UP Basic Shiksha News: प्रत्येक परिषदीय स्कूल काे दिए जाएंगे दो-दो टैबलेट, उपस्थिति के साथ योजनाओं की होगी बेहतर निगरानी

 

UP News: प्रत्येक परिषदीय स्कूल काे दिए जाएंगे दो-दो टैबलेट, उपस्थिति के साथ योजनाओं की होगी बेहतर निगरानी

अब प्रत्येक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट की मदद से विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ योजनाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी। अभी इन स्कूलों में उपस्थिति मिड डे मील पाठ्य-पुस्तक वितरण पत्र व्यवहार व रखरखाव सहित 14 रजिस्टर डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे। विभिन्न योजनाओं का किन-किन विद्यार्थियों को लाभ मिला इसका रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा।

अब प्रत्येक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट की मदद से विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ योजनाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी। अभी इन स्कूलों में उपस्थिति, मिड डे मील, पाठ्य-पुस्तक वितरण, पत्र व्यवहार व रखरखाव सहित 14 रजिस्टर डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे। विभिन्न योजनाओं का किन-किन विद्यार्थियों को लाभ मिला, इसका रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा।

 

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि 1.36 लाख परिषदीय स्कूलों को पहले चरण में 2.09 लाख टेबलेट भेजे जा रहे हैं। बाकी टैबलेट दूसरे चरण में स्कूलों में भेजे जाएंगे। स्कूलों के रजिस्टर तो डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे ही बल्कि शिक्षकों को इसके माध्यम से ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। सरल एप सहित कई जरूरी एप इस पर मौजूद रहेंगे।

 

निपुण लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के विद्यार्थियों की ओएमआर शीट पर परीक्षा लेने के बाद उसे स्कैन कर आसानी से अपलोड किया जा सकेगा। स्कूलों में एक टैबलेट प्रधानाध्यापक और दूसरा टैबलेट वरिष्ठ शिक्षक के पास रहेगा। टैबलेट पर बायोमेट्रिक उपस्थिति की भी व्यवस्था है। यानी किस-किस विद्यार्थी को पाठ्य पुस्तक सहित विभिन्न लाभ मिल रहे हैं, उसका पारदर्शी सत्यापन हो सकेगा।

विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसे इससे लिंक किया जाएगा। फिलहाल, शिक्षकों की उपस्थिति के लिए अभी कोई व्यवस्था इस टैबलेट के माध्यम से दर्ज करने की नहीं है। आगे जरूरत के अनुसार फेशियल रिकाग्निशन सिस्टम यानी चेहरे को पहचानकर उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था होगी। फिर विद्यार्थियों के लिए भी बायोमेट्रिक की जगह प्रतिदिन स्कूल में उपस्थिति दर्ज करने के लिए यही व्यवस्था होगी।

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के संबंध में।

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के संबंध में।

बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में हेडमास्टर समेत दो शिक्षकों को टैबलेट देने की तैयारी

बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में हेडमास्टर समेत दो शिक्षकों को टैबलेट देने की तैयारी

लखनऊ : बुनियादी शिक्षा में इस सत्र में डिजिटल पर जोर रहेगा। बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा।

केन्द्र सरकार ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक राज्य सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। 

प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट दिए जाने की योजना में विस्तार करते हुए अब प्रधानाध्यापक के अलावा स्कूल के एक और शिक्षक को टैबलेट दिया जाएगा।


इस टैबलेट से बायोमीट्रिक हाजिरी भी लगाई जाएगी और इसे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। बीआरसी व एआरपी आदि को भी टैबलेट दिया जाना है। कुल 209862 टैबलेट खरीदे जाएंगे और इस योजना के लिए 59.86 करोड़ बजट मंजूर किया गया है।

सरकारी स्कूलों में 3 महीने के अंदर शुरू होगी बायोमेट्रिक हाजिरी

सरकारी स्कूलों में 3 महीने के अंदर शुरू होगी बायोमेट्रिक हाजिरी

यूपी के प्राइमरी स्कूल भले ही बायोमीट्रिक हाजिरी अभी तक लागू नहीं कर पाए हों लेकिन माध्यमिक स्कूलों में इस पर काम शुरू हो गया है। सभी स्कूलों को 100 दिन के अंदर इसे लागू करना है। वहीं हर सरकारी स्कूल में वाईफाई की व्यवस्था भी की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने प्रदेश भर के स्कूलों की वस्तुस्थिति के बारे में रिपोर्ट तलब की है।

इस रिपोर्ट के मिलने के बाद इसे लागू करने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री के सामने रखी गई 100 दिन की कार्ययोजना में स्कूलों की अपनी वेबसाइट और अपना ई-मेल आईडी भी बनाना होगा। इसे कैसे लागू किया जाएगा, इसमें कितने बजट की आवश्यकता है और किस तरह से बायोमीट्रिक हाजिरी की मॉनिटरिंग की जाए, इस पर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा

माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य नहीं है। कई बार विभाग ने कवायद शुरू की लेकिन कभी शिक्षक संगठनों के विरोध तो कभी बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया। हालांकि प्रदेश के कुछ स्कूलों में उत्साही प्रधानायापकों या डीआईओएस के कारण बायोमीट्रिक हाजिरी का प्राविधान लागू किया गया है। शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिछले कार्यकाल में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। पिछले वर्ष इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी लेकिन इसकी रिपोर्ट पर भी कार्रवाई नहीं हो पाई।

बेसिक के स्कूलों में अभी तक लागू नहीं

बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 2017 से बायोमीट्रिक हाजिरी लेने की योजना है। पहले सेल्फी से हाजिरी की योजना लागू की गई लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा। वर्ष 2019 में टैबलेट के माध्यम से बायेामीट्रिक हाजिरी पर सहमति बनी लेकिन अभी तक टैबलेट खरीदे नहीं जा सके हैं।

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वर्ष के अंत तक स्कूलों में पहुंच जाएंगे टैबलेट, बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी ली जा सकेगी

प्रदेश के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में टेबलेट इस वर्ष के अंत तक पहुंच जाएंगे। प्रदेश के 1.59 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक-एक टेबलेट दिया जाना है। इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग को 1,64, 323 टैबलेट खरीदने हैं और इसमें 150 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वर्ष के अंत तक टैबलेट स्कूलों तक पहुंच जाएंगे। टैबलेट के लिए कम्पनियां 29 सितम्बर तक आवेदन कर सकेंगी। कम्पनियों को ब्लॉक स्तर पर टेबलेट की सप्लाई देनी होगी। इस टेबलेट में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था है। इसके जरिए प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। पिछले सत्र में भी टेबलेट की योजना आई थी लेकिन इसके टेण्डर में ज्यादा कम्पनियां नहीं आईं थीं। इक्का-दुकक्‍्का कम्पनियों के चलते खरीद प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। इस बार फिर से टेबलेट प्रधानचार्यों को देने की तैयारी है। प्रधानाध्यापकों के अलावा इसे 4400 अकादमिक रिसोर्स पर्सन और 880 ब्लॉक रिसोर्स सेण्टर को भी टेबलेट दिया जाएगा। इसके साथ डाटा प्लान भी दिया जाएगा।


बच्चों की बायोमीट्रिक हाजिरी ली जा सकेगी 
पिछले सत्र में राज्य सरकार ऐसे टैबलेट की खरीद करने जा रही थी जिससे फोटो के माध्यम से हाजिरी ली जा सके | लेकिन सेल्फी के माध्यम से हाजिरी का खूब विरोध हुआ जिसका तोड़ निकालते हुए सरकार ने बायोमीट्रिक हाजिरी वाले की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से बच्चों की हाजिरी भी सुनिश्चित करने की योजना है|

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