लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, बैग एवं जूता मोजा क्रय से धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे छात्रों के अभिभावकों के खाते में भेजी जानी है। डीबीटी योजना का प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया है।
जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि शासन से सिर्फ दो दिन में सभी विवरण पोर्टल में दर्ज करने के आदेश दिए हैं। लेकिन ग्रामीण शिक्षकों के पास इंटरनेट, लैपटाप की समस्या है। परिषदीय शिक्षकों को शिक्षण कार्य छोड़कर अन्य कामों में लगाया जा रहा है। जबकि ये कार्य बीआरसी से होना चाहिए।
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जिले के 36 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की जाएगी नौकरी, बेसिक शिक्षा विभाग ने भेजा नोटिस
लखीमपुर-खीरी : बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात 36 शिक्षक स्कूलों से कई सालों तक लगातार गायब रहे। इन शिक्षकों के बारे में खंड शिक्षा अधिकारियों ने रिपोर्ट बीएसए कार्यालय को भेजी। इनमें से 20 शिक्षकों की सेवा पहले ही समाप्त की जा चुकी है। अब 11 शिक्षक ऐसे हैं जो इसके बाद भी नहीं आए तो अब बीएसए ने इनको अन्तिम नोटिस जारी की है। इसके बाद इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग में 36 शिक्षक ऐसे चिन्हित किए गए जो सालों से स्कूल नहीं जा रहे थे। इन शिक्षकों को नोटिस दी गई।
बीएसए कार्यालय के अनुसार करीब एक साल पहले इनमें से 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। दो शिक्षकों ने नोटिस का जवाब दिया, जांच में सही मिलने पर इन्होंने स्कूल ज्वाइन कर लिया। दो शिक्षकों ने मेडिकल प्रस्तुत किया इनको परीक्षण के लिए भेजा गया है। बताया जाता है कि इनमें से दो शिक्षकों की मौत हो चुकी है। 11 शिक्षक ऐसे हैं जो अब भी स्कूल नहीं आ रहे हैं। सालों से स्कूल से गायब इन शिक्षकों को बीएसए डॉ.लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने अन्तिम नोटिस जारी की है।
बीएसए ने बताया कि इन शिक्षकों को पहले ही दो-तीन नोटिसें जारी की गई थी, लेकिन इन शिक्षकों ने न तो नोटिसों का जवाब और न ही कार्यालय आए। अब इन शिक्षकों को अन्तिम नोटिस जारी की गई है। बीएसए ने बताया कि नोटिस में जो समय दिया गया है उस पर हाजिर न होने पर इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। जब तक इन शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं होगी तब तक सीटें भरी रहेंगी। सेवा समाप्त होने के बाद इन शिक्षकों की सीटें रिक्त हो जाएंगी।
प्रधानाध्यापिका पर बच्चों को पीटने का आरोप, बीईओ को जांच
हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को दर्जनों की संख्या में पहुंचे अभिभावकों ने अपने बच्चों की पिटाई का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय की प्रधानाध्यपिका ने उनके बच्चों को पीटा है। अभिभावकों ने एसडीएम सहजनवा को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। वहीं विद्यालय पर भीड़ को देखते हुए मौके पर हरपुर बुदहट थाना प्रभारी भी पहुंच गए और लोगों को शांत कराया।
अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय की प्रधानाध्यपिका ने दो दिन पहले उनके बच्चों को पीटा था। बुधवार को अभिभावकों ने अपने बच्चो के साथ विद्यालय पर प्रधानाध्यापिका के आने का इंतजार किया। प्रधानाध्यापिका विद्यालय पहुंचने के बाद अभिभावकों की शिकायत को नहीं सुना। इसके बाद अभिभावक विद्यालय के गेट पर प्रदर्शन करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
ग्राम प्रधान द्वारा इसकी शिकायत बीएसए की गयी। बीएसए ने तत्काल इसकी जांच सहजनवां बीईओ को सौंपी। देर शाम को जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया है। बीएसए रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर बीईओ सहजनवां को जांच सौंपी गयी थी। बीईओ की जांच रिपोर्ट के बाद दोनो पक्षों में समझौता करा दिया गया है। इस दौरान पुलिस भी मौजूद रही।
कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु अध्यापकों कर्मचारियों को शत्-प्रतिशत टीकाकरण/वैक्सीनेशन कराये जाने के संबंध में।
आगरा की दिव्यांग शिक्षिका हिमानी बुंदेला ने केबीसी में जीते एक करोड़
“जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता, वो हर काम को अलग तरीके से करता है…” ये शब्द थे आगरा की दिव्यांग प्रतियोगी हिमानी बुंदेला के, जिन्होंने हॉट सीट पर अपनी केबीसी यात्रा शुरू की। उत्साही स्वभाव की हिमानी एक शिक्षिका हैं जो प्राइमरी स्कूल के छात्रों के लिए गणित की क्लास को एक मजेदार क्लास बनाने में जुटी रहती हैं। वह अपने छात्रों की सबसे पसंदीदा शिक्षिका हैं क्योंकि वह मेंटल मैथ्स को ‘मैथ्स मैजिक’ कहकर सीखने का अनुभव खास बना देती हैं। उनकी केबीसी यात्रा 30 और 31 अगस्त को शुरू होगी, जहां वह शो के होस्त अमिताभ बच्चन को मेंटल मैथ्स की कुछ ट्रिक्स भी सिखाती नजर आएंगी।
साल 2011 में, हिमानी एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की शिकार हो गई थीं, जिसके कारण उनकी दृष्टि धुंधली हो गई। कई ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी नहीं बचा सके। एक दर्दनाक अनुभव का सामना करने के बावजूद हिमानी ने अपनी उम्मीदों को गुम नहीं होने दिया और वक्त के साथ, अपनी जिंदगी अपने जुनून के लिए समर्पित कर दी। वो बच्चों को ये सिखा रही हैं और इस बारे में जागरूक बना रही हैं कि विशेष जरूरत वाले लोगों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हिमानी खुश रहने और खुशियां फैलाने में दृढ़ विश्वास रखती हैं। हिमानी ने कहा, “यूं तो जिंदगी सब काट लेते हैं यहां, मगर जिंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए!”
गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 13वें सीजन में हिमानी बड़े ध्यान से और बहुत सटीकता के साथ प्रश्नों का उत्तर देती नजर आएंगी और अपने उत्साह और सकारात्मक रुख से सभी को आकर्षित करेंगी। एक करोड़ के सवाल का सफलतापूर्वक जवाब देने के बाद वह उसी उत्साह के साथ 7 करोड़ के सवाल का जवाब देने का प्रयास करती नजर आएंगी।
हिमानी कहती हैं, ” गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में आना और अमिताभ बच्चन से मिलना हमेशा से एक सपना रहा है और मुझे खुशी है कि मैं इसे पूरा कर पाई। उन्होंने मुझे शो के सेट पर इतना सहज महसूस कराया कि मुझे बिल्कुल भी घबराहट नहीं हुई। दुर्घटना के बाद से मेरा जीवन आसान नहीं रहा है। हममें से बहुतों को, खास तौर पर मेरे माता-पिता, मेरे भाइयों और बहनों को अपनी रोजी रोटी वापस पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।
आगे उन्होंने कहा कि, ”एक दृष्टिहीन महिला होने के नाते, मुझे उम्मीद है कि केबीसी में मेरा आना, मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत-सी आशाएं लेकर आएगा। विशेष जरूरत वाले बहुत-से विद्यार्थियों को स्कूलों और कॉलेजों में तो एडमिशन मिल जाता है, लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग अकादमियां नहीं हैं, जो किसी भी प्रकार के दिव्यांग छात्रों को प्रवेश देती हैं। मैंने जो पैसा जीता है, उससे मैं एक कोचिंग अकादमी खोलना चाहती हूं जो ‘दिव्यांग’ बच्चों को सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करेगी।”
प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 5 साल की सेवा बाद मिलेगा पदोन्नति का मौका, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को करना होगा इंतजार
प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 5 साल की सेवा बाद मिलेगा पदोन्नति का मौका, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को करना होगा इंतजार
लखनऊ। प्रदेश में एक लाख 4 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में तीन लाख से अधिक सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 10 हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। वर्ष 2016 से ही इनकी पदोन्नति नहीं हुई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में वाद लंबित नहीं होने पर उन्हें सबसे पहले प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को करना होगा इंतजार
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति को लेकर उच्च न्यायालय में वाद विचाराधीन है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभाग के प्रमुख सचिव को मजबूत पैरवी कराकर मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया है, ताकि उच्च प्राथमिक अध्यापकों की पदोन्नति भी की जा सके।
जिले में चार बेसिक शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र संदिग्ध
बुलंदशहर। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की धरपकड़ जारी है। जिले में चार शिक्षक ऐसे मिले हैं, जिनका यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र संदिग्धता के घेरे में आया है। बीएसए को इन शिक्षकों की गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को पत्र लिखा है। ताकि इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन हो सके। प्राधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षकों पर बीएसए कार्रवाई करेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2010 के बाद जो शिक्षक भर्ती हुए हैं। शासन के आदेश पर इन शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। पूर्व में कई शिक्षक फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करते हुए पकड़े भी गए हैं। इन्हें विभाग ने बर्खास्त कर रिकवरी भी कर ली है। अब एक बार फिर चार और ऐसे शिक्षकों की शिकायत मिली है, जिनका यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र फर्जी बताया गया है। बीएसए ने स्वयं अपने स्तर से जांच के बाद अब प्रमाणपत्रों को संदिग्धता की श्रेणी में रखते हुए जांच के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र लिखा है।
पूर्व में पकड़े जा चुके हैं ऐसे शिक्षकबेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले शिक्षक पूर्व में भी पकड़े जा चुके हैं। इनमें वर्ष 2010 के बाद भर्ती होने वाले शिक्षकों के साथ अन्य शिक्षक भी शामिल हैं। वहीं, हाल ही में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका का भी फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने का मामला सामने आ चुका है। यह मामला खुलने के बाद कस्तूरबा में तीन और शिक्षिकाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने की बात सामने आई थी।
चार शिक्षकों के यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायत गत दिनों मिली थी। प्रमाण पत्रों का परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से सत्यापन कराया जाएगा और इसके लिए पत्र लिखा गया है। वहां से सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।- अखंड प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी
स्कूल से लौट रहे शिक्षक पर जानलेवा हमला, गंभीर
(बहराइच ) । स्कूल से लौट रहे शिक्षक पर रास्ते में अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया। शिक्षक को गंभीर चोटें आई हैं। आनन-फानन में शिक्षक को मेडिकल कॉलेज बहराइच में भर्ती कराया गया है। हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
रिसिया थाना क्षेत्र के सुकर्दपुरवा गांव निवासी ओम पाठक उच्च प्राथमिक विद्यालय जमालुद्दीन जोत में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं। रोजाना की तरह वह बृहस्पतिवार को भी वह स्कूल गए थे। दोपहर के बाद वह स्कूल से लौट रहे थे । आरोप है कि रास्ते में किशुनपुर गांव को जाने वाले मार्ग पर अज्ञात हमलावरों ने उनको रोक लिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले में शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों की मदद से शिक्षक को नानपारा सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर मेडिकल कॉलेज बहराइच रेफर कर दिया। मटेरा थानाध्यक्ष आरपी यादव ने बताया कि जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
बीएसए कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार, सलाखों के पीछे पहुंचा भ्रष्ट बाबू
उरई : बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने एक शिक्षक के बकाया वेतन भुगतान के बदले रिश्वत मांगी थी। पीड़ित की शिकायत पर जाल बिछाकर आरोपित को धर लिया गया। कोतवाली में आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
कुठौंद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भदेख में सहायक अध्यापक ओम जी राना का फरवरी व मार्च का वेतन रुका है। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को प्रार्थनापत्र देकर बकाया वेतन भुगतान मांगा था, लेकिन कार्यालय से उनकी फाइल आगे नही बढ़ रही थी। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लिपिक विनय कुमार से फाइल कंपलीट कर वेतन दिलवाने की मांग की तो उसने 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी। रुपये न देने पर परेशान किया जा रहा था। इस पर उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की झांसी इकाई में शिकायत की। इसके बाद टीम ने शिक्षक को लिपिक विनय के पास भेजा। विनय ने जैसे ही केमिकल लगाकर भेजे गए 10 हजार रुपये लिए तो टीम ने कार्यालय में ही उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद बीएसए कार्यालय में सनसनी फैल गई। आरोपित को कोतवाली लाया गया।
दस्तावेजों की पड़ताल के लिए टीम दोबारा बीएसए कार्यालय पहुंची और वित्त एवं लेखाधिकारी से भी पूछताछ की। एंटी करप्शन सेल झांसी यूनिट के इंस्पेक्टर प्रेमचंद्र ने बताया कि पीड़ित शिक्षक की शिकायत पर आरोपित विनय कुमार को पकड़ा गया है। मुकदमा दर्ज कराकर आरोपित को कोतवाली पुलिस के सिपुर्द किया गया है।
जागरण संवाददाता, उरई : वेतन समायोजन के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले बाबू विनय कुमार के खिलाफ एंटी करप्शन की टीम ने करीब चार घंटे कवायद की। सब कुछ तय होने के बाद उसे पकड़ा गया। रकम हाथ में थी लिहाजा अपने सफाई में कहने के लिए उसके बाद कुछ नहीं था। अपराधी की तरह गाड़ी में डालने के बाद उसे कोतवाली लाया गया।
एंटी करप्शन की टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रेम चंद्र समेत कुल नौ सदस्य थे, लेकिन सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने के लिए सरकारी गवाह भी जरूरी थे। लिहाजा नियमानुसार एंटी करप्शन की टीम ने डीएम कार्यालय में ऑपरेशन भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट के टीम में शामिल किए गए। इस तरह कुल 11 सदस्यीय टीम दबिश लेने के लिए बीएस कार्यालय पहुंची। इससे पहले ओम जी राना बाबू के पास पहुंचे। उन्होंने दस हजार रुपये बाबू के दिए। नोटों में विशेष केमिकल लगा हुआ था। जिससे बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा सके। अपने लालच के चलते विनय कुमार वर्मा खुद फंस गया। उसे पकड़ने वाली टीम में एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी निरीक्षक प्रेम कुमार , निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, अमरीश कुमार यादव, उप निरीक्षक मोहम्मद इसरार, मुख्य आरक्षी क्रांति कुमार पांडेय, राजबहादुर सिंह, सूर्येंद्र प्रताप सिंह, इरशाद खान, निरंजन सिंह आदि शामिल थे। गिरफ्तार बाबू को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। वहीं शिकायतकर्ता के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।
पैरवी करने वाले भी जुटे : रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार बाबू की उरई में भी अच्छी जान पहचान है, लिहाजा उसकी पैरवी के लिए कोतवाली में तमाम लोग आए, लेकिन बचाव कोई रास्ता नहीं होने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।
उरई : कुठौंद में भदेख गांव के प्रथामिक विद्यालय में तैनात ओमजी राना महोबा से स्थानांतरित होकर आए थे, लेकिन दो माह का वेतन उनका लटका हुआ था। रिश्वत नहीं दे पाने की वजह से वेतन नहीं बनाया जा रहा था। उसने एंटी करप्शन यूनिट में सीधे शिकायत नहीं की बल्कि संगठन में बताया। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय कुमार पटेल ने बताया कि संगठन द्वारा पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। ओमजी राना ने पहले संगठन के लीगल सेल में शिकायत की। संगठन के प्रयास से 183वां भ्रष्ट कर्मचारी गिरफ्तार कराया गया है। जनपद जालौन समेत बुंदेलखंड के 15 रिश्वतखोर कर्मचारी व अधिकारी अभी रडार पर हैं।
सप्ताह में तीन दिन आता था कार्यालय
उरई : दस हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए बाबू के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त बेहद लंबी है। हालांकि एंटी करप्शन सेल में सिर्फ एक शिक्षक ने ही शिकायत की। जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गई। रिश्वत के रुपयों के अलावा वेतन समायोजन से संबंधित पत्रवलीं एंटी करप्शन की टीम ने साक्ष्य के तौर पर सील कीं हैं।
बीएसएस कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी शाखा में तैनात बाबू विनय कुमार वर्मा एक साल पहले ही उरई में संबद्ध हुआ था। जिसे वेतन संबंधी कार्य सौपें गए थे। झांसी के मंडलीय कार्यालय में भी वह संबद्ध है। इसलिये सप्ताह में तीन दिन ही वह उरई आता था। आरोप है कि दूसरे जनपद से ट्रांसफर होकर आये दर्जनों शिक्षकों से उसने वेतन समायोजन करने में घूस ली। शिक्षक ओमजी राणा ने उत्पीड़न की पराकाष्ठा होने के बाद एंटी करप्शन यूनिट में शिकायत करने का मन बनाया गया। अब विनय कुमार सलाखों के पीछे कई और पीड़ित अब शिकायत के लिए आगे आ सकते हैं। एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक अमरीश कुमार यादव के अनुसार विनय कुमार द्वारा पैसे लेकर वेतन के समायोजन करने से संबंधित पत्रवलियां कब्जे में लेकर सील कर दी गईं हैं। जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ेगी।
69000 शिक्षक भर्ती में तय आरक्षण से ओबीसी और एससी अभ्यर्थी अधिक चयनित, देखें यह आंकड़े
लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों में 69000 शिक्षक भर्ती में चयनितों की तस्वीर साफ हो गई है। इसमें तय आरक्षण से अधिक ओबीसी व एससी अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। पिछड़ा वर्ग के 12630 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में अपनी मेधा के दम पर जगह पाने में सफल रहे। वहीं, विशेष आरक्षण व आरक्षित अभ्यर्थियों को उनके गुणांक, जिला वरीयता विकल्प के आधार पर जिले का आवंटन किया गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की उनके गुणांक, श्रेणी, जिला वरीयता विकल्प के आधार पर सबसे पहले अनारक्षित श्रेणी के रिक्त पदों के सापेक्ष उपलब्धता देखी गई।
यदि वरीयता वाले जिले में अनारक्षित पद खाली नहीं था तो उन्हें आरक्षित वर्ग में रिक्त पद के सापेक्ष जिला आवंटन किया गया। महानिदेशक ने बताया कि असफल अभ्यर्थी भ्रम फैला रहे हैं कि अनारक्षित अभ्यर्थी अंतिम कटआफ अंक के बाद भी जिलों की आवंटन सूची में शामिल हैं, ऐसे अभ्यर्थी विशेष आरक्षण का लाभ पाने वाले हैं जो अपनी श्रेणी में चयनित हुए हैं। उनका कटआफ अंक अनारक्षित से कम है।