया जाएगा. इन्हें स्कूल चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. इनको तैनाती मिल जाने के बाद ही बाकी शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन किया जाएगा।

यूपी के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती में अभी और समय लगेगा. इनके स्कूल आवंटन की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं हो सकेगी जब तक शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले तबादले खत्म नहीं हो जाते. यानी अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया के खत्म होने के बाद ही शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे स्कूलों में खाली जगहों की सही स्थिति का आकलन हो जाए. हालांकि इस मसले पर शिक्षा विभाग के किसी सीनियर अफसर से बात नहीं हो पायी.

नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं


हालांकि तैनाती में देरी से नव नियुक्त शिक्षकों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हो रहा है. बहराइच जिले में नियुक्ति पाए ऐसे ही एक नवनियुक्त शिक्षक अरुण सिंह ने बताया कि जॉइनिंग की तारीख से ही तनख्वाह बननी शुरू हो गयी है. हालांकि एक महीना पूरा होने के बाद तुरंत खाते में पैसे नहीं आएंगे. इसमें थोड़ी देरी हो सकती है क्योंकि वेरीफिकेशन के बाद ही वेतन का भुगतान होगा.
बता दें कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 31 हजार से ज्यादा शिक्षकों को तैनाती मिल चुकी है. उनके स्कूलों का आवंटन हो चुका है. अब 36 हजार शिक्षकों के स्कूलों का आवंटन होना है।

8 फीसदी शिक्षक छुट्टी के लिए देते हैं रिश्वत:- जानिए अवकाश में कहां कितना खेल

कानपुर:- बेसिक शिक्षा परिषद के एक सर्वे ने साबित कर दिया है कि बिना पैसा लिए विभाग में आसानी से काम नहीं होता है। हालांकि कानपुर में 170 शिक्षकों के बीच हुए सर्वे में केवल आठ फीसदी ने ही पैसा लेकर अवकाश की शिकायत की। 92 फीसदी ने कहा कि अवकाश में कोई लेन-देन नहीं होता है। नगर के 88 फीसदी से अधिक शिक्षक अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से अवकाश लेते हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ जाती है।

स्कूल महानिदेशक के स्तर से एक सर्वे पूरे प्रदेश में कराया गया था जिसमें कानपुर नगर और कानपुर देहात कम दागदार निकले। मानव संपदा पोर्टल की शुरुआत का पूरे प्रदेश पर असर पड़ा है। इससे अवकाश का पारदर्शी सिस्टम बन गया है जिसमें अवकाश मांगने और देने वाले दोनों पर नजर रखी जा सकती है। अवकाश स्वीकृत करने के दिवस भी तय कर दिए गए हैं। अवकाशन देने के पीछे स्पष्ट कारण भी बताना होगा। ऐसा नकरने पर स्वतः संज्ञान के तहत एक्शन लिया जा सकता है।

कानपुर नगर में कुल 8293 शिक्षक हैं, जिनमें से 192 को फोन किया गया। आईवीआरएस के माध्यम से हुए इस सर्वे में 170 ने कॉल रिसीव की। इनमें से 14 ने कहा कि अवकाश लेने में अधिकारी या कर्मचारी के माध्यम से धनराशि मांगी जाती है। कानपुर देहात में कुल 6750 शिक्षकों में से 165 को सेलेक्ट कर जानकारी ली गई। इनमें से 134 ने जवाब दिए। 102 मानव संपदा पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे 32 नहीं। 10 ने माना धनराशि मांगी जाती है लेकिन 124 का कहना था कि ऐसा नहीं होता है।

अब अवकाश का यह है नियम : स्कूल महानिदेशक के अनुसार चार कैजुअल लीव हेड के स्तर से और इससे अधिक होने पर बीईओ के स्तर से स्वीकृत किया जाएगा। हेड के सभी अवकाश बीईओ के स्तर से स्वीकृत होंगे। मेडिकल आदि के अवकाश बीईओ व बीएसए के स्तर से होंगे लेकिन दो दिन के अंदर निर्णय देना होगा।

उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ :मुख्य सचिव महोदय के आदेश का अनुपालन कराने के सम्बन्ध में पत्र।