शिक्षकों को हाईकोर्ट की रोक के बाद भी बनाया गया बीएलओ, जबकि यह हैं कोर्ट के निर्देश

गोंडा। बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को पहली बार मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में भी ड्यूटी लगा दी गई है। जबकि शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा तीन कार्यों में ही ड्यूटी लगाये जाने की व्यवस्था है।



हाईकोर्ट की ओर से इसके लिए स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षकों से अन्य कार्य में ड्यूटी न लगाई जाए। निर्वाचन कार्य में सिर्फ चुनाव के दौरान पीठासीन या मतदान अधिकारी की ही ड्यूटी लिये जाने की छूट है। इसलिए बीएलओ शिक्षकों को कभी नहीं बनाया गया। इस बार सदर व करनैलगंज में बीएलओ की ड्यूटी से सभी भौचक्के हैं।

निर्वाचन आयोग की ओर से पहली नवंबर से 30 नवंबर तक मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य शुरू किया जा रहा है। इसमें अभी तक रोजगार सेवक, शिक्षामित्र, सफाई कर्मी आदि की ही ड्यूटी लगाई जाती रही है। लेकिन इस बार शिक्षकों को भी ड्यूटी लगा दी गई।
अभी हाल ही में कोरोना संकट के बाद स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुई थी और डीबीटी कार्य भी चल रहा है। ऐसे में ऐन वक्त पर बीएलओ बनाये जाने से शिक्षक भी हतप्रभ हैं। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद कुमार त्रिपाठी कहते हैं कि ड्यूटी गलत तरीके से लगाई गई है।
निर्वाचन आयोग ने भी ऐसा कोई आदेश नही दिया है। शिक्षकों को पंचायत चुनाव, लोकसभा व विधानसभा चुनाव ड्यूटी और दस साल जनगणना का कार्य लिये जाने का आदेश है। अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई है।

अध्यापक से नही कराया जा सकता BLO का कार्य : हाइकोर्ट

अध्यापक से नही कराया जा सकता BLO का कार्य : इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने याची के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह की याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि शिक्षकों का कार्य अध्यापन है ऐसे में उनको अध्यापन के अतिरिक्त अन्य कार्यों में लगाए जाने को सही नही ठहराया जा सकता।

उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए कहा कि, इस न्यायालय द्वारा पहले से तय किए गए कानून के मद्देनजर, रिट याचिका का निपटारा अधिकारियों को इस निर्देश के साथ किया जाता है कि वे सुनीता शर्मा (सुप्रा) के मामले में निर्धारित कानून के अनुसार सख्ती से कार्य करें और याचिकाकर्ता तथा याची जैसे अन्य शिक्षकों को शिक्षण के अतिरिक्त ऐसे कार्यों मे ना लगाएं जिसका प्रभाव छात्रों को शिक्षा से वंचित करने के रूप में होता हो।

शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्ति, हाईकोर्ट का ऑर्डर शिक्षकों/कर्मचारियों से जबरन न कराई जाए बीएलओ ड्यूटी BLO Duty Highcourt order

शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्ति, हाईकोर्ट का ऑर्डर शिक्षकों/कर्मचारियों से जबरन न कराई जाए बीएलओ ड्यूटी BLO Duty Highcourt order

BLO ड्यूटी से शिक्षकों को मिली राहत –  
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने राकेश विश्वकर्मा व 3 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को BLO ड्यूटी से अनन्तिम राहत देते हुए एक पिछले ऑर्डर के आधार पर BLO ड्यूटी न लगाए जाने सम्बंधित ऑर्डर दिया है।


कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को BLO के रूप में ड्यूटी करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा
The petitioner shall not be forced to perform duties as a booth level officer