घर में रखा है सोना, जो जरूर जान लें ये नया नियम,वरना सरकार कर लेगी जब्त

नई दिल्ली। भारतीय सोने खरीदना, सोना पहनना और सोने को घर में रखना शुभ मानते हैं। घर में सोने रखने की भी कोई सीमा तय नहीं है। सरकार ने 1990 में गोल्ड कंट्रोल एक्ट को खत्म कर दिया था। इस एक्ट की मदद से सोना रखने की लिमिट तय थी। एक्ट के खत्म होने के बाद घर में सोना रखनी की कोई सीमा तय नहीं है, लेकिन आपको बता दें कि घर पर रखे सोने के गहनों के लिए आपको सोर्स बताना होगा। सरकार ने साल 2016 में की गई नोटबंद के बाद सोने के लिए सोर्स को अनिवार्य कर दिया है। CBDT ने घर में रखे गहनों के लिए सोर्स बताना अनिवार्य कर दिया है।

घर में रखा है सोना तो जान लें ये बातें

वहीं घर में सोना रखने को लेकर कुछ नियम भी तय किए गए हैं। इन नियमों के तहत अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी में घर में सोना मिलता है तो विभाग छापे में विवाहित महिला के पास 500 ग्राम गहने जब्त नहीं कर सकती है। मतलब विवाहित महिलाओं को 500 ग्राम तक सोना रखने की अनुमित है। वहीं अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम जब्त नहीं होगी। अगर पुरूषों की बात करें तो एक पुरुष के पास 100 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे जब्त नहीं कर सकता है।

सोने-चांदी के बर्तनों पर टैक्स नहीं

इसके अलावा घर में रखे सोने-चांदी के बर्तनों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि अगर आपके पास तय सीमा से ज्यादा सोना घर में रखा है तो बिना देर किए उसकी रजिस्टर्ड वैलुअर से वैल्यूएशन कराएं। ज्वेलरी की डिटेल के साथ-साथ उसके सोर्स को बताना भी अनिवार्य है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आप मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर आप अपने सोने की ज्वैलरी का सोर्स बताने में असफल रहते हैं तो आयकर विभाग उन गहनों को जब्त कर सकता है।

सोने की वजह से बढ़ सकती है मुश्किल

अगर आपके पास तय सीमा से ज्यादा सोना घर में रखा है और आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को उन सोने के गहनों के सोर्स के बारे में जानकारी नहीं दे पाते हैं तो विभाग उस सोने को जब्त कर सकता है। इसके अलावा घर पर रखे गहनों का सोर्स नहीं बताने पर टैक्स भी देना होगा। इन गहनों पर आपको 138% तक का टैक्स देना होगा। हालांकि आपको बता दें कि शादी में मिले गहनों पर टैक्स नहीं लगता। दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले गहनों पर टैक्स नहीं लगता। जबकि शादी में मिले गोल्ड के बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए झटका, Moodys ने क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से किया नेगेटिव

Moodys इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा।.

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से एक बुरी खबर है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से नेगेटिव करने के लिए दृष्टिकोण बदल दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच मूडीज ने यह बड़ा अनुमान व्यक्त किया है। मूडीज ने BAA2 रेटिंग की पुष्टि की है और उसका मानना है कि इकोनॉमी में सुस्ती का जोखिम बढ़ता जा रहा है।

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार, आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा। बता दें कि एजेंसी ने भारत के लिए Baa2 विदेशी मुद्रा और स्थानीय-मुद्रा दीर्घकालिक जारीकर्ता रेटिंग की पुष्टि की है।

भारत की रेटिंग में यह गिरावट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के अनुमान में कमी करने के बाद आई है। साथ ही यह ऐसा समय है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर डिमांड के कारण बुरे दौर से गुजर रही है।

हालांकि, सरकार अभी भी कह रही है कि भारत दुनिया में तेजी से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। गौरतलब है कि मोदी सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। वहीं, दूसरी तरफ रेटिंग एजेंसियां भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को लगातार कम कर रही हैं, जो कि चिंता की बात है।

यहां बता दें कि पिछले महीने रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह 6.2 फीसद था। इसके अलावा एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 फीसद बताया था।