भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए झटका, Moodys ने क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से किया नेगेटिव

Moodys इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा।.

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से एक बुरी खबर है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से नेगेटिव करने के लिए दृष्टिकोण बदल दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच मूडीज ने यह बड़ा अनुमान व्यक्त किया है। मूडीज ने BAA2 रेटिंग की पुष्टि की है और उसका मानना है कि इकोनॉमी में सुस्ती का जोखिम बढ़ता जा रहा है।

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार, आर्थिक विकास पहले की तुलना में कम रहेगा। साथ ही एजेंसी ने कहा कि भविष्य में लंबे समय तक आर्थिक मंदी की अटकलें बनी रहेंगी और कर्ज बढ़ेगा। बता दें कि एजेंसी ने भारत के लिए Baa2 विदेशी मुद्रा और स्थानीय-मुद्रा दीर्घकालिक जारीकर्ता रेटिंग की पुष्टि की है।

भारत की रेटिंग में यह गिरावट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के अनुमान में कमी करने के बाद आई है। साथ ही यह ऐसा समय है जब भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर डिमांड के कारण बुरे दौर से गुजर रही है।

हालांकि, सरकार अभी भी कह रही है कि भारत दुनिया में तेजी से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। गौरतलब है कि मोदी सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। वहीं, दूसरी तरफ रेटिंग एजेंसियां भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को लगातार कम कर रही हैं, जो कि चिंता की बात है।

यहां बता दें कि पिछले महीने रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह 6.2 फीसद था। इसके अलावा एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 फीसद बताया था।