69000 शिक्षक भर्ती के मामले में प्रभावित जाएंगे डबल बेंच, हाईकोर्ट ने दिया है चयन सूची रद कर रिव्यू का आदेश

69000 शिक्षक भर्ती के मामले में प्रभावित जाएंगे डबल बेंच

हाई कोर्ट ने दिया है चयन सूची रद कर रिव्यू का आदेश, 

पीड़ितों ने शिकायती पत्र में लगाया 19000 सीटों पर गड़बड़ी का आरोप

प्रयागराजः बेसिक शिक्षा की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में चयन सूची को गलत मानते हुए दोबारा रिव्यू करने के लखनऊ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के बाद मामला और उलझ गया है। इस भर्ती में आरक्षित वर्ग में बाद में चयनित 6800 अभ्यर्थियों की सूची खारिज करने के बाद इन अभ्यर्थियों ने लखनऊ में विरोध शुरू कर दिया है। 

इधर, पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं संरक्षक भास्कर सिंह यादव ने कहा है कि वह लखनऊ हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के विरुद्ध हाई कोर्ट की डबल बेंच में विशेष अपील जल्द दाखिल करेंगे।


आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र एवं ई-मेल के माध्यम से बताया है कि इस शिक्षक भर्ती में 19000 से अधिक सीटों पर आरक्षण की गड़बड़ी हुई है। तीन साल की लड़ाई के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है।


इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत की जगह 3.80 प्रतिशत तथा एससी वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह 16.2 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसे बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन बताया है।


संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी का कहना है कि ओबीसी एवं एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग गलत ढंग से कराई गई है, जिससे उन्हें पदों का नुकसान हुआ है। मांग की है कि उनके साथ न्याय किया जाए। इधर, कोर्ट के आदेश के बाद सरकार के रिव्यू में कुछ और बड़ा उलटफेर भी हो सकता है।

शिक्षक जिले में पांच वर्ष से पूर्व भी मांग सकते अंतर जिला तबादला: हाईकोर्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि विशेष परिस्थितियों में एक जिले में पांच वर्ष की अवधि पूरी करने से पहले भी सहायक अध्यापक अंतर जिला तबादले की मांग कर सकते हैं। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को याची के तबादले पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रयागराज में सहायक धर्मेद्र सिंह राजपूत की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी फीरोजाबाद में सहायक अध्यापिका है।

याची ने अंतर जिला स्थानांतरण फीरोजाबाद करने के लिए आनलाइन आवेदन किया था। उसका आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि उसने अभी प्रयागराज में पांच वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं की है, जबकि बेसिक शिक्षा परिषद की नियमावली में विशेष परिस्थितियों में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्यता में छूट दिए जाने का प्रविधान है। पति-पत्नी एक साथ रहे, एक ही जिले में कार्य करें, यह विशेष परिस्थिति में आता है। लिहाजा याची का स्थानांतरण फिरोजाबाद किया जाना चाहिए। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि याची के प्रत्यावेदन पर नए सिरे से विचार कर निर्णय लिया जाए।