प्रोबेशन अधिकारी ‘नीरज कुमार’ का कमाऊ “पूत” बना “हनुमंत” “शिक्षकों” से “वसूली” बनी गले की “फांस”, प्राथमिक शिक्षक संघ ने शोषण के खिलाफ छेड़ा अभियान

प्रोबेशन अधिकारी का कमाऊ “पूत” बना “हनुमंत” “शिक्षकों” से “वसूली” बनी गले की “फांस”


👉कार्रवाई का भय दिखाकर शिक्षकों से हुई वसूली का मास्टरमाइंड है पर्दे के पीछे!
👉प्रोबेशन विभाग से नहीं है कोई वास्ता फिर भी प्रोबेशन अधिकारी के आवास से लेकर दफ्तर तक बस वो ही वो!
👉संविदा कर्मी के धन वसूली के कबूलनामें के बाद विभाग में मचा हड़कंप,अधिकारी सक्ते में!
👉शिक्षकों की जांच का शिकायतकर्ता ना मिलने से साहब की बढी और मुसीबत!
👉नियुक्तियों,एक बड़े भुगतान पर नजराना लेने एवं गाड़ी की संबद्धता में भी है बड़ा खेल!
👉आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार प्राशिसं जनपद आ रहे डिप्टी सीएम से करेगा शिकायत!
👉शिक्षकों से वसूली गई धनराशि को गुपचुप उन तक पहुंचाने का भी बुना जा रहा ताना बाना!
👉अपने सम्मान,स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने वालों को बख्शने के मूड में नहीं हैं शिक्षक!


(हरीश शुक्ल)
✍🏿 निरीक्षण एवं कार्रवाई का भय दिखाकर शिक्षकों से धन की उगाही के मामले में फंसे जिला प्रोबेशन अधिकारी अब अपने बचाव के हर रास्ते को ढूंढ रहे हैं।जिन ‘चिंटू-पिंटू’ के दम पर वसूली का खेल खेला जा रहा था उसी में एक ने साफ कह दिया है कि अगर उस पर कार्रवाई हुई तो वह बेईमान की कालिख अकेले अपने चेहरे पर नहीं पुतवाएगा और सब कुछ साफ-साफ बताएगा। रायबरेली जनपद के रहने वाला पीओ के एक अन्य शागिर्द का प्रोबेशन विभाग से कोई लेना देना नहीं है लेकिन उसका हस्तक्षेप इस कदर से है कि पीओ के घर से लेकर दफ्तर तक तूती उसकी ही बोलती है। या यूं कहा जाए कि प्रोबेशन अधिकारी अपने इस कमाऊ पूत के जरिए ही हवा में गोते लगा रहे हैं। मामला जांच के आदेश के बाद शासन तक पहुंचा है और जनपद आ रहे डिप्टी सीएम से मिल शिकायत करने एवं पूरे प्रकरण की जांच कराने की प्राथमिक शिक्षक संघ ने बात कही है। वन स्टॉप सेंटर,परामर्शदाता की नियुक्ति एवं मार्च माह में हुए एक बडे भुगतान के बदले नजराना लिए जाने के मामले में भी विभाग में बड़े खेल होने की जानकारी सामने आई है। अब इन प्रकरणों पर भी जांच कराए जाने की तैयारी है।
फतेहपुर जिले में असोथर विकास खंड क्षेत्र के स्कूलों में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक शिकायत के जरिए 10 विद्यालयों एवं शिक्षकों पर निरीक्षण एवं कार्रवाई का भय दिखा कर की गई धन वसूली का मामला बुरी तरह से फंस गया है।उत्पीड़न का शिकार हुए शिक्षक राजफास कर रहे हैं तो प्राथमिक शिक्षक संघ पूरे प्रकरण पर भ्रष्ट अधिकारी एवं उनके सहायकों के चेहरों से नकाब उतार कर बड़ी कार्रवाई करने की मांग पर अडा है। मामला फंसता देख अफसर बैकफुट पर है और अपने बचाव के सारे हथकंडे वह अपना रहा है।एक संविदा कर्मी पर बेईमानी का पूरा ठीकरा फोड़ने की तैयारी की जा रही है तो अंदर ही अंदर मामले को शांत कराने के लिए वसूली गई धनराशि को उन शिक्षकों तक पहुंचाने का भी ताना-बाना बुना जा रहा है लेकिन अपने सम्मान व स्वाभिमान पर चोट खाए शिक्षक व संगठन कार्रवाई पर अड गया है। जिस संविदा कर्मी को बलि का बकरा बनाने की तैयारी की जा रही है उसने भी साफ कह दिया है कि वह छोटा कर्मचारी है और उसकी हैसियत ही क्या है कि अपनी मर्जी से किसी स्कूल का निरीक्षण करे या फिर धन की वसूली करे।उसने वही किया जो उससे कहा गया। अगर अकेले उस पर कार्रवाई हुई तो वह चुप नहीं बैठेगा और सारी हकीकत अफसरों को बताएगा।संविदा कर्मी की इस बात ने विभाग में खलबली मचा कर रख दी है।
पर्दे के पीछे चल रहे एक दूसरे सहायक की भी भूमिका इस खेल में कहीं अधिक है।रायबरेली के इस शख्स का प्रोबेशन विभाग से कोई वास्ता नहीं है लेकिन अधिकारी के दफ्तर से लेकर घर तक सिर्फ वो ही वो है।कहा तो यह तक जा रहा है कि सेटिंग-गेंटिंग का पूरा खेल अब तक इसी के जरिए किया जा रहा था। दबी जुबान कार्यालय कर्मी भी इसे स्वीकार कर रहे हैं कि एक बाहरी व्यक्ति के हस्तक्षेप से उनका काम करना मुश्किल हो रहा है।प्रोबेशन विभाग से की गई नियुक्तियां,मार्च माह में किए गए एक बड़े भुगतान एवं संबद्ध की गई गाड़ी का खेल भी अब जांच के दायरे में आने वाला है।इसकी शिकायत विभागीय मंत्री एवं अधिकारियों तक पहुंची है। खबर है कि जल्द ही विभाग के घोटालों से पर्दा उठाने के लिए जांच टीम शासन से आ सकती है।जिला प्रोबेशन अधिकारी नीरज कुमार शिक्षकों से हुई वसूली का ठीकरा संविदा कर्मी पर थोप रहे हैं। उनका कहना है कि जो हुआ वह गलत हुआ कार्रवाई की जाएगी।जांच भी बैठी है लेकिन उनकी मौजूदगी में हुए इस बड़े खेल से अनजान होने की वजह उनके पास नहीं है।

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